श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के बांदीपोरा जिले के गुरेज सेक्टर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर घुसपैठ की कोशिश को सेना ने गुरुवार को नाकाम कर दिया, जिसमें दो आतंकवादी मारे गए। अधिकारियों ने बताया कि गुरेज सेक्टर में नौशहरा नार्द के पास घुसपैठ की कोशिश के दौरान दो आतंकवादी मारे गए। इलाके में अभी तलाशी अभियान चल रहा है।

इससे पहले, 25 अगस्त को संयुक्त बलों ने बारामूला के उरी सेक्टर में नियंत्रण रेखा पर घुसपैठ की एक कोशिश को नाकाम कर दिया। उरी सेक्टर के तोरणा इलाके में आतंकवादियों ने घुसपैठ की कोशिश की थी, जब नियंत्रण रेखा पर तैनात सैनिकों ने संदिग्ध गतिविधि देखी।

घुसपैठियों को चुनौती दी गई, जिसके बाद दोनों ओर से कुछ देर तक गोलीबारी हुई। इसके बाद इलाके में व्यापक तलाशी अभियान चलाया गया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई भी आतंकवादी नियंत्रण रेखा पार करके भारतीय सीमा में घुसने में कामयाब न हो पाए।

पहले भी हुई थी उरी सेक्टर में घुसपैठ की कोशिश

वहीं, 13 अगस्त को उरी सेक्टर में नियंत्रण रेखा के पास सेना के साथ मुठभेड़ में एक जवान शहीद हो गया था, जब आतंकवादी भारतीय सीमा में घुसने की कोशिश कर रहे थे।

जम्मू-कश्मीर में संयुक्त बलों ने आतंकवाद के खिलाफ कड़े कदम उठाने शुरू किए हैं, जिसमें आतंकियों, उनके सहयोगियों (ओजीडब्ल्यू) और समर्थकों को निशाना बनाया जा रहा है। इन अभियानों का मकसद केवल हथियारबंद आतंकियों को खत्म करना नहीं, बल्कि पूरे आतंकी तंत्र को ध्वस्त करना है।

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा नियमित रूप से सुरक्षा समीक्षा बैठकें कर रहे हैं, जिसमें उनका ध्यान आतंकवाद के पूरे ढांचे को तोड़ने पर है। हवाला धन रैकेट, ड्रग तस्करी और नशीली दवाओं के कारोबार पर भी संयुक्त बलों की कड़ी नजर है, क्योंकि सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि इनसे मिलने वाला पैसा आतंकवाद को बढ़ावा देने में इस्तेमाल होता है।

खुफिया एजेंसियों और सुरक्षा बलों ने कई हवाला रैकेट और ड्रग तस्करी के नेटवर्क को पकड़ा है, जिनके तार सीमा पार बैठे आतंकी सरगनाओं से जुड़े थे। इसीलिए संयुक्त बल हवाला रैकेट और ड्रग तस्करी जैसी गतिविधियों को प्राथमिकता के साथ निशाना बना रहे हैं, साथ ही हथियारों का इस्तेमाल करने वाले आतंकियों से भी निपट रहे हैं।