जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी, दो ऑपरेशनों में शोपियां और त्राल में छह आतंकवादी मारे गए

विक्टर फोर्स के जीओसी मेजर जनरल धनंजय जोशी ने दोनों ऑपरेशनों का विवरण साझा करते हुए बताया कि केलर में आतंकियों की मौजूदगी की सूचना 12 मई को मिली थी। 13 मई की सुबह हलचल दिखने पर सुरक्षाबलों ने चुनौती दी, जिस पर आतंकियों ने फायरिंग की।

पहलगाम आतंकी हमला, 2000 में हुए हमले की याद ताजा, आतंकी वारदात, आतंकवादियों का हमला

पुलवामा: जम्मू-कश्मीर के शोपियां और त्राल में बीते 48 घंटों में सुरक्षाबलों ने दो अलग-अलग ऑपरेशनों में कुल छह आतंकवादियों को मार गिराया। ये ऑपरेशन भारतीय सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ के संयुक्त अभियान के तहत किए गए।

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक,  शुक्रवार को कश्मीर जोन के आईजीपी वीके बिर्दी ने कहा कि "कश्मीर घाटी में हाल ही में आतंकवादी गतिविधियों में बढ़ोतरी को देखते हुए सुरक्षा बलों ने अपनी रणनीति की समीक्षा की और ऑपरेशनों को तेज किया। इसी कड़ी में शोपियां के केलर और त्राल में दो सफल ऑपरेशन चलाए गए, जिनमें छह आतंकवादियों को ढेर किया गया। हमारा लक्ष्य घाटी से आतंक के पूरे तंत्र को खत्म करना है।"

ऑपरेशन की क्या रही चुनौती?

विक्टर फोर्स के जीओसी मेजर जनरल धनंजय जोशी ने दोनों ऑपरेशनों का विवरण साझा करते हुए बताया कि केलर में आतंकियों की मौजूदगी की सूचना 12 मई को मिली थी। 13 मई की सुबह हलचल दिखने पर सुरक्षाबलों ने चुनौती दी, जिस पर आतंकियों ने फायरिंग की। जवाबी कार्रवाई में सभी आतंकी मारे गए।

त्राल में हुआ दूसरा ऑपरेशन अधिक संवेदनशील था, क्योंकि यह एक सीमा से सटे गांव में हुआ। जोशी ने बताया, "जब हमने गांव में घेराबंदी शुरू की, तो आतंकी अलग-अलग घरों में छिप गए और सुरक्षाबलों पर फायरिंग शुरू कर दी। हमारी सबसे बड़ी चुनौती वहां मौजूद आम लोगों को सुरक्षित निकालना था। इसके बाद कार्रवाई करते हुए तीन आतंकियों को मार गिराया गया।"

जर्मन पर्यटक पर हमले में शामिल था एक आतंकी

मारे गए आतंकियों में एक की पहचान शाहिद कुट्टे के रूप में हुई है, जो दो बड़े हमलों में शामिल था। इनमें एक हमला जर्मन पर्यटक पर भी शामिल था। इसके अलावा, वह आतंकी गतिविधियों के लिए फंडिंग में भी लिप्त था। 

गौरतलब है कि 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले में 26 नागरिक मारे गए थे, जिनमें एक नेपाली नागरिक भी शामिल था। इसके बाद भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पीओके में मौजूद आतंकी ठिकानों पर सटीक और लक्षित हमले किए। इन हमलों में जैश-ए-मोहम्मद के मुख्यालय बहावलपुर और लश्कर के ट्रेनिंग बेस मुरिदके जैसे कई अहम ठिकाने ध्वस्त किए गए और करीब 100 आतंकियों को मार गिराया गया।

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