नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले के बधाल गांव में रहस्यमय बीमारी से 17 लोगों की मौत के बाद डर और अनिश्चितता का माहौल है। यह गांव, जो जिला मुख्यालय से लगभग 60 किलोमीटर दूर है, पिछले साल दिसंबर से इस त्रासदी का सामना कर रहा है।
7 दिसंबर, 2024 की सुबह, फ़ज़ल हुसैन और उनके परिवार के छह सदस्य, सामुदायिक भोजन (ख़तम-ए-शरीफ़) खाने के बाद बीमार हो गए। उन्हें तेज पेट दर्द, उल्टी और उनींदापन की शिकायत हुई। कुछ ही घंटों में, फ़ज़ल हुसैन और उनके चार बच्चों की मृत्यु हो गई। बाद में पता चला कि इसी भोजन में शामिल तीन अन्य व्यक्तियों — मुहम्मद असलम, मुहम्मद यूसुफ़ और मुहम्मद रफ़ीक के परिवार भी प्रभावित हुए।
पिछले 50 दिनों में, इस रहस्यमय बीमारी ने तीन परस्पर संबंधित परिवारों के 17 सदस्यों की जान ले ली है। मृतकों में 15 बच्चे और एक गर्भवती महिला शामिल हैं। सबसे कम उम्र की पीड़ित, यास्मीन नाम की एक नाबालिग लड़की, गहन चिकित्सा के बावजूद 19 जनवरी, 2025 को मृत्यु का शिकार हुई। यह त्रासदी 3,800 निवासियों वाले छोटे से बधाल गांव में चिंता और मातम का कारण बन गई है।
प्रारंभिक जांच में क्या पता चला?
डॉक्टरों द्वारा की गई प्रारंभिक जांच में मृतकों के शरीर से कीटनाशकों से संबंधित पदार्थ पाए गए हैं। स्थानीय जल स्रोत — बावली — से लिए गए नमूनों में भी कीटनाशकों की मौजूदगी की पुष्टि हुई है। इन नतीजों के बाद, अधिकारियों ने जल स्रोत को सील कर दिया और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 163 के तहत सख्त प्रतिबंध लागू कर दिए। इनमें सार्वजनिक समारोहों और क्षेत्र में बाहरी लोगों की पहुंच पर रोक शामिल है।
बीमारी के लक्षण और निष्कर्ष
हालांकि किसी भी वायरल या बैक्टीरियल संक्रमण का पता नहीं चला है, प्रभावित लोगों में प्रमुख लक्षण तेज बुखार, अत्यधिक पसीना और उल्टी थे। सामुदायिक चिकित्सा विभाग के प्रमुख और वरिष्ठ महामारी विशेषज्ञ शुजा कादरी ने कहा, “अब तक की जांच में यह स्पष्ट हो गया है कि मौतें किसी वायरस या संक्रामक बीमारी के कारण नहीं हुई हैं। हमारा ध्यान विषाक्त पदार्थों पर केंद्रित है।” उन्होंने यह भी कहा कि यह बीमारी किसी जीवाणु, विषाणु, प्रोटोजोआ या जूनोटिक स्रोत से संबंधित नहीं है।
उच्च स्तरीय जांच जारी
गृह मंत्रालय (एमएचए) की 11 सदस्यीय अंतर-मंत्रालयी उच्च स्तरीय टीम एनसीडीसी, पीजीआई चंडीगढ़, एम्स और अन्य संस्थानों के विशेषज्ञों के साथ मिलकर इन रहस्यमय मौतों की जांच कर रही है। टीम ने बीमारी के स्रोत का पता लगाने और इसे नियंत्रित करने के लिए विस्तृत जांच शुरू कर दी है।
प्रशासन और ग्रामीणों की चुनौती
प्रशासन ने जल स्रोतों की निगरानी तेज कर दी है और गांव के लोगों को जागरूक किया जा रहा है। इस बीच, बधाल के निवासी भयभीत हैं और जल्द से जल्द समाधान की उम्मीद कर रहे हैं।
जम्मू-कश्मीर के इस छोटे से गांव में फैली यह रहस्यमय बीमारी न केवल विशेषज्ञों के लिए एक चुनौती बन गई है, बल्कि यह पूरे क्षेत्र में स्वास्थ्य सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता पैदा कर रही है।