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रांची: झारखंड हाईकोर्ट ने झारखंड पब्लिक सर्विस कमीशन (जेपीएससी) की सिविल सर्विस परीक्षा में ओएमआर शीट ठीक से नहीं भरने वाले परीक्षार्थी की उम्मीदवारी रद्द करने को उचित ठहराया है। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में प्रार्थी को राहत नहीं दी जा सकती। सिविल सर्विस की प्रारंभिक परीक्षा में शामिल कृष्णानंद पांडेय सहित अन्य की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करके दावा किया गया कि जेपीएससी ने इस परीक्षा का आंसर शीट और रिजल्ट जारी किया है, उसके अनुसार उन्होंने उत्तीर्ण होने के लिए निर्धारित अंक से ज्यादा अंकों के सही जवाब दिए हैं।
प्रार्थियों का कहना था कि ज्यादा अंकों के सही जवाब देने के बाद भी उनका चयन नहीं किया गया, जो गलत है। जस्टिस आनंद सेन की कोर्ट में बुधवार को इस याचिका पर हुई सुनवाई के दौरान जेपीएससी की ओर से अधिवक्ता प्रिंस कुमार ने बताया कि प्रार्थियों ने ओएमआर शीट सही तरीके से नहीं भरा था। रोल नंबर सहित कुछ अनिवार्य कॉलम को भी सही से नहीं भरा गया था। इसलिए, उनका पीटी परीक्षा में चयन नहीं किया गया है।
पहले के आदेश का दिया हवाला
जेपीएससी ने हाईकोर्ट के पूर्व के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि परीक्षा के दौरान ओएमआर शीट सही तरीके से भरना अनिवार्य है। ऐसा नहीं करने पर किसी को राहत नहीं दी जा सकती है। कोर्ट ने जेपीएससी के जवाब से सहमति जताते हुए प्रार्थी को राहत देने से इनकार कर दिया।
अदालत ने कहा कि ओएमआर शीट सही से भरना जरूरी है। इसमें परीक्षार्थी कोई गलती करते हैं, तो इसके लिए वे खुद जिम्मेदार हैं। ऐसे में जेपीएससी द्वारा उनकी उम्मीदवारी रद्द करने का निर्णय सही है।
(यह खबर आईएएनएस समाचार एजेंसी की फीड द्वारा प्रकाशित है। इसका शीर्षक बोले भारत न्यूज डेस्क द्वारा दिया गया है।)