इसरो ने अंतरिक्ष में लोबिया के बीजों का 4 दिनों में किया सफल अंकुरण, जल्द आएंगी पत्तियां

इसरो की यह सफलता कठिन परिस्थितियों में पौधों की वृद्धि और आत्मनिर्भर अंतरिक्ष आवास बनाने की तकनीकों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

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ISRO successfully germinates cowpea seeds in space in 4 days leaves will come soon

इसरो ने अंतरिक्ष में लोबिया के बीजों का 4 दिनों में किया सफल अंकुरण, जल्द आएंगी पत्तियां (फोटो-इसरो @X)

नई दिल्ली: इसरो ने अपने PSLV-C60 POEM-4 मिशन के दौरान सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण वातावरण में लोबिया के बीजों को सफलतापूर्वक अंकुरित करके एक बड़ी सफलता हासिल की है। यह प्रयोग अंतरिक्ष में पौधों की वृद्धि और कृषि संभावनाओं को समझने में मील का पत्थर साबित हुआ है।

इस प्रयोग में ऑर्बिटल प्लांट स्टडीज (CROPS) नामक विशेष पेलोड का उपयोग किया गया। इसे वीएसएससी (विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर) द्वारा विकसित किया गया है। यह एक स्वचालित सिस्टम है, जो सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण स्थितियों में बीज अंकुरण और पौधों की वृद्धि का अध्ययन करता है। ऑर्बिटल प्लांट स्टडीज में उन्नत निगरानी उपकरण लगे हैं, जैसे हाई-डेफिनिशन कैमरे, ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड सेंसर, आर्द्रता डिटेक्टर, तापमान मॉनिटर और मिट्टी की नमी मापने वाले उपकरण।

इसरो ने इस मीशन के लिए 8 बीजों को नियंत्रित तापमान पर रखा था

इस मिशन के तहत आठ लोबिया के बीजों को नियंत्रित तापमान और बंद वातावरण में रखा गया। चार दिनों के भीतर इन बीजों का सफल अंकुरण हुआ। जल्द ही इनके पत्तों का विकास भी अपेक्षित है। यह उपलब्धि अंतरिक्ष स्थितियों में पौधों के अस्तित्व और वृद्धि के लिए एक नई राह खोलती है।

PSLV-C60 मिशन में ऑर्बिटल प्लांट स्टडीज समेत 24 पेलोड शामिल थे। ये पेलोड इसरो और विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों के सहयोग से विकसित किए गए। यह मिशन भारत की बढ़ती अंतरिक्ष अनुसंधान क्षमताओं और वैज्ञानिक उन्नति के प्रति इसरो के समर्पण को दर्शाता है।

ऑर्बिटल प्लांट स्टडीज पेलोड का क्या उद्देश्य है

ऑर्बिटल प्लांट स्टडीज पेलोड का उद्देश्य टिकाऊ अंतरिक्ष कृषि की दिशा में शोध करना है। यह विकास विशेष रूप से दीर्घकालिक अंतरिक्ष मिशनों और अन्य खगोलीय पिंडों पर मानव बस्तियों की स्थापना के लिए महत्वपूर्ण है। इसरो की यह सफलता चरम स्थितियों में पौधों की वृद्धि और आत्मनिर्भर अंतरिक्ष आवासों के लिए आवश्यक तकनीकों के विकास में अहम भूमिका निभाएगी।

इसरो का यह नवाचार न केवल वैज्ञानिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भारत की अंतरिक्ष अनुसंधान में वैश्विक स्थिति को भी मजबूत करता है। यह सफलता मानवता को पृथ्वी से परे जीवन की संभावनाओं के करीब लाने में सहायक होगी। इस उपलब्धि ने अंतरिक्ष कृषि के क्षेत्र में भारत को अग्रणी देशों में शामिल कर दिया है, जो भविष्य के अंतरिक्ष अभियानों के लिए एक नई उम्मीद जगाता है।

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