राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ट्रस्टी कामेश्वर चौपाल का शुक्रवार को निधन हो गया। Photograph: (IANS)
अयोध्याः राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ट्रस्टी कामेश्वर चौपाल का शुक्रवार को निधन हो गया। वो लंबे समय से बीमार थे और सर गंगाराम अस्पताल में उपाचराधीन थे। कामेश्वर चौपाल ने राम मंदिर आधारशिला में पहली ईंट रखी थी। संघ ने उन्हें प्रथम कार सेवक का दर्जा भी दिया था।
भव्य राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी 2024 को की गई थी, लेकिन राम मंदिर आंदोलन में 9 नवंबर 1989 को पहली आधारशीला रखने वाले कामेश्वर चौपाल ही थे। उस समय वे विश्व हिंदू परिषद के स्वयंसेवक भी थे। राम मंदिर आंदोलन में कामेश्वर चौपाल की महत्वपूर्ण भूमिका थी। उनकी अहम भूमिका देखते हुए ही उन्हें आधारशीला रखने के लिए चुना गया था।
कामेश्वर चौपाल का जन्म 24 अप्रैल 1956 को बिहार के सुपौल जिले में हुआ था। वे एक प्रमुख सामाजिक कार्यकर्ता थे और अपने लंबे सार्वजनिक जीवन के दौरान वे विश्व हिंदू परिषद, वनवासी कल्याण केंद्र, आरएसएस और एबीवीपी जैसे कई संगठनों से जुड़े रहे।
बिहार के डिप्टी सीएम, वीएचपी ने शोक व्यक्त किया
कामेश्वर चौपाल के निधन पर बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने शोक व्यक्त किया। उन्होंने एक्स पर पोस्ट में लिखा, श्री राम जन्मभूमि ट्रस्ट के स्थाई सदस्य, विश्व हिंदू परिषद के प्रांतीय अध्यक्ष, रामजन्म भूमि में प्रथम ईंट रख कर आधारशिला रखने वाले बड़े भाई श्री कामेश्वर चौपाल जी के निधन की दुःखद सूचना प्राप्त हुई। ईश्वर दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्री चरणों में स्थान एवं उनके चाहने वालों को संबल प्रदान करें।। ॐ शांति शांति
केंद्रीय मंत्री गिरिराज ने भी चौपाल के निधन पर अपनी संवेदनाएं व्यक्त की। उन्होंने एक्स पर लिखा कि सनातन संस्कृति, राष्ट्रसेवा और सामाजिक समरसता के लिए उनका योगदान अविस्मरणीय रहेगा।
विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) ने एक्स पर कामेश्वर चौपाल के निधन को बेहद दुखद और स्तब्ध करने वाला बताया। वीएचपी ने लिखा, विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय उपाध्यक्ष, बिहार प्रांत के माननीय अध्यक्ष, श्री राम जन्मभूमि के तीर्थ क्षेत्र के न्यासी, दो बार के सांसद व श्री रामलला के मंदिर की प्रथम ईंट रखने वाले श्री कामेश्वर चौपाल जी का निधन बेहद दुखद और स्तब्ध करने वाला है। हम सब उनकी दिवंगत पुण्यात्मा की शांति व परिजनों को धैर्य प्रदान करने के लिए प्रभु से कामना करते हैं।
कामेश्वर चौपाल की राजनीतिक यात्रा
कामेश्वर चौपाल की राजनीतिक यात्रा की बात करें, तो उन्होंने 1991 में भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण की थी। भाजपा में शामिल होने के लिए उन्होंने विश्व हिंदू परिषद छोड़ दिया था। पार्टी ने उन्हें चुनावी मैदान में भी उतारा, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। पार्टी ने उन्हें रोसड़ा लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में उतारा था, लेकिन उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा था। इसके बाद 1995 में उन्हें बिहार की बेगूसराय सीट से चुनावी मैदान में उतारा गया, लेकिन किस्मत ने उनका साथ नहीं दिया और उन्हें यहां भी हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद 2002 में उन्हें बिहार विधान परिषद का सदस्य भी बनाया गया था। 2014 तक वे बिहार विधान परिषद के सदस्य भी रहे।
2024 के लोकसभा चुनाव में भी पार्टी ने सुपौल सीट से चुनावी मैदान में उतारा, लेकिन इस बार भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा। 2020 के विधानसभा चुनाव के दौरान उप-मुख्यमंत्री पद के लिए भी उनका नाम की खूब चर्चा देखने को मिली थी। 2002 से 2014 तक वे राज्यसभा सदस्य रहे।
1982 में विश्व हिंदू परिषद के सदस्य बने
कामेश्वर चौपाल 1982 में विश्व हिंदू परिषद के सदस्य बने थे। 1989 में उन्हें पहली बार राज्य प्रभारी की जिम्मेदारी सौंपी गई। चौपाल ने जेएन कॉलेज मधुबनी से ग्रेजुएशन किया था और 1995 में मिथिला विश्वविद्यालय से एमए की डिग्री हासिल की।
(समाचार एजेंसी आईएएनएस इनपुट के साथ)