पंजाब के इस गांव में प्रवासियों संग शादी पर रोक, आदेश उल्लंघन पर निष्कासन की चेतावनी

उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों से लोग काम की तलाश में पंजाब आते हैं। वे गांवों और शहरों में बसकर वहां के निवासी बन जाते हैं और उनमें से कई राज्य में मतदाता के रूप में भी पंजीकृत हो जाते हैं।

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Jawaharke village panchayat in Punjab Mansa district bans marriages with migrants warns of eviction if order is violated

प्रतीकात्मक फोटो (फोटो- IANS)

चंडीगढ़: पंजाब के मनसा जिले के जवाहरके ग्राम पंचायत ने एक विवादास्पद प्रस्ताव पारित किया। प्रस्ताव के तहत गांव वालों को अन्य राज्यों के प्रवासियों या गांव के भीतर ही रहने वाले लोगों से शादी करने पर रोक लगा दी गई है।

24 नवंबर को यह प्रस्ताव पारित हुआ था जो 30 नवंबर को सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। प्रस्ताव में आदेश का उल्लंघन करने वालों को गांव से निकालने की धमकी दी गई। मनसा के स्थानीय अधिकारियों ने पंचायत के इस कदम पर आश्चर्य जताया।

डिप्टी कमिश्नर कुलवंत सिंह ने कहा कि इस मुद्दे को सुलझाने के लिए पंचायत सदस्यों को बुलाया गया है और प्रस्ताव में सुधार करने को कहा गया है। अधिकारियों का कहना है कि ऐसा प्रस्ताव अवैध है और भारतीय कानून इसे अनुमति नहीं देता।

लगभग 3,500 मतदाताओं की आबादी वाले इस गांव में अन्य राज्यों से आए प्रवासियों की संख्या लगभग 300 है।

मनसा जिले के जवाहरके गांव के सरपंच ने क्या कहा

गांव की सरपंच रणवीर कौर के पति सुखचैन सिंह ने प्रवासियों और गांव की महिलाओं के बीच हो रही शादियों पर चिंता जाहिर की। उन्होंने इन चिंताओं का हवाला देते हुए कहा कि गांव के नजदीक एक बाजार में प्रवासियों की संख्या बहुत अधिक है। यहां रह रहे प्रवासी गांव की लड़कियों से शादी कर रहे।

सिंह ने प्रस्ताव पर तर्क देते हुए कहा कि गांव की लड़कियां यहां की बेटियां होती हैं। ऐसे में इसे ध्यान में रखते हुए प्रस्ताव को पास किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रस्ताव को गलत तरीके से पेश किया गया है।

पंजाब में पहले भी प्रवासियों को बनाया गया है निशाना

बता दें कि पंजाब में प्रवासियों को निशाना बनाने वाली प्रतिबंधात्मक कार्रवाइयों का यह पहला उदाहरण नहीं है। इससे पहले अगस्त में मोहाली के जंडपुर गांव में रात नौ बजे के बाद प्रवासियों को अपने घरों से बाहर निकलने से रोकने वाले होर्डिंग्स लगाए गए थे। बाद में पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के दखल के बाद मुद्दा सुलझा था।

इसी तरह, खन्ना के कौड़ी गांव ने प्रवासियों को घर किराए पर देने, काम देने या जमीन बेचने पर प्रतिबंध की घोषणा की। पुलिस के हस्तक्षेप के बाद यह मामला सुलझा था।

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों से लोग काम की तलाश में पंजाब आते हैं। वे गांवों और शहरों में बसकर वहां के निवासी बन जाते हैं और उनमें से कई राज्य में मतदाता के रूप में भी पंजीकृत हो जाते हैं।

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