श्रीनगरः जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले के सुदूर गांव में बादल फटने से चार लोगों की मौत हो गई और छह लोग घायल हो गए। कठुआ में यह घटना किश्तवाड़ में बादल फटने के कुछ दिन बाद घटी। इसी हफ्ते किश्तवाड़ में मचैल माता यात्रा मार्ग पर बादल फटने से भीषण तबाही हुई है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, इस घटना में 60 से अधिक लोग मारे गए हैं। 

इंडिया टुडे ने कठुआ में बादल फटने की घटना के बारे में अधिकारियों के हवाले से लिखा कि कई घर मलबे और बाढ़ के पानी में दब गए हैं। जम्मू-पठानकोट राष्ट्रीय राजमार्ग पर भी नुकसान की खबर है। घटनास्थल पर बचाव दल की टीमें पहुंच गई हैं और बचाव कार्य जारी है। 

पुलिस स्टेशन में भर गया पानी

अधिकारियों के मुताबिक, कठुआ जिले का एक पुलिस स्टेशन पूरी तरह से जलमग्न हो गया है। इसी तरह रेलवे ट्रैक को भी काफी नुकसान पहुंचा है। 

कठुआ जिले में यह घटना देर रात में घटी जिससे गांव तक पहुंच बाधित हो गई और भूमि और संपत्ति को कुछ नुकसान हुआ।

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, पुलिस और एसडीआरएफ की संयुक्त टीमें गांव में पहुंची हैं और आगे की जानकारी की प्रतीक्षा है। 

अधिकारियों के मुताबिक, भूस्खलन की घटनाओं ने कई अन्य गांवों को भी प्रभावित किया है। ये गांव कठुआ पुलिस स्टेशन और लखनपुर पुलिस स्टेशन के अंतर्गत आते हैं, हालांकि बड़े पैमाने पर नुकसान की खबर नहीं है।

जलाशयों में भर गया पानी

लगातार हो रही बारिश से अधिकतर जलाशयों में पानी बढ़ गया है। अधिकारियों के मुताबिक, उझ नदी खतरे के निशान के करीब बह रही है।

अधिकारियों ने बताया कि जिला प्रशासन स्थित पर नजर बनाए हुए है और लोगों से उनकी सुरक्षा के लिए जलाशयों से दूर रहने को कहा गया है।

इस बीच किश्तवाड़ में अभी भी करीब 100 से अधिक लोग लापता हैं। वहीं, कुछ लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है। 

मचैल माता यात्रा मार्ग पर इस घटना में अब तक 167 लोगों को घायल अवस्था में बचाया गया है। इन लोगों में से 38 लोगों की स्थिति गंभीर बताई जा रही है।