भगदड़ के लिए मोहन चरण माझी ने मांगी माफी Photograph: (आईएएनएस)
भुवनेश्वरः उड़ीसा के पुरी में जगन्नाथ रथ यात्रा के दौरान मची भगदड़ के बाद सीएम मोहन चरण माझी ने माफी मांगी है। रविवार सुबह करीब 4 बजे गुंडिचा मंदिर के करीब भगदड़ मच गई जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए। मंदिर के पास भारी संख्या में भक्तों की भीड़ जुटी थी।
उड़ीसा के कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने कहा कि भगदड़ में बसंती साहू, प्रेमकांत मोहांटी और पार्वती दास की दम घुटने से मौत हो गई। कानून मंत्री ने कहा कि सरकार घटना की जांच करेगी और दोषी पाए गए लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि घटना की जांच राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि गुंडिचा मंदिर के पास अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की गई है।
सीएम मोहन चरण माझी ने मांगी माफी
ओडिशा के सीएम मोहन चरण माझी ने राज्य सरकार की ओर से माफी मांगी है। उन्होंने भगवान जगन्नाथ के भक्तों से माफी मांगी है। माझी ने भगदड़ में मारे गए लोगों के परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि घटना के पीछे हुई लापरवाही की जांच की जा रही है।
ओडिशा डीजीपी वाई बी खुरानिया घटनास्थल पर पहुंचे हैं।
गुंडिचा मंदिर के पास यह भगदड़ सुबह करीब 4 बजे के वक्त हुई जब भारी संख्या में भक्त तीनों रथों पर सवार देवताओं की प्रतिमाओं के अनावरण का इंतजार कर रहे थे।
घटना से पहले उसी जगह से लकड़ी से लदे दो ट्रक सरधाबली क्षेत्र में घुस गए, जिससे श्रद्धालुओं में अफरा-तफरी मच गई।
वीआईपी के लिए अलग प्रवेश द्वार
हिंदुस्तान टाइम्स ने पुरी के एक स्थानीय निवासी के हवाले से लिखा कि मंदिर के बाहर भगदड़ के दौरान भीड़ प्रबंधन की उचित व्यवस्था नहीं थी। उन्होंने कहा कि वीआईपी लोगों के लिए नया प्रवेश द्वार खोला गया था। वहीं, आम लोगों से मंदिर से दूर से ही बाहर जाने को कहा गया था। उन्होंने कहा कि लोग प्रवेश द्वार से ही बाहर निकलने लगे जिससे और भी भीड़ बढ़ गई।
ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने भगदड़ में मारे गए लोगों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त की हैं और घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की है। इसके साथ ही रथ यात्रा के दौरान हुई इस घटना को राज्य सरकार की "घोर विफलता" बताई है।
उन्होंने कहा कि घटना के बाद सबसे पहले मदद पीड़ितों के रिश्तेदारों की तरफ से आई। वहां पर कोई भी सरकारी सुविधा उपलब्ध नहीं थी।