भारतीय वित्त मंत्रालय ने कपास के आयात शुल्क पर दी छूट Photograph: (आईएएनएस)
नई दिल्लीः भारत सरकार ने ट्रंप टैरिफ पर जारी तनाव के बीच कपास के आयात शुल्क पर 30 सितंबर तक छूट दे दी है। भारत सरकार के इस फैसले को देश के परिधान उद्योग में राहत के रूप में देखा जा रहा है। यह उद्योग फिलहाल अमेरिका भेजे जाने वाले माल पर 50 प्रतिशत टैरिफ की मार झेल रहा है।
सरकार ने इसकी घोषणा 18 अगस्त को देर रात की, यह 19 अगस्त से प्रभावी होगा। गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ का ऐलान किया है। यह शुल्क इस महीने के आखिर में लागू होगा। अमेरिका ने इस कार्रवाई के पीछे भारत के रूस से तेल और अन्य सैन्य उत्पाद खरीदने को लेकर बताया है।
कपास के आयात पर लगता था 11 प्रतिशत शुल्क
छूट से पहले कपास के आयात पर करीब 11 प्रतिशत शुल्क लगता था। वित्त मंत्रालय ने इस बाबत एक अधिसूचना जारी की है जिसके मुताबिक केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने कहा 5201 शीर्षक के अंतर्गत सभी आयात जिसमें कच्चा कपास शामिल है। इन पर 19 अगस्त से 30 सितंबर तक कोई शुल्क नहीं लगेगा।
भारतीय वस्त्र उद्योग परिसंघ (सीआईटीआई) जैसे उद्योग निकायों ने सरकार से कपास आयात शुल्क समाप्त करने का आग्रह किया था ताकि इस क्षेत्र को और अधिक प्रतिस्पर्धी बनाया जा सके।
शेयर बाजार में देखने को मिला असर
समाचार एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार के इस फैसले का असर 19 अगस्त ( मंगलवार) को शेयर बाजार में भी देखने को मिला क्योंकि वर्धमान टेक्सटाइल्स, रेमंड लाइफस्टाइल, इंडो काउंट और वेलस्पन लिविंग जैसी कपड़ा कंपनियों के शेयरों में 3 से 8 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।
वहीं, भारत ने ट्रंप द्वारा लगाए गए इस टैरिफ को "अनुचित और अविवेकपूर्ण" बताया है।
भारत ने ट्रंप के टैरिफ के जवाब में क्या कहा?
भारत ने कहा है कि अमेरिका ने रूस से तेल और अन्य सैन्य उत्पादों की खरीदारी को लेकर भारत को निशाना बनाया है। भारत ने इस बाबत कहा है कि हमने पहले ही यह स्पष्ट किया है कि हमारा आयात बाजार कारकों पर आधारित है तथा इसका उद्देश्य 1.4 बिलियन भारतीय लोगों की ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
भारत ने अमेरिका द्वारा की गई कार्रवाई को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि कई अन्य देश भी अपने राष्ट्रीय हितों को देखते हुए ऐसे कदम उठा रहे हैं। इसमें यह भी कहा गया कि भारत अपने राष्ट्रीय हितों की सुरक्षा के लिए जरूरी कदम उठाएगा।