दिल्लीः अमेरिका में पढ़ रही भारतीय छात्रा नीलम शिंदे का एक्सीडेंट कैलिफोर्निया में हो गया था। छात्रा की हालत गंभीर है। ऐसे में छात्रा के परिवार ने सरकार से तत्काल वीजा की मांग की है। नीलिमा शिंदे नाम की छात्रा महाराष्ट्र के सतारा जिले की रहने वाली है।
छात्रा के पिता तानाजी शिंदे ने स्वास्थ्य इमरजेंसी के लिए वीजा का अनुरोध किया है। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, विदेश मंत्रालय ने परिवार की मांग को यूएसए के सामने रखते हुए तत्काल वीजा का अनुरोध किया है।
सुप्रिया सुले ने की थी मदद की अपील
राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) सांसद सुप्रिया सुले ने सोशल मीडिया पर इस मामले को उठाते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर से मामले को देखने की अपील की थी। इसके साथ ही उन्होंने छात्रा के परिवार की मदद करने की मांग की थी।
सुप्रिया ने एक्स पोस्ट में लिखा " छात्रा नीलिमा शिंदे का अमेरिका में एक्सीडेंट हो गया और वह स्थानीय अस्पताल में भर्ती हैं। उनके पिता तानाजी शिंदे मेडिकल इमरजेंसी के कारण अपनी बेटी के पास पहुंचने की आवश्यकता है। तानाजी शिंदे ने यूएसए के लिए तत्काल वीजा हेतु आवेदन किया था और उन्हें मदद की दरकार है। "
नीलम अभी कोमा में है। एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, नीलम का एक्सीडेंट 14 फरवरी को कैलिफोर्निया में हुआ था। एक कार ने नीलम को टक्कर मार दी थी जिससे उन्हें कई फ्रैक्चर हुए हैं सिर और छाती पर कुछ गंभीर चोटें आई हैं।
नीलम के पिता ने क्या बताया?
एनडीटीवी ने नीलम के पिता ने कहा " हमें एक्सीडेंट के बारे में 16 फरवरी को जानकारी मिली और तब से वीजा के लिए प्रयास कर रहे हैं। लेकिन हमें अभी तक यह नहीं मिला है। "
नीलम के पिता और भाई ने कहा कि उन्होंने 12 फरवरी को नीलम से आखिरी बार बात की थी।
परिवार को एक्सीडेंट की जानकारी अस्पताल की तरफ से मिली। नीलम के चाचा ने बताया कि उन्हें पुलिस 16 फरवरी को उन्हें अस्पताल लेकर गई और उसकी रूममेट को सूचना दी। उनके चाचा ने बताया कि पुलिस ने हमें बताया कि नीलम का एक्सीडेंट हुआ है। उन्होंने कहा कि वह कोमा में है और हमें वहां रहने की जरूरत है।
जयशंकर सबसे ज्यादा मदद करने वाले व्यक्ति
सोशल मीडिया पोस्ट पर आए लोगों के रिएक्शन पर सुप्रिया सुले ने समाचार आउटलेट को बताया कि यूएस में रहने वाले भारतीय छात्रों ने उनसे नीलम की मदद करने को कहा है। उन्होंने एनडीटीवी को बताया कि वह नीलम के परिवार के संपर्क में नहीं हैं। उन्होंने किसी स्थानीय से संपर्क कर परिवार की मदद सुनिश्चित करने की बात की है।
सुले ने कहा आशा है कि अधिकारी आगे आएंगे और परिवार की मदद करेंगे। उन्होंने कहा " हममें राजनैतिक अंतर हो सकते है लेकिन मैं यह कहना चाहूंगी कि श्री जयशंकर सबसे ज्यादा मदद करने वाले और बहुत बहुत सहानुभूति रखने वाले हैं जब किसी छात्र की बात होती है। मेरा विदेश मंत्रालय के साथ अनुभव असाधारण रूप से बहुत अच्छा रहा है। वे असाधारण मदद के लिए हमेशा अतिरिक्त प्रयास करते हैं। "