नई दिल्लीः जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा ने अपने उम्मीदवारों की संशोधित पहली लिस्ट जारी कर दी है। पार्टी उम्मीदवारों की संशोधित लिस्ट में भाजपा ने पहले चरण के मतदान वाले 16 विधानसभा सीटों पर उम्मीदवारों के नाम घोषित किए हैं।
भाजपा ने इससे पहले 44 उम्मीदवारों की घोषणा की थी। लेकिन कुछ देर बाद इन नामों को वापस ले लिया और दोबारा 15 सीटों पर उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया। इसके कुछ देर बाद पार्टी ने एक और नाम कोंकरनाग से चौधरी रोशन हुसैन की उम्मीदवारी की घोषणा की।
भारतीय जनता पार्टी द्वारा आज दिनांक 26.08.2024 सोमवार को जम्मू व कश्मीर विधानसभा चुनाव 2024 हेतु प्रथम चरण के प्रत्याशियों की पहली सूची जारी की गई। pic.twitter.com/vgXzf4m7aZ
— BJP (@BJP4India) August 26, 2024
भाजपा ने नई सूची जारी करते हुए कहा कि इससे पहले सोमवार सुबह जारी किए गए उम्मीदवारों की लिस्ट में दूसरे और तीसरे चरण के चुनाव वाली सीटों पर जिन प्रत्याशियों के नाम की घोषणा की गई थी, उसे अमान्य माना जाए। रिपोर्टों की मानें तो भाजपा अपने उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट भी जल्द ही जारी कर सकती है।
भारतीय जनता पार्टी की केन्द्रीय चुनाव समिति ने आगामी जम्मू व कश्मीर विधानसभा चुनाव 2024 के लिए एक नाम पर अपनी स्वीकृति प्रदान की है। pic.twitter.com/RJGwS5nkOx
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भाजपा ने 28 उम्मीदवारों के नाम वापस क्यों लिए?
नाम जाहिर न करने की शर्त पर हिंदुस्तान टाइम्स को एक भाजपा नेता ने बताया कि भाजपा को पहली सूची को वापस इसलिए लेना पड़ा क्योंकि इससे पार्टी के वफादारों और वरिष्ठ नेताओं के बीच काफी रोष पैदा हो गया था। वे राजनीतिक पलटीमारों को टिकट दिए जाने से नाराज थे। भाजपा नेता ने कहा कि भाजपा के वरिष्ठों और वफादार नेताओं की अनदेखी कर नए लोगों का चयन किया गया था जिससे लोगों में काफी नाराजगी थी।
उधर, पार्टी सूत्रों की मानें तो विधानसभा क्षेत्रों के परिसीमन के कारण कई पुरानी सीटें समाप्त हो गई हैं और पार्टी को नए समीकरण के हिसाब से उम्मीदवारों का चयन करना पड़ा है। इनमें से एक दिग्गज नेता ने स्वयं विधानसभा का चुनाव लड़ने में अपनी असमर्थता व्यक्त कर दी थी लेकिन स्थानीय समीकरणों को देखते हुए पार्टी अन्य नेताओं को आने वाली सूचियों में शामिल कर सकती है।
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रद्द की सूची में कई दलबदलू नेताओं को मिली थी जगह
वापस ली गई सूची में कश्मीर से आठ और जम्मू से 36 उम्मीदवार शामिल थे, जिसके बाद जम्मू में भाजपा कार्यालय में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया। इसमें पूर्व मंत्री चौधरी जुल्फिकार, जो अपनी पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हुए, नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के पूर्व नेता सैयद मुश्ताक बुखारी और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के पूर्व विधायक मुर्तुजा खान शामिल थे।
कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए श्याम लाल शमा को जम्मू पश्चिम से टिकट दिया गया। पूर्व एनसी नेता सुरजीत सिंह सलाथिया को सांबा से भाजपा का उम्मीदवार बनाया गया। 2021 में नेशनल कॉन्फ्रेंस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए देवेंद्र सिंह राणा को नगरोटा से मैदान में उतारा गया था।
