नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने जम्मू-कश्मीर और हरियाणा के विधानसभा चुनाव का ऐलान कर दिया है। चुनाव आयोग ने शुक्रवार को तारीखों की घोषणा की। चुनाव आयोग ने बताया कि जम्मू-कश्मीर में तीन चरणों में मतदान कराए जाएंगे। 18 सितंबर को पहले चरण का मतदान होगा। इसके बाद दूसरे चरण का मतदान 25 सितंबर को होगा। तीसरे चरण का मतदान एक अक्टूबर को होगा। वोटों की गिनती चार अक्टूबर को होगी। हरियाणा में सभी 90 सीटों पर एक चरण में मतदान एक अक्टूबर को कराए जाएंगे। हरियाणा के चुनाव के नतीजे भी 4 अक्टूबर को ही आएंगे।
जम्मू-कश्मीर में 90 सीटें
जम्मू-कश्मीर में अब विधानसभा सीटों की संख्या बढ़कर 90 हो गई है। इसमें 74 जनरल और 16 सुरक्षित (एससी-7, एसटी-9) सीटें होंगी। जम्मू रीजन में सांबा, कठुआ, राजौरी, किश्तवाड़, डोडा और उधमपुर में एक-एक सीट बढ़ाई गई है। वहीं, कश्मीर रीजन में कुपवाड़ा जिले में एक सीट बढ़ाई गई है। जम्मू में कुल 43 और कश्मीर में 47 सीटें होंगी।
जम्मू कश्मीर में विधान सभा चुनाव के लिए कुल 87.09 लाख वोटर हैं। इसमें 44.46 पुरुष और 42.62 लाख महिला वोटर हैं। चुनाव आयोग के अनुसार सूबे में 3.71 लाख नए वोटर होंगे। चुनाव आयोग ने बताया कि 19 अगस्त को अमरनाथ यात्रा खत्म होंगे और 20 अगस्त को फाइनल वोटर लिस्ट सामने आ जाएगी।
In true spirit of keeping promises, here is a shorter electioneering period and in the best possible conducive weather. Schedule for Elections in J&K to be held in 3 phases : CEC Kumar pic.twitter.com/ck9tFVoFFD
— Election Commission of India (@ECISVEEP) August 16, 2024
जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा चुनाव
जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। इससे पहले यहां आखिरी बार 2014 में विधानसभा चुनाव कराए गए थे। उस चुनाव के बाद भाजपा और पीडीपी ने मिलकर सरकार बनाई थी। उस समय मुफ्ती मोहम्मद सईद मुख्यमंत्री बने थे। जनवरी-2016 में उनके निधन के बाद करीब चार महीने राष्ट्रपति शासन लगा रहा।
बाद में मुफ्ती मोहम्मद सईदी की बेटी महबूबा मुफ्ती मुख्यमंत्री बनीं। हालांकि इसके बाद कुछ ही महीनों में यह गठबंधन टूट गया। जून-2018 में भाजपा ने अपना समर्थन वापस ले लिया था। बाद में पांच अगस्त-2019 को जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटा दिया गया था। ऐसे में आर्टिकल-370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में यह पहला विधानसभा चुनाव होगा।
जम्मू-कश्मीर- दो दशक में सबसे छोटा चुनाव
जम्मू-कश्मीर में पिछले दो दशक में सबसे कम चरणों में ये विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। जम्मू-कश्मीर राज्य पुनर्गठन और परिसीमन के बाद पहली बार होने जा रहे इन विधानसभा चुनाव को तीन चरणों में कराया जा रहा है। जम्मू-कश्मीर हमेशा से चुनाव के लिए चुनौती भरा रहा है। खासकर सुरक्षा की दृष्टि से चीजें और मुश्किल हो जाती हैं। साल 2002 में सितंबर और अक्टूबर में चार चरणों में चुनाव कराए गए थे। वहीं, 2008 में नवंबर और दिसंबर में सात चरणों में यहां विधानसभा चुनाव हुए थे। 2014 में पाँच चरणों में इन चुनाव को आयोजित कराया गया था।
हरियाणा में एक अक्टूबर को मतदान
हरियाणा में 90 विधानसभा सीटें हैं। चुनाव आयोग ने शुक्रवार को बताया कि सभी 90 सीटों पर एक अक्टूबर को मतदान कराए जाएंगे। राज्य में मुकाबला सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी कांग्रेस के बीच हो सकता है। हालांकि, आम आदमी पार्टी भी सभी 90 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।
चुनाव की तैयारियों की समीक्षा करने के लिए चुनाव आयोग के अधिकारियों ने इस महीने जम्मू-कश्मीर और हरियाणा का दौरा किया था। हरियाणा विधानसभा का कार्यकाल 3 नवंबर को समाप्त होने वाला है।
हरियाणा में 2.01 करोड़ मतदाता पंजीकृत हैं, जिनमें लगभग 1.06 करोड़ पुरुष और 95 लाख महिला मतदाता हैं। राज्य में 4.52 लाख पहली बार अपने मतदान अधिकार का प्रयोग करेंगे। इसके अलावा 2.55 लाख 85 वर्ष से अधिक वरिष्ठ नागरिक और 1.5 लाख दिव्यांग मतदाता पंजीकृत हैं। 10,000 से अधिक मतदाता 100 साल से अधिक उम्र के हैं।