भारत का रक्षा निर्यात बढ़ने का अनुमान, अगले 5 सालों 20 फीसदी सालाना इजाफे की उम्मीद

पिछले छह वर्षों में भारतीय रक्षा निर्यात 28% की सीएजीआर से बढ़ा है, जिसमें विमान, नौसेना प्रणाली, मिसाइल टेक्नोलॉजी और सैन्य हार्डवेयर शामिल हैं।

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India's defense exports are expected to grow at an annual growth rate of 20 percent in the next five years.

प्रतीकात्मक फोटो (फोटो- IANS)

मुंबई: सरकार द्वारा लगातार किए जा रहे सुधारों और निजी क्षेत्र की बढ़ती भागीदारी के कारण भारत का रक्षा निर्यात वित्त वर्ष 24 से वित्त वर्ष 29 के बीच 20 प्रतिशत के चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) से बढ़ने का अनुमान है।

यह जानकारी सोमवार को जारी हुई एक रिपोर्ट में दी गई। केयरएज रेटिंग की रिपोर्ट में कहा गया कि भारतीय डिफेंस कंपनियां देश की रक्षा क्षमता बढ़ाने को तैयार है।

भारत के डिफेंस सेक्टर में सरकारी और निजी क्षेत्र की संस्थाओं के बीच सहयोग ने हथियार और गोला-बारूद, एयरोस्पेस, इलेक्ट्रॉनिक्स और नौसेना टेक्नोलॉजी में प्रगति को बढ़ावा दिया है।

निजी क्षेत्र की संस्थाएं निभाएंगी बड़ा रोल-रिपोर्ट

रिपोर्ट में कहा गया है कि निजी क्षेत्र की संस्थाएं, चाहे घरेलू हों या बहुराष्ट्रीय, रक्षा आधुनिकीकरण को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी, जिसमें उन्हें अपनी इंजीनियरिंग और तकनीकी विशेषज्ञता का लाभ मिलेगा।

रिपोर्ट में बताया गया कि डिफेंस सेक्टर को सरकार की 'मेक इन इंडिया' और उदार एफडीआई नियमों का भी फायदा मिलेगा। इससे डिफेंस सेक्टर में विदेशी निवेश आएगा और घरेलू मैन्युफैक्चरिंग क्षमता बढ़ेगी। साथ ही सैन्य उपकरणों के निर्यात में बढ़त देखने को मिलेगी।

हाल के वर्षों में भारत का डिफेंस बजट लगातार अपने सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 1.90 से 2.8 प्रतिशत के बीच रहा है। वित्त वर्ष 2024-25 के लिए, डिफेंस सेक्टर के लिए 6.22 लाख करोड़ रुपए का पर्याप्त आवंटन किया गया है।

भारत ने FY25 के लिए 1.75 लाख करोड़ का डिफेंस प्रोडक्शन लक्ष्य तय किया

रिपोर्ट में कहा गया कि भारत ने वित्त वर्ष 25 के लिए 1.75 लाख करोड़ रुपए के डिफेंस प्रोडक्शन का लक्ष्य निर्धारित किया है, जो वित्त वर्ष 29 तक लगभग 20 प्रतिशत की सीएजीआर से बढ़कर तीन लाख करोड़ रुपए (रक्षा मंत्रालय के अनुसार) होने की उम्मीद है, जो भारत की आत्मनिर्भर रक्षा महाशक्ति बनने की अपनी प्रतिबद्धता को दिखाता है।

ऐतिहासिक रूप से भारत डिफेंस उपकरणों का शुद्ध आयातक रहा है, जो अपनी महत्वपूर्ण सैन्य जरूरतों को पूरा करने के लिए विदेशी आपूर्तिकर्ताओं पर बहुत अधिक निर्भर करता है।

हालांकि, स्वदेशी डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग और टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट को बढ़ावा देने के लिए किए गए ठोस प्रयासों जैसे 'मेक इन इंडिया' और नीतिगत सुधारों के समर्थन से इसमें धीरे-धीरे बदलाव आ रहा हैं।

पिछले छह वर्षों में (वित्त वर्ष 24 तक) भारतीय रक्षा निर्यात लगभग 28 प्रतिशत के मजबूत सीएजीआर से बढ़ा है। भारत के रक्षा निर्यात में विमान, नौसेना प्रणाली, मिसाइल टेक्नोलॉजी और सैन्य हार्डवेयर जैसे विभिन्न उत्पाद शामिल हैं।

(यह आईएएनएस समाचार एजेंसी की फीड द्वारा प्रकाशित है। इसका शीर्षक बोले भारत न्यूज डेस्क द्वारा दिया गया है।)

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