जेल में बंद खालिस्तान समर्थक सांसद अमृतपाल सिंह बनाएगा खुद की नई पार्टी, 14 जनवरी को ऐलान

अमृतपाल सिंह पर भारत की सुरक्षा को खतरे में डालने के आरोप में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत मामला दर्ज है।

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Jailed pro-Khalistan Member of Parliament Amritpal Singh is going to form his own new party, announcement will be made on January 14

जेल में बंद खालिस्तान समर्थक सांसद अमृतपाल सिंह बनाएगा खुद की नई पार्टी, 14 जनवरी को ऐलान (फोटो- IANS)

चंड़ीगढ़: खालिस्तान समर्थक और खडूर साहिब से सांसद अमृतपाल सिंह 14 जनवरी को एक नई क्षेत्रीय राजनीतिक पार्टी लॉन्च करने की तैयारी कर रहा है। वह फिलहाल राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद है।

पंजाब के श्री मुक्तसर साहिब में लगने वाले ऐतिहासिक 'माघी दा मेला' के दौरान 'पंथ बचाओ, पंजाब बचाओ' नामक रैली का आयोजन किया जाएगा। इस रैली में अमृतपाल सिंह के पिता तसरेम सिंह और उनके करीबी लोग शामिल होंगे, जहां नई पार्टी की घोषणा की जाएगी।

इससे पहले इसी साल सितंबर में अमृतपाल सिंह के पिता ने "सभी के कल्याण" की जरूरत को बल देते हुए पंजाब में एक नई राजनीतिक पार्टी बनाने की इच्छा व्यक्त की थी।

अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में माथा टेकने के बाद तसरेम सिंह और उनकी पत्नी ने मीडिया से बातचीत की। उन्होंने कहा कि नई पार्टी पंजाब को इस संवेदनशील समय में मजबूत करने पर ध्यान देगी। उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी 'मानस की जात सभय एके पहचानबो'(मानव जाति की समानता) के सिद्धांत का पालन करेगी।

गौरतलब है कि अमृतपाल सिंह आखिरी बार पांच जुलाई 2024 को जेल से बाहर आया था। उस दिन उसे लोकसभा सांसद के रूप में शपथ लेने के लिए डिब्रूगढ़ से दिल्ली लाया गया था।

एनएसए के तहत अमृतपाल सिंह के खिलाफ हुई है कार्रवाई

पंजाब पुलिस द्वारा 36 दिनों की तलाशी के बाद उसे 23 अप्रैल, 2023 को उसके नौ सहयोगियों के साथ गिरफ्तार किया गया था। अमृतपाल सिंह पर भारत की सुरक्षा को खतरे में डालने का आरोप है, और उस पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत मामला दर्ज किया गया है।

एनएसए के तहत, किसी व्यक्ति को यदि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा माना जाता है, तो उसे बिना किसी आरोप के एक साल तक हिरासत में रखा जा सकता है।

कौन है अमृतपाल सिंह?

अमृतपाल सिंह खालिस्तान समर्थक और 'वारिस पंजाब दे' का प्रमुख है। उसका जन्म 17 जनवरी 1993 को अमृतसर के जल्लूपुर खेड़ा में हुआ था। 2021 में वह अपने परिवार के ट्रांसपोर्ट बिजनेस में शामिल हुआ और फिर दुबई चला गया।

साल 2022 में वह भारत लौट आया और 2023 में अमृतसर के अजनाला थाने में हुई हिंसा के बाद चर्चा में आया। उसी साल, अमृतपाल सिंह ने 'वारिस पंजाब दे' समूह की जिम्मेदारी संभाली।

अमृतपाल सिंह ने अपनी रैलियों में खालिस्तानी विचारधारा का समर्थन किया और अजनाला पुलिस स्टेशन पर हुए हमले में भी शामिल था, जिसमें हथियारबंद लोगों ने पुलिस अधिकारियों पर हमला कर अपने एक सहयोगी को छुड़ा लिया था।

पिछले साल अप्रैल में, अमृतपाल सिंह को कई राज्यों में तलाशी अभियान के बाद खालिस्तानी आतंकवादी जरनैल सिंह भिंडरावाले के गांव से गिरफ्तार किया गया था। वर्ष 2021 में वकील और अभिनेता से कार्यकर्ता बने दीप सिद्धू द्वारा शुरू किए गए 'वारिस पंजाब दे' की कमान संभालने के बाद, अमृतपाल ने युवाओं से पंथ की "आजादी के लिए लड़ने" का आह्वान किया था।

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