नई दिल्ली: दिल्ली के परिवहन मंत्री रहे और आम आदमी पार्टी (आप) के दिग्गज नेता कैलाश गहलोत सोमवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए। उन्होंने इससे पहले रविवार को 'आप' की प्राथमिक सदस्यता और मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। कैलाश गहलोत सोमवार भाजपा दफ्तर पहुंचे जहां केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर और अन्य नेताओं की मौजूदगी में उन्होंने पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। खट्टर के अलावा दिल्ली बीजेपी चुनाव प्रभारी बैजयंत पांडा, राष्ट्रीय महासचिव दुष्यंत गौतम और दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा मौजूद थे।

मनोहर लाल खट्टर ने इस मौके पर कहा, 'आज दिल्ली के पूर्व मंत्री कैलाश गहलोत भाजपा में शामिल हो गए हैं। यह दिल्ली की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ है क्योंकि दिल्ली सरकार के एक वरिष्ठ मंत्री भाजपा में शामिल हो गए हैं...मुझे यकीन है कि आपने बीजेपी में शामिल होने का फैसला लेने से पहले पीएम मोदी और बीजेपी का काम देखा होगा, मैं आपका पार्टी में स्वागत करता हूं।'

कैलाश गहलोत ने बताया क्यों छोड़ा 'आप'?

दिल्ली में भाजपा में शामिल होने के बाद कैलाश गहलोत ने कहा, 'मैं दिल्ली के लोगों की सेवा करने के उद्देश्य से AAP में शामिल हुआ। जिन मूल्यों के लिए हम आम आदमी पार्टी में शामिल हुए थे, मेरी आंखों के सामने उनसे पूरी तरह समझौता किया जा रहा था। ये मेरे शब्द हो सकते हैं, लेकिन मैं गारंटी देता हूं कि इन शब्दों के पीछे लाखों-हजारों आप कार्यकर्ताओं की आवाज है... वे आम आदमी की सेवा के लिए शामिल हुए थे, वे अब 'आम आदमी' से 'खास' बन गए हैं...।'

कैलाश गहलोत ने कहा, 'कुछ लोग सोच रहे होंगे कि यह फैसला (भाजपा में शामिल होने का) रातों-रात लिया गया है और किसी के दबाव में लिया गया है। मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि मैंने आज तक कभी किसी के दबाव में कुछ नहीं किया...मैं सुन रहा हूं कि एक यह कहानी गढ़ने की कोशिश की जा रही है कि यह ईडी और सीबीआई के दबाव में किया गया, लेकिन यह सब गलत है।'

बता दें कि कैलाश गहलोत ने रविवार सुबह मंत्रिमंडल से अपना इस्तीफा दे दिया था, उन्होंने अपना यह इस्तीफा मुख्यमंत्री आतिशी को भेजा था। दिल्ली सरकार में मंत्री रहे कैलाश गहलोत द्वारा आम आदमी पार्टी छोड़े जाने पर पार्टी ने कहा कि पिछले कई महीनों से उन पर दबाव था। आम आदमी पार्टी ने कहा कि कैलाश गहलोत को कई बार ईडी ने पूछताछ के लिए बुलाया था। उन पर ईडी की रेड हुई, उनके पास कोई रास्ता नहीं था और उन्हें भारतीय जनता पार्टी में ही जाना था।

गहलोत का जाना 'आप' के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। माना जा रहा है कि यह आगामी विधानसभा चुनावों में जाट मतदाताओं को प्रभावित कर सकता है।

नजफगढ़ के मित्राऊं गांव में जन्मे गहलोत पेशे से एडवोकेट हैं। 'आप' के टिकट पर उन्होंने 2015 में नजफगढ़ निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ा था और जीत हासिल करने में कामयाब रहे थे। गहलोत किसान परिवार से आते हैं और अपनी वकालत के करियर में उन्होंने किसानों के अधिकारों से संबंधित कई केस लड़े है। उनके पास एक दशक से अधिक समय तक सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट में वकील के रूप में काम करने का अनुभव है।