कोलकाताः पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले में सोमवार को कंचनजंगा एक्सप्रेस और एक मालगाड़ी की टक्कर में 15 लोगों की मौत हो गई है और 60 घायल हो गए। दुर्घटना सोमवार सुबह न्यू जलपाईगुड़ी और रंगापानी रेलवे स्टेशनों के बीच हुई थी। रेल अधिकारियों ने बताया कि एक मालगाड़ी ने सियालदह जाने वाली कंचनजंगा एक्सप्रेस को पीछे से टक्कर मार दी। टक्कर लगने से कंचनजंगा एक्सप्रेस की कई बोगियां पटरी से उतर गई।
हादसे में 2 लोको पायलट और 1 गार्ड की भी मौत
उत्तर बंगाल के न्यू जलपाईगुड़ी स्टेशन से करीब 30 किलोमीटर दूर यह हादसा हुआ है। बचाव अभियायन पूरा कर लिया गया है। घायलों को नजदीकी अस्पतालों में पहुंचाया जा रहा है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने पीटीआई को बताया, “इस दुर्घटना में अब तक कम से कम 15 लोगों की मौत हो चुकी है और 60 लोग घायल हुए हैं।”
रेलवे बोर्ड की अध्यक्ष एवं सीईओ जया वर्मा सिन्हा ने बताया कि मरने वालों में 3 रेलवे कर्मचारी भी हैं जिसमें 2 लोको पायलट और 1 कंचनजंगा एक्सप्रेस ट्रेन के गार्ड हैं। अन्य हताहतों की विस्तृत जानकारी अभी नहीं है।
#WATCH रेलवे बोर्ड की अध्यक्ष एवं CEO जया वर्मा सिन्हा ने कंचनजंगा एक्सप्रेस ट्रेन दुर्घटना पर कहा, “मालगाड़ी के चालक और सहायक चालक तथा कंचनजंगा एक्सप्रेस ट्रेन के गार्ड की इस दुर्घटना में मृत्यु हो गई है।” pic.twitter.com/XozO0h1XjC
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 17, 2024
सिग्नल जंप की वजह से हुआ हादसा
एनडीटीवी के मुताबिक, शुरुआती जांच में मानवीय भूल की बात सामने आई है। रिपोर्ट के मुताबिक, सिग्नल जंप की वजह से यह हादसा हुआ। मालगाड़ी के ड्राइवर ने सिग्नल जंप करके पीछे से कंचनजंगा को टक्कर मार दी। जंप करने वाले लोको पायलट की मौत हो गई है। अगरतला-सियालदाह रूट पर सभी रेलवे स्टेशनों पर हेल्प डेस्क बनाए गए हैं।
पीएम मोदी ने शोक व्यक्त किया
हादसे पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी समेत कई लोगों ने शोक जताया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, “पश्चिम बंगाल में हुई रेल दुर्घटना दुखद है। मेरी संवेदनाएं उन सभी लोगों के साथ हैं जिन लोगों ने अपने प्रियजनों को खोया है। घायलों के जल्द ठीक होने की प्रार्थना करता हूं। अधिकारियों से बात की और स्थिति का जायजा लिया है। प्रभावितों की सहायता के लिए बचाव कार्य जारी है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव भी दुर्घटनास्थल पर जा रहे हैं।”
मुआवजे की घोषणा
हादसे में जान गंवाने वालों पीड़ित परिवारों के लिए केंद्र, राज्य सरकार और रेलवे ने मुआवजे की घोषणा की है। प्रधानमंत्री कार्यालय ने पीड़ित परिवारों को 2 लाख रुपये और घायलों की 50 हजार रुपये की आर्थिक मदद देने का भी ऐलान किया। प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक्स पर लिखा, ”प्रधानमंत्री मोदी ने घोषणा की है कि पश्चिम बंगाल में रेल दुर्घटना में मारे गए प्रत्येक व्यक्ति के परिजनों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से 2 लाख रुपये की सहायता राशि दी जाएगी। घायलों को 50,000 रुपये दिए जाएंगे।” केंद्र के अलावा पश्चिम बंगाल की सरकार ने भी पीड़ित के निकटतम परिजनों को 2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है। इसके अलावा रेलवे ने भी मृतकों के परिजनों के लिए 10 लाख रुपए की सहायता राशि की घोषणा की है। जबकि घायलों को 2.50 लाख रुपए और मामूली रूप से घायलों को 50 हजार देने का ऐलान किया है।
