झांसी: उत्तर प्रदेश के झांसी में महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज की नवजात गहन चिकित्सा इकाई (NICU) में शुक्रवार देर रात लगी भीषण आग में जलने और दम घुटने से कम से कम 10 नवजात शिशुओं की मौत हो गई। अन्य बच्चों को फायर ब्रिगेड की टीम ने मौके पर पहुंचकर सुरक्षित बाहर निकाला। झांसी के जिलाधिकारी अविनाश कुमार ने कहा कि आग लगने की वजह शॉर्ट सर्किट हो सकती है।

वहीं, घटना के बाद शनिवार सुबह झांसी पहुंचे उपमुख्यमंत्री ब्रिजेश पाठक ने बताया कि वार्ड में कुल 49 बच्चे थे, जबकि इसकी क्षमता केवल 18 बिस्तरों की है। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि घायल हुए 17 अन्य बच्चों का वर्तमान में मेडिकल कॉलेज के आपातकालीन विंग और विभिन्न निजी अस्पतालों में इलाज चल रहा है।

12 घंटे में जांच रिपोर्ट सौंपने के निर्देश

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस हादसे पर दुख व्यक्त करते हुए झांसी मंडलायुक्त और पुलिस उपमहानिरीक्षक, झांसी को घटना की जांच करने का आदेश दिया है। अधिकारियों को 12 घंटे के भीतर रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है।

सीएम योगी ने एक्स पर देर रात पोस्ट किया, 'झांसी जिले में स्थित मेडिकल कॉलेज के एनआईसीयू में हुई दुर्घटना में बच्चों की मौत अत्यंत दुखद और हृदय विदारक है। जिला प्रशासन और संबंधित अधिकारियों को युद्ध स्तर पर राहत और बचाव कार्य चलाने के निर्देश दिए गए हैं।'

झांसी अग्निकांड के अब तक के 10 बड़े अपडेट

1. कैसे लगी आग: वजह अभी सामने नहीं आ सकी है। हालांकि आशंका जताई जा रही है कि शॉर्ट सर्किट के कारण ऐसा हुआ। इसकी वजह से पूरे वार्ड में धुआं भर गया। जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) अविनाश कुमार ने पत्रकारों से कहा कि संभवत: बिजली के शॉर्ट सर्किट के कारण एनआईसीयू में रात करीब 10.45 बजे आग लग गई। ऑक्सीजन युक्त वातावरण होने के कारण यह तेजी से फैला होगा।


2. बचाव और राहत कार्य: घटना की जानकारी मिलने के बाद दमकल की गाड़ियां घटनास्थल पर पहुंचीं। सहायता के लिए सेना को भी बुलाया गया। अधिकारियों ने आग लगने के कारणों की जांच शुरू कर दी है।

3. प्रत्यक्षदर्शियों ने क्या कहा: प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार शुक्रवार रात करीब 10:45 बजे एनआईसीयू से धुआं निकलते देखा गया। आसपास के लोगों के शोर मचाने पर दहशत फैल गई। इससे पहले कि कोई प्रतिक्रिया कर पाता, आग की लपटों ने वार्ड को अपनी चपेट में ले लिया। बच्चों को निकालने के प्रयास जब तक शुरू हुए, वार्ड घने धुएं और आग की लपटों से घिर गया। इस बीच अग्निशमन कर्मी घटनास्थल पर पहुंचे 40 से ज्यादा शिशुओं को बचाने में कामयाब रहे।

4. ज्यादातर ऑक्सिजन सपोर्ट पर थे: घटना के बारे में जानकारी देते हुए झांसी सीएमएस सचिन मेहर ने बताया कि महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के एनआईसीयू वॉर्ड में 54 बच्चे भर्ती थे। अचानक से आग लग गई, जिसे बुझाने की कोशिश की गई। लेकिन, ज्यादातर बच्चे ऑक्सीजन सपोर्ट पर थे और आग तेजी से फैल गई।

5. घायल शिशुओं का इलाज: वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) सुधा सिंह ने शनिवार सुबह बताया कि घटना में घायल हुए अन्य 16 बच्चों का इलाज चल रहा है। पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार जब यह घटना हुई तब एनआईसीयू में 50 से अधिक बच्चे भर्ती थे। उन्होंने कहा कि उनके लिए पर्याप्त चिकित्सा सुविधाओं के लिए सभी डॉक्टर उपलब्ध हैं।

6. घटना के बाद वीडियो आए सामने: झाँसी मेडिकल कॉलेज में हुए अग्निकांड के बाद कुछ वीडियो सामने आए हैं। इसमें घबराए हुए अन्य मरीजों और उनके तीमारदारों को देखा जा सकता है। कई बच्चों के माता-पिता सही जानकारी नहीं मिल पाने की वजह से परेशान और रोते-बिलखते नजर आए।

7. 52 से 54 बच्चे थे भर्ती: पीटीआई के मुताबिक एसएसपी ने बताया कि मेडिकल कॉलेज ने जानकारी दी है कि घटना के वक्त 52 से 54 बच्चे भर्ती थे। इनमें से 10 की मौत हो गई है, 16 का इलाज चल रहा है।

8. बचाव कार्य खत्म: एसएसपी ने शुक्रवार देर रात एक बजे बताया कि बचाव कार्य खत्म कर लिया गया है।

9. महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज: झांसी का सरकारी मेडिकल कॉलेज 1968 से काम कर रहा है और यह उत्तर प्रदेश के बुंदेलखण्ड क्षेत्र के सबसे बड़े सरकारी अस्पतालों में से एक है।

10. मुआवजे का ऐलान: मुख्यमंत्री कार्यालय ने बताया है कि मुख्यमंत्री की ओर से घटना में मरने वाले नवजात शिशुओं के माता-पिता को 5-5 लाख रुपये और घायलों के परिवारों को 50,000 रुपये की सहायता प्रदान करने की घोषणा हुई है। यह राशि मुख्यमंत्री राहत कोष से दी जाएगी।