जगन मोहन रेड्डी ने आंध्र प्रदेश सरकार पर वित्तीय अनुशासन में अभाव का लगाया आरोप

वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने आंध्र प्रदेश सरकार पर वित्तीय अनुशासन में अभाव का आरोप लगाया है। उन्होंने आरोप लगाया कि मौजूदा एसडीएल दर से अधिक दर पर कूपन जारी किए गए जिससे वित्तीय बोझ बढ़ा।

JAGAN MOHAN REDDY ACCUSED TDP GOVERNMENT LACK OF FISCAL DISCIPLINE

जगन मोहन रेड्डी Photograph: (बोले भारत डेस्क)

हैदराबादः आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने सत्तारूढ़ तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) पर गंभीर घोटाले का आरोप लगाया है। रेड्डी ने कहा कि आंध्र प्रदेश खनिज विकास निगम (एपीएमडीसी) द्वारा हाल ही में जारी गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर (एनसीडी) में घोर कुप्रबंधन और संवैधानिक उल्लंघन किया गया है। 

जगन मोहन रेड्डी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा मौजूदा गठबंधन सरकार पर निशाना साधते हुए लिखा कि मौजूदा सरकार ने "राजकोषीय अनुशासन की कमी और संवैधानिक ढांचे के प्रति अनादर" प्रदर्शित किया है।

9,000 करोड़ की हो गई राशि

उन्होंने 25 जून को एपीएमडीसी द्वारा जारी की गई दूसरी किस्त की ओर इशारा किया। इस किस्त में 9.30 प्रतिशत की दर से 5,526 करोड़ रुपये जुटाए गए। इसके साथ ही बॉन्ड जारी करने के माध्यम से राशि 9,000 करोड़ रुपये हो गई है।

रेड्डी ने आरोप लगाया कि यह मामला न्यायालय में विचाराधीन होने के बावजूद भी जारी किया गया। उन्होंने कहा आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने मामला स्वीकार कर लिया था और नोटिस जारी किए जा चुके थे। उन्होंने आरोप लगाया कि इन निधियों का उद्देश्य राज्य सरकार के वित्तपोषण को बढ़ाना था, जो कि संवैधानिक दिशानिर्देशों के उल्लंघन को दर्शाता है।

टीडीपी गठबंधन सरकार पर आगे आरोप लगाते हुए रेड्डी ने दावा किया कि सरकार ने अभूतपूर्व तरीके से निजी संस्थाओं को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के प्रत्यक्ष डेबिट जनादेश के माध्यम से राज्य के समेकित कोष तक सीधी पहुंच प्राप्त करने में सक्षम बनाया है।

निजी पार्टियों को पैसे निकालने की अनुमति

रेड्डी के अनुसार, सरकार के इस फैसले ने निजी पार्टियों को सरकारी अधिकारियों की भागीदारी के बिना राज्य के खजाने से पैसा निकालने की अनुमति दी। रेड्डी ने इसे ऐसा कदम बताया जो संविधान के अनुच्छेद 203, 204 और 293 (1) का स्पष्ट उल्लंघन बताया। 

बॉन्ड के लिए अतिरिक्त सुरक्षा के रूप में सरकार ने कथित तौर पर 1.91 लाख करोड़ रुपये मूल्य की खनिज संपत्तियों को गिरवी रख दिया ताकि 9,000 करोड़ रुपये के एनसीडी जारी किए जा सकें।

रेड्डी ने इस असमानता की आलोचना करते हुए कहा कि बॉन्ड राज्य विकास ऋण (एसडीएल) की तुलना में अधिक सुरक्षित रूप से समर्थित थे लेकिन फिर भी उन्हें असामान्य रूप से उच्च ब्याज पर जारी किया गया। रेड्डी ने सवाल उठाया कि इतनी उच्च मूल्य वाली सुरक्षा के बावजूद एपीएमडीसी बॉन्ड पर 9.30 प्रतिशत कूपन दर क्यों थी? यह दर मौजूदा एसडीएल दर से 2.60 प्रतिशत अधिक है। उन्होंने कहा कि इसके परिणामस्वरूप 235 करोड़ रुपये का अतिरिक्त वार्षिक बोझ पड़ता है। 

इसके साथ ही पोस्ट में उन्होंने मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू को भी टैग किया।

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