इजराइल बढ़ा रहा भारत पर हमास को आतंकी संगठन घोषित करने का दबाव, क्या है PoK कनेक्शन?

इससे पहले साल 2023 में इजराइल ने पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा पर प्रतिबंध लगा दिया था, जिसने मुंबई हमलों को अंजाम दिया था। तब इजराइल ने उम्मीद जताई थी कि भारत भी हमास को प्रतिबंधित करेगा।

Hamas

Photograph: (IANS)

नई दिल्ली: गाजा पट्टी से हमास को खत्म करने के प्रयासों के बीच इजराइल इस समूह को भारत द्वारा आतंकवादी संगठन घोषित करने के लिए दबाव बना रहा है। इजराइल यह दबाव उस समय बढ़ा रहा है जब हाल में उसने पिछले महीने पाकिस्तान प्रायोजित 'कश्मीर एकजुटता दिवस' ​​​​पर पीओके में कई हमास नेताओं की उपस्थिति को लेकर चिंता भी जताई है।

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार यह संभवतः पहली बार था जब हमास नेताओं ने पीओके की यात्रा की और संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित आतंकवादी समूहों जैसे लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) और जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के सदस्यों के साथ नजर आए। समझा जाता है कि इजराइल ने भारतीय अधिकारियों के साथ इस पूरे मुद्दे पर चर्चा की है। 

भारत का रणनीतिक स्टैंड

भारत हमेशा से आतंकवाद के मुद्दे पर इजराइल के साथ खड़ा नजर आया है। भारत ने इजराइल पर 7 अक्टूबर 2023 के हमास के आतंकी हमले की कड़ी निंदा भी की थी। इसके बावजूद भारत ने हमास पर प्रतिबंध नहीं लगाया है। दूसरी ओर अमेरिका और यूरोपीय संघ सहित कई देशों ने हमास को आतंकवादी संगठन घोषित कर रखा है।

इससे पहले साल 2023 में इजराइल ने पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा पर प्रतिबंध लगा दिया था, जिसने मुंबई हमलों को अंजाम दिया था। भारत में इजराइल के तत्कालीन राजदूत नाओर गिलोन ने उम्मीद जताई थी कि भारत भी हमास पर प्रतिबंध लगाएगा। उन्होंने बताया था कि समूह की आतंकवादी गतिविधियों के बारे में जानकारी भारत सरकार के साथ साझा की गई थी।

संसद में भी उठा था सवाल

भारत का हमास पर प्रतिबंध लगाने का कोई प्रस्ताव है या नहीं, यह सवाल भारतीय संसद में भी उठाया जा चुका है। हालांकि, विदेश मंत्रालय ने जवाब में केवल यही कहा था कि किसी संगठन को आतंकवादी घोषित करना यूएपीए के तहत आता है और संबंधित सरकारी विभाग अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार इस पर विचार करते हैं।

भारत ने इजराइल और फिलिस्तीन के मुद्दे पर अभी तक संतुलित नीति अपनाई है। भारत जहां आतंकवाद से खुद को बचाने के इजराइल के अधिकार को समर्थन देता है, वहीं फिलिस्तीनी लोगों के साथ भी संबंधों को बनाए रखना जारी रखा है। भारत बातचीत के जरिए दो-राष्ट्र सिद्धांत का भी समर्थन करता रहा है जिसमें इजराइल के पड़ोस में सुरक्षित और मान्यता प्राप्त सीमाओं के साथ एक संप्रभु, स्वतंत्र फिलिस्तीन की बात कही गई है। इसके अलावा भारत संयुक्त राष्ट्र में फिलिस्तीन की सदस्यता का भी समर्थन करता रहा है।

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