नई दिल्ली: 2024 लोकसभा चुनाव लगभग पूरा हो गया है और अब तक छह चरण के चुनाव हो चुके हैं। एक जून यानी आज अंतिम चरण का चुनाव हो रहा है। चुनाव के बीच एआई चैटबॉट चैटजीपीटी को बनाने वाली कंपनी ओपनएआई ने बड़ा एक खुलासा किया है।
ओपनएआई ने कहा है कि लोकसभा चुनाव को प्रभावित करने के लिए चैटजीपीटी का इस्तेमाल किया गया है। कंपनी ने कहा है कि इसकी जानकारी मिलने के 24 घंटे के अंदर कंपनी ने इसके खिलाफ कार्रवाई भी की है।
ओपनएआई का दावा है कि चैटजीपीटी का यूज कर सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा के खिलाफ और कांग्रेस के पक्ष में कंटेंट तैयार किए गए थे। कंपनी के खुलासे के बाद भाजपा की भी प्रतिक्रिया भी सामने आई है। भाजपा ने इसे लोकतंत्र के लिए ‘खतरनाक खतरा’ बताया है और इसे और भी जल्दी उजागर करने की बात कही है।
चुनाव प्रभावित करने की किसने की कोशिश
ओपनएआई ने खुलासा किया है कि इजराइली पॉलिटिकल कैंपेन मैनेजमेंट फर्म एसटीओआईसी (STOIC) ने चुनाव को प्रभावित करने की कोशिश की है। कंपनी ने बताया कि इस अभियान को “जीरो जेनो” नाम रखा गया था।
अभियान के तहत कई टिप्पणियां, लेख और सोशल मीडिया प्रोफाइल बनाई गई है जिसमें भाजपा को निशाना बनाया गया है। यही नहीं अभियान में चैटजीपीटी का इस्तेमाल कर देश की विपक्षी पार्टी कांग्रेस की तारीफ वाले कंटेंट भी तैयार किए गए हैं।
ओपनएआई ने तुरंत लिया एक्शन
इस पर बोलते हुए सीईओ सैम ऑल्टमैन के नेतृत्व वाली कंपनी ओपनएआई ने कहा है कि जानकारी मिलने के तुरंत बाद इस पर कार्रवाई की गई है। एक दिन के भीतर ऐसे अभियानों के खिलाफ एक्शन लिया गया है।
कंपनी ने इजराइल के कई खातों को बैन किया है जो इस अभियान के लिए कंटेंट तैयार कर रहे थे। इससे पहले कनाडा, अमेरिका और इजराइल को टारगेट करते हुए अंग्रेजी और हिब्रू भाषा में कंटेंट तैयार किए गए थे। इसके बाद लोकसभा चुनाव के दौरान मई की शुरुआत में भी ऐसे सामग्री तैयार किए गए हैं।
भाजपा ने क्या प्रतिक्रिया दी है
इस खुलासे पर इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर की प्रतिक्रिया भी सामने आई है। उन्होंने कहा है कि कुछ भारतीय राजनीतिक दलों द्वारा गलत सूचना और विदेशी हस्तक्षेप के जरिए भाजपा को निशाना बनाया गया है।
It is absolutely clear and obvious that @BJP4India was and is the target of influence operations, misinformation and foreign interference, being done by and/or on behalf of some Indian political parties.
This is very dangerous threat to our democracy. It is clear vested… https://t.co/e78pbEuHwe
— Rajeev Chandrasekhar 🇮🇳(Modiyude Kutumbam) (@Rajeev_GoI) May 31, 2024
राजीव चंद्रशेखर ने कहा है कि खुलासे पर गहन जांच करने की जरूरत है। उनके अनुसार, ओपनएआई प्लेटफॉर्म को यह खुलासा और पहले करना चाहिए था। खुलासे करने में काफी देर हो चुका है क्योंकि देश में जारी चुनाव लगभग पूरा हो गया है।
3 महीने में 5 गुप्त अभियान हुए है बैन
ओपनएआई ने कहा है कि पिछले तीन महीने में कंपनी ने पांच गुप्त अभियानों को बैन किया है। कंपनी ने कहा है कि ऑनलाइन भ्रामक गतिविधियों के चलते मॉडल के उपयोग को लेकर यह कदम उठाया गया है।
जांच पर बोलते हुए ओपनएआई ने कहा है कि यह जांच एआई को लोगों के लिए सुरक्षित बनाने के लिए की गई है जिसमें यह खुलासा हुआ है।