(प्रतिकात्मक तस्वीर, IANS)
श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर में डोडा जिले के देसा जंगलों में सोमवार रात मुठभेड़ में एक मेजर रैंक के अधिकारी सहित चार जवान मारे गए। सूत्रों के अनुसार जंगलों में आतंकवादियों का पीछा करने के दौरान हुई मुठभेड़ में कम से कम पांच सैनिक गोली लगने से घायल हुए। इन्हें अस्पताल ले जाया गया लेकिन उनमें से चार ने कुछ देर बाद में दम तोड़ दिया। एक घायल पुलिसकर्मी की भी बाद में मौत हो गई।
सेना की ओर से बताया गया है कि कैप्टन ब्रिजेश थापा, नायक डी राजेश, सिपाही बिजेंद्र और सिपाही अजय ने अपनी ड्यूटी निभाते हुए प्राण न्यौछावर कर दिए।
सामने आई जानकारी के अनुसार सोमवार रात लगभग 9 बजे आतंकवादियों के साथ यह मुठभेड़ शुरू हुई। इस दौरान भारी गोलीबारी हुई। मुठभेड़ के स्थान पर अतिरिक्त सुरक्षाबल भेजे गए हैं। मुठभेड़ तब शुरू हुई जब जंगलों के अंदर छिपे आतंकवादियों ने सुरक्षा बलों पर अचानक गोलीबारी शुरू कर दी, जो इलाके में तलाशी ले रहे थे।
इसके बाद सुरक्षाबलों ने जवाबी कार्रवाई की और दोनों ओर से करीब आधे घंटे तक गोलीबारी जारी रही। इसके बाद से आतंकियों की ओर से कोई गोलीबारी नहीं हुई और वे मौके से भागने में कामयाब रहे।
हाल में बढ़ी हैं आतंकियों की सक्रियता
हाल के दिनों में जम्मू संभाग में विभिन्न स्थानों से आतंकवादी हमलों की घटनाओं में वृद्धि और सीमा पार से आतंकवादियों की घुसपैठ की रिपोर्टों के बाद पुलिस और सुरक्षा बलों ने बड़े पैमाने पर संयुक्त तलाशी और तलाशी अभियान शुरू किया है।
समाचार एजेंसी IANS के अनुसार एक अधिकारी ने बताया, 'मुठभेड़ तब शुरू हुई जब राष्ट्रीय राइफल्स और पुलिस के विशेष अभियान दल (एसओजी) के जवानों ने कल (सोमवार) शाम करीब 7.45 बजे देसा वन क्षेत्र के धारी गेट उरारबागी में सीएएसओ (घेराबंदी और तलाशी अभियान) शुरू किया। शुरू में करीब 20 मिनट से अधिक समय तक चली गोलीबारी में एक अधिकारी समेत चार सैन्यकर्मी और एक पुलिसकर्मी घायल हो गए। इलाके में आतंकवादियों के खिलाफ अभियान जारी है।'
डोडा जम्मू संभाग के उन घने जंगलों वाले पहाड़ी जिलों में से एक है, जहां आतंकवादी गुरिल्ला हमले कर रहे हैं।
दो दिन पहले तीन आतंकी मारे गए
भारतीय सेना ने 14 जुलाई को ही कुपवाड़ा में एलओसी के पास घुसपैठ की कोशिश करने वाले तीन आतंकियों को मार गिराया था। इन मारे गए आतंकियों के पास से भारी संख्या में हथियार बरामद हुए थे। वहीं, डोडा की बात करें तो सोमवार को आतंकियों के साथ मुठभेड़ की यह पिछले करीब एक महीने में पांचवीं घटना है। इससे पहले 9 जुलाई को भी एक मुठभेड़ हुई थी। वहीं, 26 जून सहित 11 और 12 जून को भी आतंकी हमले हुए थे। इन हमलों के बाद भी एनकाउंटर हुए थे।
वहीं, 9 जून को रियासी में तीर्थयात्रियों की बस पर आतंकियों ने हमला किया था। इस हमले के बाद बस खाई में गिर गई थी। घटना में 9 लोगों की मौत हुई। इसी महीने 8 जुलाई को जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में आतंकियों ने घात लगाकर सेना के दो ट्रकों पर हमला किया था। इसमें एक जूनियर कमीशंड ऑफिसर (JCO) समेत 5 जवान मार गए थे।