एडिलेडः ऑस्ट्रेलिया के एडिलेड में एक 23 वर्षीय भारतीय छात्र पर संदिग्ध नस्लवादी हमला हुआ है। इस हमले में भारतीय छात्र को बुरी तरह से पीटा गया है। हमलावरों ने छात्र को नस्लीय गालियां भी दीं। इस घटना ने ऑस्ट्रेलिया में रहने वाले भारतीयों को चिंता में डाल दिया है। 

यह घटना 19 जुलाई की बताई जा रही है। स्थानीय समयानुसार छात्र की पिटाई साढ़े 9 बजे के करीब हुई थी। चरणप्रीत सिंह और उनकी पत्नी शहर के बीचों-बीच किंटोर एवेन्यू के पास इल्यूमिनेट लाइट्स देखने के लिए अपनी गाड़ी खड़ी कर रहे थे। पुलिस और प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, एक गाड़ी उनके पास आकर रुकी और उसमें से 5 लोग निकले।  

भाड़ में जाओ... इंडियन

इन लोगों के हाथ में कथित तौर पर धातु के कुछ टुकड़े या नुकीली वस्तुएं थीं। इन लोगों ने सिंह से गाड़ी हटाने को कहा। बताया जा रहा है कि बिना किसी उकसावे के हमलावरों ने नस्लभेदी गालियां देनी शुरू कर दीं और सिंह से कहा कि "भाड़ में जाओ... इंडियन" और हिंसक हमला शुरू कर दिया। सिंह की कार की खिड़की में घूंसे मारे गए और छात्र पर हथियारों व मुक्कों से हमला किया गया।

9 न्यूज ने छात्र के हवाले से लिखा कि "मैंने जवाब देने की कोशिश की लेकिन वे मेरे बेहोश होने तक मारते रहे।" सिंह को रॉयल एडिलेड अस्पताल ले जाया गया था जहां उन्हें मस्तिष्क आघात, चेहरे पर कई फ्रैक्चर, टूटी हुई नाक और आंखों में गंभीर चोटें आईं। चोटों के चलते उन्हें रात भर अस्पताल में रहना पड़ा और सर्जरी करनी पड़ी। 

दक्षिणी ऑस्ट्रेलिया की पुलिस ने रिपोर्ट मिलने के बाद वहां पहुंची और सिंह को जमीन पर गिरा हुआ पाया। रविवार को इनफील्ड के रहने वाले 20 वर्षीय के ऊपर नुकसान पहुंचाने के आरोप लगाए गए। संदिग्ध को बाद में जमानत दी गई क्योंकि अधिकारी बचे हुए चार अन्य हमलावरों की तलाश कर रहे हैं।

पुलिस ने प्राप्त किया सीसीटीवी फुटेज

पुलिस ने व्यस्त परिसर से सीसीटीवी फुटेज प्राप्त कर लिया है जिसमें अच्छी तरह से रोशनी वाली सड़कें और सांस्कृतिक स्थलों तथा एडिलेड विश्वविद्यालय के पास लगे कैमरे शामिल हैं। 

छात्र पर हुए हमले का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। अस्पताल से 9न्यूज से बात करते हुए सिंह ने कहा "जब ऐसी घटनाएँ होती हैं, तो आपको लगता है कि आपको वापस लौट जाना चाहिए... आप अपने शरीर में कुछ भी बदल सकते हैं, लेकिन रंग नहीं बदल सकते।"

वहीं, दक्षिण ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री पीटर मालिनौस्कस ने इस हिंसा की निंदा करते हुए इसे "बेहद परेशान करने वाला बताया" और जोर देकर कहा कि इस तरह के हमलों के लिए "हमारे राज्य में कोई जगह नहीं है।"

ऐसी ही एक नस्लीय घटना आयरलैंड में भी देखी गई है जहां हिंसा के बाद एक व्यक्ति को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस घटना के संबंध में आयरलैंड के राजदूत ने अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाने का आह्वान किया है।