घटनास्थल के लिए रवाना हुए रेल मंत्री, प. बंगाल की सीएम
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री घटना स्थल के लिए रवाना हो गए हैं। एक बयान में रेल मंत्री ने कहा कि रेलवे के “वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंच गये हैं। उन्होंने कहा, एनएफआर जोन में दुर्भाग्यपूर्ण हादसा हुआ है। बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी है। रेलवे, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ पूरे तालमेल के साथ काम कर रहे हैं। घायलों को अस्पताल पहुंचाया जा रहा है।” खबरों के मुताबिक पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी घटनास्थल के लिए रवाना हो चुकी हैं।
घायलों को सिलीगुड़ी के नॉर्थ बंगाल मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल ले जाया गया
घायलों को सिलीगुड़ी के नॉर्थ बंगाल मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल ले जाया गया है। कंचनजंगा एक्सप्रेस के कुछ यात्रियों ने कहा कि उन्होंने कम से कम तीन-चार टक्करों की आवाजें सुनीं।
रेल हादसे के लिए रेलवे ने हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं–
* सियालदह में हेल्प डेस्क नंबर: 033-23508794, 033-23833326
* गुवाहाटी रेलवे स्टेशन के लिए हेल्प लाइन नंबर: 03612731621, 03612731622, 03612731623
* एलएमजी हेल्पलाइन नंबर: 03674263958, 03674263831, 03674263120, 03674263126, 03674263858
पिछले साल जून में ही हुआ था बालेश्वर रेल हादसा
यह हादसा ओडिशा के बालेश्वर में हुए रेल हादसे के एक साल बाद हुई है। पिछले साल 2 जून को ओडिशा के बालेश्वर में एक मालगाड़ी, कोरोमंडल एक्सप्रेस और बेंगलुरु-हावड़ा एसएफ एक्सप्रेस ट्रेनोंं की टक्कर में 280 से अधिक लोग मारे गए थे।
भारत का व्यापक रेल नेटवर्क, जो दुनिया के सबसे बड़े नेटवर्क में से एक है, 160 साल से भी पहले ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन में बनाया गया था। भारत में रेलवे नेटवर्क दुनिया के सबसे बड़े रेलवे नेटवर्क में से एक है। भारतीय रेलवे के पास लगभग 67,956 किलोमीटर (42,226 मील) लंबी पटरियों का जाल है। जिसपर हर दिन लगभग 11,000 ट्रेनें चलती हैं।
लेकिन रेलवे की पटरियों और बोगियों की खस्ता हालत को अक्सर दुर्घटनाओं और देरी का कारण बताया जाता है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक हादसों की संख्या कम हो रही है, लेकिन हादसे होना अभी भी आम बात है।
2021 में पूरे देश में तकरीबन 18,000 रेल हादसों में 16,000 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी ( राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के अनुसार). ज्यादातर हादसे या तो चलती ट्रेन से गिरने से होते हैं या फिर ट्रैक पर खड़े लोगों से टक्कर होने से। ट्रेनों में आपस में टक्कर होना कम आम है।
भारत को $5 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए रेलवे सहित पूरे देश के ट्रांसपोर्ट सिस्टम को दुरुस्त करना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्राथमिकता है। पिछले साल केंद्र सरकार ने हवाई अड्डों, सड़क और रेलवे निर्माण समेत दूसरे इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स पर खर्च बढ़ाकर 1.7% जीडीपी यानी $122 बिलियन कर दिया था। इस बजट का एक बड़ा हिस्सा हाई-स्पीड ट्रेनों को लाने पर खर्च किया जाएगा।