जम्मू: सेना ने शनिवार को बताया कि जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में शुक्रवार रात को आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में दो जवान की जान चली गई है। भारतीय सेना की चिनार कोर ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, 'चिनार कोर राष्ट्र के लिए कर्तव्य निभाते हुए वीरों, लेफ्टिनेंट कर्नल प्रितपाल सिंह और सिपाही हरमिंदर सिंह के सर्वोच्च बलिदान का सम्मान करती है। उनका साहस और समर्पण हमें सदैव प्रेरित करता रहेगा। भारतीय सेना गहरी संवेदना व्यक्त करती है और शोक संतप्त परिवारों के साथ एकजुटता से खड़ी है। ऑपरेशन जारी है।'
आतंकियों से यह मुठभेड़ 1 अगस्त से जारी है। अधिकारियों ने बताया कि मुठभेड़ शनिवार को नौवें दिन भी जारी रही और यह घाटी में सबसे लंबे आतंकवाद-रोधी अभियानों में से एक हो गई है। इसमें अभी तक 10 जवान घायल हुए हैं। पिछली रात की गोलीबारी में भी दो जवान घायल हुए।
1 अगस्त को शुरू हुआ था 'ऑपरेशन अखल'
यह मुठभेड़ 1 अगस्त को शुरू हुई थी जब सुरक्षा बलों ने दक्षिण कश्मीर जिले के अखल स्थित एक वन क्षेत्र में आतंकवादियों की मौजूदगी की खुफिया जानकारी मिलने के बाद घेराबंदी और तलाशी अभियान शुरू किया था। इसे 'ऑपरेशन अखल' नाम दिया गया है। माना जा रहा है कि घने जंगलों में तीन या उससे ज्यादा आतंकी छुपे हो सकते हैं।
अधिकारियों ने बताया कि पिछले शुक्रवार को आतंकियों के खिलाफ शुरुआती गोलीबारी के बाद रात भर के लिए अभियान रोक दिया गया था, लेकिन घेराबंदी को मजबूत कर दिया गया और अतिरिक्त सुरक्षा बल इलाके में भेजे गए।
अगले दिन जब गोलीबारी फिर से शुरू हुई, तो दो आतंकवादी मारे गए। मारे गए आतंकवादियों की पहचान और उनके समूह का अभी पता नहीं चल पाया है।
सुरक्षा बलों ने इलाके की कड़ी घेराबंदी कर रखी है और घने जंगलों में छिपे आतंकवादियों से मुठभेड़ जारी है। सुरक्षा बलों ने जंगल क्षेत्र में आतंकवादियों का पता लगाने के लिए ड्रोन और हेलीकॉप्टरों का भी इस्तेमाल किया है। पैरा कमांडो भी छिपे हुए आतंकवादियों को मार गिराने में सुरक्षा बलों की मदद कर रहे हैं।