जम्मू-कश्मीरः सरकारी विभागों में पेन ड्राइव और व्हाट्सऐप के इस्तेमाल पर प्रतिबंध

जम्मू-कश्मीर में सरकारी विभागों में व्हाट्सऐप और पेन ड्राइव के इस्तेमाल पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया गया है। इसका उद्देश्य संवेदनशील जानकारी की रक्षा करना है।

jammu kashmir ban on whatsapp and pen drives in government departments

जम्मू-कश्मीर सरकार का बड़ा फैसला Photograph: (आईएएनएस)

श्रीनगरः जम्मू-कश्मीर सरकार ने सुरक्षा के मद्देनजर एक बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने अपने सभी विभागों में पेन ड्राइव और आधिकारिक संचार के लिए व्हाट्सऐप के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया है। 

सरकार द्वारा यह निर्णय साइबर सिक्योरिटी के खतरों के बीच उठाया गया है। यह खतरा ऑपरेशन सिंदूर के बाद बढ़ा है। इस ऑपरेशन को भारत ने पहलगाम में पर्यटकों के ऊपर हुए आतंकी हमले के जवाब में चलाया था। पहलगाम हमले में 26 लोग मारे गए थे। सामान्य प्रशासन विभाग के आयुक्त सचिव एम राजून द्वारा यह आदेश दिया गया। 

साइबर सुरक्षा के उद्देश्य से उठाया कदम

सरकार ने कहा कि यह कदम केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर की साइबर सुरक्षा के उद्देश्य से उठाया गया है। इसका उद्देश्य सरकार से जुड़ी संवेदनशील जानकारी की रक्षा करना और डेटा उल्लंघनों, मैलवेयर संक्रमणोों और अनधिकृत पहुंच से रोकना है। 

आदेश में लिखा है "जम्मू और श्रीनगर के सिविल सचिवालय और सभी जिलों के उपायुक्त कार्यालयों में सभी प्रशासनिक विभागों में आधिकारिक उपकरणों पर पेन ड्राइव के इस्तेमाल पर प्रतिबंध का निर्णय लिया गया है।"

इसके साथ ही सरकार ने जम्मू-कश्मीर के किसी भी आधाकारिक संचार के लिए व्हाट्सऐप और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी कड़े प्रतिबंध लगाए हैं।

आदेश में आगे क्या कहा गया?

आदेश में आगे कहा गया "डेटा संप्रभुता बनाए रखने और सुरक्षा उल्लंघनों को रोकने के लिए आधिकारिक या गोपनीय सामग्री को संसाधित करने, साझा करने या संग्रहीत करने के लिए व्हाट्सएप जैसे सार्वजनिक मैसेजिंग प्लेटफॉर्म या iLovePDF जैसी असुरक्षित ऑनलाइन सेवाओं का उपयोग सख्त वर्जित है।"

गौरतलब है कि मई में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान जम्मू-कश्मीर में ऊर्जा क्षेत्र समेत अधिकतर आधिकारिक साइट को निशाना बनाया गया था जिनमें से कुछ अभी भी रिस्टोर नहीं की जा सकी हैं। 

इन साइबर हमलों के बाद सार्वजनिक सेवाओं के साथ-साथ विभिन्न विभागों की कार्यप्रणाली भी बाधित हुई थी। ऑपरेशन सिंदूर के बाद ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा था कि भारत के ऊर्जा क्षेत्र में दो लाख साइबर हमले हुए हैं।

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