पहली सूची पहले चरण के नामांकन की अंतिम तिथि से एक दिन पहले जारी की गई। राज्य में पहले चरण के तहत विधानसभा की जिन 24 सीटों पर 18 सितंबर को मतदान होना है, उन सीटों पर नामांकन की आखिरी तारीख मंगलवार, 27 अगस्त ही है। लेकिन भाजपा ने पहले चरण के मतदान वाले 24 सीटों में से अपनी पहली लिस्ट में सिर्फ 16सीटों पर ही उम्मीदवारों के नाम घोषित किए हैं।
क्रमांक | सीटा का नाम | उम्मीदवार का नाम |
---|---|---|
1 | पाम्पोर | इंजी. सैयद शौकत गयूर अंद्राबी |
2 | राजपोरा | अर्शीद भट्ट |
3 | शोपियां | जावेद अहमद कादरी |
4 | अनंतनाग पश्चिम | मोहम्मद रफीक वानी |
5 | अनंतनाग | अधिवक्ता सैयद वजाहत |
6 | श्रीगुफवाड़ा बिजबेहरा | सोफी यूसुफ |
7 | शानगुस अनंतनाग पूर्व | वीर सराफ |
8 | इन्दरवल | तारिक कीन |
9 | किश्तवाड | शगुन परिहार |
10 | पाडेर-नागसेनी | सुनील शर्मा |
11 | भदरवाह | दलीप सिंह परिहार |
12 | डोडा | गजय सिंह राणा |
13 | डोडा पश्चिम | शक्ति राज परिहार |
14 | रामबाण | राकेश ठाकुर |
15 | बनिहाल | सलीम भट्ट |
16 | कोंकरनाग | चौधरी रोशन हुसैन |
रद्द की गई सूची में दूसरे चरण के लिए 10 और तीसरे चरण के लिए 19 उम्मीदवार थे। इसमें कश्मीर घाटी के पंपोर, शोपियां और अनंतनाग के उम्मीदवार शामिल थे। भाजपा ने घाटी की तीन सीटों के लिए लोकसभा चुनाव में कोई उम्मीदवार नहीं उतारा था। इसने जम्मू क्षेत्र की दोनों लोकसभा सीटों पर जीत हासिल की।
भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की अध्यक्षता और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में रविवार को हुई भाजपा के केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में इन उम्मीदवारों के नाम पर मुहर लगाई गई थी। 2014 में जब जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव हुए थे, तब पार्टी ने 87 में से 25 सीटें जीती थीं और पीडीपी (28 सीटें जीती थीं) के साथ सरकार बनाई थी। नेशनल कॉन्फ्रेंस को 15 सीटें मिलीं थीं, जबकि उसकी सहयोगी कांग्रेस के हिस्से 12 सीटें आई थीं।
जम्मू-कश्मीर में चुनाव ऐसे समय में होने जा रहे हैं, जब जुलाई में केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल की शक्तियों का दायरा पुलिस और सार्वजनिक व्यवस्था से बढ़ाकर पोस्टिंग और अभियोजन प्रतिबंधों तक कर दिया था। नेशनल कॉन्फ्रेंस जैसी पार्टियों ने इस कदम की निंदा करते हुए कहा कि यह जम्मू-कश्मीर में मुख्यमंत्री को “शक्तिहीन” बनाने और क्षेत्र के लोगों को कमजोर करने वाला कदम है।
जम्मू-कश्मीर में 2014 के बाद से पहला विधानसभा चुनाव 18, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को तीन चरणों में होगा। यह 2024 के राष्ट्रीय चुनावों के बाद क्षेत्र में पहली बड़ी चुनावी कवायद है। मतों की गिनती 4 अक्टूबर को होगी।
जम्मू कश्मीर में अकेले विधानसभा का चुनाव लड़ रही भाजपा इस बार राज्य की सभी 90 सीटों पर चुनाव लड़ने की बजाय मजबूत सीटों पर ही ज्यादा ध्यान देगी। भाजपा ने एक रणनीति के तहत यह तय किया है कि पार्टी राज्य में 70 के लगभग विधानसभा सीटों पर लड़ेगी और 20 के लगभग विधानसभा क्षेत्रों जिनमें ज्यादातर कश्मीर घाटी की सीटें होंगी, उस पर अच्छे और लोकप्रिय निर्दलीय उम्मीदवारों का समर्थन करेगी।
यह भी बताया जा रहा है कि चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कश्मीर में 2 से 3 और जम्मू में 8-10 चुनावी रैलियां कर सकते हैं। हालांकि रैलियों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम पर अभी अंतिम मुहर लगना बाकी है।
–आईएएनएस इनपुट के साथ