जम्मू-कश्मीर के कटरा में वैष्णो देवी मंदिर तक जाने वाले रोपवे प्रोजेक्ट को लेकर विरोध बढ़ता जा रहा है। सोमवार चौथे दिन भी यहां व्यापारियों का विरोध जारी रहा। इस दौरान पुलिस और प्रदर्शकारियों के बीच हिंसक झड़प हो गई, जिससे स्थिति तनावपूर्ण हो गई।
जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में वैष्णो देवी मंदिर तक जाने वाले 12 किमी लंबे मार्ग पर रोपवे प्रोजेक्ट प्रस्तावित है। जिसमें 250 करोड़ रुपये की लागत आने वाली है। इसे प्रोजेक्ट का व्यापारी विरोध कर रहे हैं। सोमवार दुकानदार, पोनी ऑपरेटर और पालकी मालिकों ने कटरा में विशाल मार्च निकाला और धरना दिया।
प्रदर्शन के दौरान स्थिति तब बिगड़ी, जब केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) का वाहन धरना स्थल से गुजरने की कोशिश कर रहा था। प्रदर्शनकारियों ने वाहन पर पथराव किया और उसकी विंडशील्ड तोड़ दी। पुलिस ने हस्तक्षेप कर स्थिति को नियंत्रित किया, लेकिन इस दौरान झड़पें हुईं, जिसमें एक पुलिसकर्मी घायल हो गया।
प्रोजेक्ट का विरोध क्यों?
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि इस परियोजना से पोनी ऑपरेटर, पालकी मालिक, और स्थानीय दुकानदारों की आजीविका छिन जाएगी। वे मांग कर रहे हैं कि प्रोजेक्ट को रद्द किया जाए या उन्हें मुआवजा दिया जाए। रोपवे निर्माण से वनों की कटाई और स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र को नुकसान होने का डर भी व्यक्त किया जा रहा है।
रियासी के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक परमवीर सिंह ने कहा, “स्थिति चुनौतीपूर्ण है, लेकिन हम इसे संभालने की कोशिश कर रहे हैं। अधिकारियों और प्रदर्शनकारियों के बीच बातचीत जारी है।” प्रशासन ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की और भरोसा दिलाया कि उनकी चिंताओं को बातचीत के माध्यम से हल किया जाएगा।
#WATCH कटरा: रियासी के एसएसपी परमवीर सिंह ने कहा, “यहां लोग पिछले 3 दिनों से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और हम इसे संभाल रहे हैं। आज पुलिस पर पथराव किया गया, हम स्थिति को संभालने की कोशिश कर रहे हैं, उम्मीद है कि जल्द ही स्थिति सामान्य हो जाएगी…” https://t.co/CPlZk9nRpm pic.twitter.com/g3PPStiXL6
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 25, 2024
पथराव और झड़पों को देखते हुए क्षेत्र में अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं। इसके साथ ही यात्रियों और स्थानीय निवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सतर्कता बढ़ा दी गई है।
प्रदर्शनकारियों ने पहले 72 घंटे की हड़ताल का आह्वान किया था, जिसे रविवार रात को 24 घंटे और बढ़ा दिया गया। रोपवे परियोजना का उद्देश्य यात्रियों की यात्रा को सुगम बनाना और यात्रा का समय कम करना है। हालांकि, स्थानीय निवासियों की चिंताओं ने इस प्रोजेक्ट को विवादों के केंद्र में ला दिया है। प्रशासन और प्रदर्शनकारियों के बीच जारी बातचीत से उम्मीद है कि जल्द ही इस मुद्दे का समाधान निकाला जाएगा।
यात्रा को सुविधाजनक बनाने के लिए रोपवे का निर्माण
गौरतलब है कि श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड (एसएमवीडीएसबी) ने तीर्थयात्रियों के लिए यात्रा को सुविधाजनक बनाने के लिए रोपवे परियोजना लागू करने का निर्णय लिया है। एसएमवीडीएसबी के सीईओ अंशुल गर्ग के अनुसार यह परियोजना विशेष रूप से उन तीर्थयात्रियों के लिए फायदेमंद होगी, जिन्हें मंदिर तक जाने के लिए 13 किलोमीटर की खड़ी चढ़ाई से परेशानी होती है।
यह रोपवे विशेष रूप से बुजुर्ग तीर्थयात्रियों और शारीरिक कमियों वाले लोगों के लिए राहत प्रदान करेगा, जो पहले से मौजूद हेलीकॉप्टर सेवाओं की सीमित क्षमता या कठिन यात्रा के कारण मंदिर तक नहीं पहुंच पाते। गर्ग ने कहा कि परियोजना को लागू करते समय स्थानीय लोगों की चिंताओं को भी ध्यान में रखा जाएगा।
रोपवे ताराकोट मार्ग को मुख्य तीर्थ क्षेत्र से जोड़ते हुए तीर्थयात्रियों को त्रिकुटा पहाड़ियों के खूबसूरत दृश्य दिखाएगा, जिससे उनके आध्यात्मिक अनुभव में वृद्धि होगी। अधिकारियों ने बताया कि यह यात्रा कुछ ही मिनटों में पूरी हो जाएगी, जिससे पारंपरिक पैदल मार्ग पर होने वाली भीड़-भाड़ कम हो जाएगी।