नई दिल्लीः पूर्व विदेश मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने सोमवार देश में चल रही राजनीतिक खींचतान और पार्टी वफादारी पर केंद्रित बहस को लेकर गहरी नाराजगी जताई। सलमान खुर्शीद ने एक्स पर एक क्रिप्टिक पोस्ट किया।
सलमान खुर्शीद ने ट्वीट में लिखा कि "जब हम आतंकवाद के खिलाफ एक राष्ट्रीय मिशन पर दुनिया को भारत का संदेश देने निकले हैं, तब देश में लोग राजनीतिक वफादारियों की गिनती कर रहे हैं। क्या देशभक्त होना इतना कठिन है?"
हालांकि खुर्शीद ने किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन उनका यह बयान कांग्रेस के भीतर चल रही हालिया खींचतान की पृष्ठभूमि में आया है। कुछ दिन पहले कांग्रेस सांसद उदित राज ने शशि थरूर पर बीजेपी का "सुपर प्रवक्ता" बनने का आरोप लगाते हुए उन पर निशाना साधा था। इस बयान को जयराम रमेश का समर्थन मिलने के बाद पार्टी में अंदरूनी टकराव और गहरा गया।
सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल को लेकर कांग्रेस पहले से ही नाराज
कांग्रेस पहले ही सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल की रचना पर नाराजगी जता चुकी है। कांग्रेस ने सरकार पर आरोप लगाया है कि सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में उसके कई नेताओं को नजरअंदाज किया गया। इससे पहले, कांग्रेस के नेता जयराम रमेश ने यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया था कि आतंकवादी घूम रहे हैं और सांसद भी घूम रहे हैं। इसपर बीजेपी ने तीखी प्रतिक्रिया दी और इसे घृणास्पद बताया।
सलमान खुर्शीद जदयू सांसद संजय कुमार झा के नेतृत्व में बने प्रतिनिधिमंडल के साथ इंडोनेशिया समेत कई देशों की यात्रा पर हैं। इस सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में सलमान खुर्शीद के अलावा बीजेपी सांसद बृजलाल, प्रदन बरूआ, हेमांग जोशी और अपराजिता सारंगी, तृणमूल कांग्रेस के अभिषेक बनर्जी, सीपीआई (एम) के जॉन ब्रिटास और मोहन कुमार शामिल हैं। यह दौरा हालिया ऑपरेशन 'सिंदूर' और पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत की आतंकवाद विरोधी नीति को वैश्विक मंचों पर मजबूत तरीके से प्रस्तुत करने के उद्देश्य से किया जा रहा है।
इसी यात्रा के दौरान सलमान खुर्शीद ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने को लेकर पाकिस्तान की भूमिका पर भी सवाल उठाए। जकार्ता में एक कार्यक्रम के दौरान खुर्शीद ने कहा, "दुर्भाग्य है कि पाकिस्तान उस समृद्धि को पलटना चाहता है जो अनुच्छेद 370 हटने के बाद कश्मीर में आई है। पहले अनुच्छेद 370 से यह भ्रम पैदा होता था कि कश्मीर भारत से अलग है, लेकिन इसके हटने के बाद वहां 65% मतदान के साथ लोकतांत्रिक सरकार बनी।"
'क्या देशभक्त होना इतना कठिन है?'
उन्होंने यह भी कहा कि कश्मीर भारत के परिवार का अभिन्न हिस्सा है और वहां की प्रगति को पीछे ले जाने का कोई भी प्रयास दुर्भाग्यपूर्ण होगा। उल्लेखनीय है कि कांग्रेस पार्टी ने संसद में अनुच्छेद 370 को हटाए जाने का विरोध किया था, लेकिन हाल के वर्षों में उसका रुख कुछ हद तक बदला है।
बीजेपी नेताओं के साथ काम करने पर पूछे गए सवाल के जवाब में खुर्शीद ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, "लोग पूछते हैं कि आप उस प्रतिनिधिमंडल में क्या कर रहे हैं, जहां बीजेपी के लोग भी हैं? लेकिन आज जब हम देश के लिए एक आवाज बनकर दुनिया के सामने खड़े हैं, तो पार्टी नहीं, देश की बात करनी चाहिए।" उन्होंने आगे कहा, "जब मैंने पूछा, क्या देशभक्त होना इतना कठिन है?,तो यह सवाल उन लोगों से है जो ट्वीट कर रहे हैं और ऐसे बयान दे रहे हैं जो राष्ट्रीय एकता के लिए प्रोत्साहक नहीं हैं।
#WATCH | Kuala Lumpur, Malaysia: On his tweet, member of all-party delegation led by JD(U) MP Sanjay Kumar Jha, Congress leader Salman Khurshid says, "People keep saying, 'what are you doing in a deleagtion where there are people from the BJP. What are you doing there?' What are… pic.twitter.com/CfdYCwQJOA
