नई दिल्लीः टेस्ला और स्पेसएक्स के सीईओ एलन मस्क के साथ हाल ही में हुई बैठक में भारतीय व्यापार जगत के नेताओं ने कई अनूठे अनुभव साझा किए। इंडिया ग्लोबल फोरम के इस विशेष आयोजन में कुंभ मेले से लेकर स्पेसएक्स चॉपस्टिक्स और शाकाहारी भोजन तक के विषयों पर चर्चा हुई। ओयो के संस्थापक और ग्रुप सीईओ रितेश अग्रवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट में बताया कि मस्क कुंभ मेले को लेकर “काफी आकर्षित” थे।
लेखक अमीश त्रिपाठी ने खुलासा किया कि मस्क को दुनिया के सबसे बड़े मानवता के सम्मेलन, महाकुंभ मेले का औपचारिक निमंत्रण दिया गया। त्रिपाठी ने कहा, “हमने आध्यात्मिकता, चेतना, अंतरग्रहीय यात्रा, मौद्रिक नीति और इंजीनियरिंग जैसे कई विषयों पर चर्चा की। और महाकुंभ मेले का निमंत्रण भी दिया! आशा है कि मस्क इसमें शामिल हो सकेंगे।”
ओयो के संस्थापक थे शामिल
रितेश अग्रवाल और अमीश त्रिपाठी, स्पेसएक्स की स्टारबेस सुविधा में आयोजित इस बैठक का हिस्सा थे। अग्रवाल ने बैठक के कुछ दिलचस्प अनुभव साझा किए, जिसमें स्पेसएक्स में परोसा गया शाकाहारी भोजन भी शामिल था। उन्होंने कहा, “स्पेसएक्स में परोसी गई सबसे अविश्वसनीय शाकाहारी डिशेज। एक शाकाहारी के रूप में यह अनुभव शानदार था।”
मस्क ने प्रतिनिधिमंडल को स्पेसएक्स चॉपस्टिक्स उपहार में दीं। ये चॉपस्टिक्स “मेचाज़िला” लॉन्च टॉवर की धातु भुजाओं से बनाई गई हैं, जो सुपर हेवी बूस्टर की सफल वापसी की याद दिलाती हैं।
मस्क ने भारत को “प्राचीन और महान सभ्यताओं में से एक” बताया। उन्होंने भारत और अमेरिका के बीच गहरे व्यापारिक सहयोग की संभावना पर जोर देते हुए कहा, “चीजें सकारात्मक दिशा में बढ़ रही हैं। मैं अमेरिका और भारत के बीच व्यापार बाधाओं को कम करने और वाणिज्य को बढ़ावा देने के पक्ष में हूं।”
मस्क ने अंतरग्रहीय जीवन को अपने मिशन का महत्वपूर्ण हिस्सा बताया। उन्होंने हाल के तकनीकी विकास पर टिप्पणी करते हुए कहा कि यह “ऐसा महसूस होता है जैसे हम किसी सिमुलेशन में रह रहे हैं।”
प्रतिनिधिमंडल में शामिल प्रमुख व्यक्ति
रितेश अग्रवाल द्वारा साझा की गई तस्वीर में कई प्रमुख भारतीय बिजनेस लीडर्स शामिल थे, जिनमें फ्लिपकार्ट के सीईओ कल्याण रमण, आदित्य बिड़ला मैनेजमेंट के निदेशक आर्यमन बिड़ला, अपैरल ग्रुप के चेयरमैन नीलेश वेद, और लेखक अमीश त्रिपाठी नजर आए।
प्रतिनिधिमंडल को स्टारशिप फ्लाइट 7 के सफल लॉन्च और बूस्टर कैच को देखने का भी अवसर मिला। इस यात्रा ने विज्ञान, तकनीक और भारतीय संस्कृति के बीच एक अनोखा संबंध स्थापित किया।