रामबनः जम्मू-कश्मीर के रामबन तहसील में रविवार तड़के बादल फटने की घटना ने भारी तबाही मचाई है। हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई जबकि कई आवासीय व व्यावसायिक इमारतें ढह गईं। तेज बारिश, ओलावृष्टि और तूफानी हवाओं के कारण इलाके में हालात बिगड़ गए हैं, जिससे परिवहन पूरी तरह बाधित हो गया और सैकड़ों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करना पड़ा।

द इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए रामबन के उपायुक्त बसीर उल हक चौधरी ने बताया कि तेज बारिश रात करीब 1:10 बजे शुरू हुई, जो दोपहर तक लगातार जारी रही। मौसम विभाग की चेतावनी के मद्देनजर पहले ही प्रशासन ने सतर्कता जारी कर दी थी और मंदिरों व मस्जिदों से मुनादी कर लोगों को सावधान किया गया।

दो बच्चों समेत तीन लोगों की मौत

रविवार सुबह तड़के शुरू हुई मूसलधार बारिश के चलते रामबन के सेरी बगना गांव में बादल फटने की घटना हुई, जिसमें दो बच्चों समेत तीन लोगों- आकिब अहमद और मोहम्मद साकिब की मौत हो गई। इसके साथ ही पिछले दो दिनों में जम्मू क्षेत्र में वर्षा संबंधी घटनाओं में मरने वालों की संख्या बढ़कर पांच हो गई है।

शनिवार रात रियासी जिले के अर्नास इलाके में आकाशीय बिजली गिरने से एक महिला सहित दो लोगों की मौत हो गई, जबकि एक अन्य महिला गंभीर रूप से घायल हो गई।

 

लगातार बारिश के कारण नाशरी से बनिहाल के बीच जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर करीब दर्जन भर स्थानों पर भूस्खलन और मलबे की घटनाएं हुईं, जिससे 250 किलोमीटर लंबे इस महत्वपूर्ण मार्ग पर यातायात पूरी तरह से बंद हो गया। यह हाईवे कश्मीर को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने वाला एकमात्र ऑल-वेदर मार्ग है। वहीं, श्रीनगर के लिए हवाई यातायात भी प्रभावित हुआ है।

रामबन के धर्मकुंड गांव में अचानक आई बाढ़ के कारण लगभग 40 आवासीय मकानों को नुकसान पहुंचा है, जिनमें से 10 पूरी तरह से ध्वस्त हो गए जबकि बाकी आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। बाढ़ में कई वाहन भी बह गए। 

जिला मुख्यालय स्थित इमरजेंसी कंट्रोल सेंटर से रातभर चले राहत अभियान में राजस्व व पुलिस विभाग की टीमें जुटीं रहीं। प्रशासन ने निचले इलाकों से लगभग 500 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया।

केंद्रीय मंत्री और स्थानीय प्रशासन सक्रिय

केंद्रीय राज्य मंत्री (पीएमओ) डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि वह लगातार रामबन के उपायुक्त बसीर-उल-हक चौधरी के संपर्क में हैं और हरसंभव सहायता पहुंचाई जा रही है। उन्होंने प्रशासन की तत्परता और तेज़ कार्रवाई की सराहना की। उन्होंने कहा, “अगर जरूरत पड़ी, तो सांसद निधि से भी हर प्रकार की मदद दी जाएगी। लोगों से अपील है कि घबराएं नहीं, हम सब मिलकर इस आपदा से पार पाएंगे।”

प्रशासन ने हाई-रिस्क क्षेत्रों में रहने वाले परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया है और लोगों से सतर्क रहने, स्थानीय नालों और परिवेश पर नज़र रखने तथा सरकारी एडवाइजरी का पालन करने की अपील की है।

सीएम उमर अब्दुल्ला ने यात्रा से बचन की दी सलाह

मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी ट्वीट कर कहा कि प्रशासन से संपर्क में हैं और राहत, बचाव और पुनर्स्थापन कार्यों की समीक्षा की जाएगी। उन्होंने लोगों से जरूरी न होने पर यात्रा से बचने की सलाह दी है।

 प्रशासन ने कहा है कि जब तक मौसम सामान्य नहीं होता, तब तक क्षति का सही आंकलन नहीं किया जा सकता। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे सुरक्षित स्थानों पर रहें और अफवाहों से बचें।

इस बीच, मौसम विभाग ने जम्मू-कश्मीर में आज दोपहर से देर शाम तक गरज, बिजली, ओलावृष्टि और तेज़ हवाओं के साथ हल्की से मध्यम बारिश और ऊंचाई वाले इलाकों में हल्की बर्फबारी की चेतावनी जारी की है। किसानों को 21 अप्रैल तक कृषि कार्य स्थगित करने की सलाह दी गई है।