— ANI (@ANI) June 2, 2025
सलमान खुर्शीद ने अपना व्यक्तिगत दर्द और अनुभव जाहिर किया है: उदित राज
कांग्रेस नेता उदित राज ने सलमान खुर्शीद के "क्या देशभक्त होना इतना मुश्किल है" वाले बयान पर कहा कि यह उनका अपना व्यक्तिगत दर्द और अनुभव है, जो उन्होंने जाहिर किया है। सलमान खुर्शीद इन दिनों पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद विरोधी भारत के रुख को उजागर करने के लिए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के साथ कई देशों के दौरे पर हैं।
उदित राज ने न्यूज एजेंसी आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि उन्होंने जो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया है कि विदेश की धरती पर जब हम हैं और प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा हैं, तो वहां हमें एकता का परिचय देना चाहिए। मैं उस बात से सहमत हूं। दूसरी बात है कि मोदी भक्ति अलग है, राष्ट्रभक्ति अलग है। व्यक्ति भक्ति में हम यकीन नहीं करते हैं, व्यक्ति भक्ति की हम आलोचना करते हैं, बिना वजह व्यक्ति भक्ति से देश पर असर पड़ता है। मुझे लगता है कि बाटला हाउस के मामले में सलमान खुर्शीद को घेरा गया, जब उन्होंने इस पर किताब लिखी थी, उसमें एक शब्द "बोको हराम" का जिक्र किया था, उसके बाद उनका जीना हराम कर दिया था भाजपा ने। उनकी राष्ट्रीयता, देशभक्ति पर तमाम प्रश्न खड़े किए थे।
उन्होंने आगे कहा कि मुझे लगता है कि उनका वही दर्द झलकता है कि यह जो देशहित में बोलना है, क्या कोई गलत बात है या अपना तजुर्बा वह बता रहे हैं कि किस तरह से उन्होंने जो सही काम किया था, उसके ऊपर भी उंगली उठाई गई थी और एक मतलब है कि देशभक्ति का मतलब व्यक्ति भक्ति नहीं है। पुराने जो मामले थे, मेरा ख्याल है, उनका इशारा भाजपा की तरफ ही है। भाजपा हमेशा उनके ऊपर आक्रामक रही है, यह उनका अपना व्यक्तिगत दर्द और अनुभव है, जिसे उन्होंने जाहिर किया है।
उन्होंने कहा कि इस समय दुनिया में भारत अकेला पड़ गया है, ऐसी दुर्दशा भारत की पहले कभी नहीं हुई थी। अभी तक किसी भी देश के राष्ट्रपति या राष्ट्रीय अध्यक्ष ने भारत के पक्ष में बयान नहीं दिया है। जब सीजफायर के बाद सऊदी अरब पाकिस्तान के साथ मजबूती से खड़ा हुआ है, तमाम समझौते साइन किए हैं और कतर भी, रूस ने तो 2.6 मिलियन डॉलर का रक्षा सौदा किया है। सीजफायर के बाद से दूसरे देश पाकिस्तान के साथ और मजबूती से खड़े हो गए हैं। भारत से जो प्रतिनिधिमंडल गए हैं, तो देखता हूं, कौन देश भारत के समर्थन में खड़े होते हैं, वही उपलब्धि मानी जाएगी।
उदित राज ने आगे कहा कि कांग्रेस का स्टैंड उस व्यक्ति से अलग है। सुब्रमण्यम स्वामी को क्यों नहीं कहते हैं, वह भारतीय जनता पार्टी के हैं। उन्होंने कहा कि 5 फाइटर जेट हमारे गिरा दिए गए, तब कोई नहीं कहेगा कि भारतीय जनता पार्टी के व्यक्ति पार्टी के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं, लेकिन जब हमारे यहां होता है, तो वो कहते हैं कि कांग्रेस के अंदर अंदरूनी झगड़ा चल रहा है, मगर भाजपा में होता है, तो अंदरूनी झगड़ा नहीं माना जाता है।
सलमान खुर्शीद के जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को रद्द करने के समर्थन पर उदित राज ने कहा कि यह बात तो ठीक है, राहुल गांधी भी कहते हैं कि जो बूथ नहीं जितवा पाए, वह बड़े-बड़े नेता बने हैं। दो चीजें मैं बड़े स्पष्ट रूप से देखता हूं। जो भारतीय जनता पार्टी के फाउंडर मेंबर रहे हैं, जैसे शांता कुमार, लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी समेत कई नेता, उनको दरकिनार कर दिया गया है, लेकिन उन्होंने कुछ नहीं कहा। वहीं, कांग्रेस सरकार में जो 10 साल मंत्री रहे, जबकि फाउंडर मेंबर भी नहीं हैं, मगर सत्ता से बाहर होते ही पार्टी के खिलाफ बोलने लगते हैं। भाजपा में जिसने सबकुछ दिया है, वहां चुप बैठे हैं, भले ही पार्टी ने उन्हें अलग-थलग कर दिया है। कांग्रेस में उल्टा है, पार्टी ने जिसको सबकुछ दिया है, सत्ता से बाहर होते ही पार्टी के खिलाफ बोलने लगते हैं, यह हैरानी की बात है।
आईएएनएस इनपुट के साथ