नई दिल्लीः भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार को स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अपने पद से तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भेजे अपने पत्र में कहा, “चिकित्सकीय सलाह का पालन करते हुए और स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए, मैं भारत के उपराष्ट्रपति पद से तत्काल प्रभाव से इस्तीफा देता हूं। यह संविधान के अनुच्छेद 67(क) के तहत किया गया है।”
जगदीप धनखड़ ने एक भावुक संदेश जारी करते हुए संसद के सभी माननीय सदस्यों के प्रति गहरी कृतज्ञता व्यक्त की है। उन्होंने अपने कार्यकाल को भारत की असाधारण आर्थिक प्रगति और अभूतपूर्व विकास का साक्षी बताया और कहा कि इस परिवर्तनकारी दौर में देश की सेवा करना उनके लिए गर्व और सम्मान की बात रही।
धनखड़ ने कहा, "सभी माननीय सांसदों से जो स्नेह, विश्वास और अपनापन मुझे मिला, वह मेरे स्मृति-पटल पर सदा अंकित रहेगा।" उन्होंने अपने कार्यकाल को न केवल एक संवैधानिक जिम्मेदारी, बल्कि देश की असाधारण प्रगति का साक्षी बनने का अवसर भी बताया। उन्होंने भारत के भविष्य को लेकर अडिग विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि भारत का वैश्विक उत्थान वास्तव में अद्वितीय है और इस पर हर देशवासी को गर्व होना चाहिए।
संविधान के प्रावधानों के अनुसार, उपराष्ट्रपति का पद रिक्त होने की स्थिति में, अगले 60 दिनों के भीतर इस पद को भरने के लिए चुनाव कराना अनिवार्य है। इस चुनाव के लिए निर्वाचक मंडल में संसद के दोनों सदनों - लोकसभा और राज्यसभा - के सभी सदस्य शामिल होते हैं। चुनाव आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के अनुसार एकल संक्रमणीय मत के माध्यम से होता है।
संविधान के अनुसार, जब उपराष्ट्रपति का पद खाली होता है, तो राज्यसभा के उपसभापति उच्च सदन के कार्यवाहक सभापति के रूप में कार्यभार संभालते हैं। वर्तमान में, यह जिम्मेदारी हरिवंश नारायण सिंह (जो अगस्त 2022 में नियुक्त हुए थे) निभाएंगे और वे अस्थायी रूप से राज्यसभा की कार्यवाही का संचालन करेंगे।