भारतीय सेना में साइबर और आईटी जैसे डोमेन विशेषज्ञों की भर्ती की हो रही तैयारी

अधिकारियों की भर्ती स्नातकोत्तर स्तर पर की जाएगी, जबकि सिपाहियों की भर्ती स्नातक स्तर पर की जाएगी। यह भर्ती प्रक्रिया पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए खुली होगी।

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indian trekkers Caught during anti-terror op in Zabarwan forests surrounding Srinagar dialed 100 Army pauses gunfire

प्रतिकात्मक फोटो (फोटो- IANS)

नई दिल्ली: भारतीय सेना आधुनिक युद्ध की तकनीकी मांगों को देखते हुए अपने नियमित कैडर में डोमेन विशेषज्ञों को शामिल करने की योजना बना रही है। उप सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल राकेश कपूर ने बताया कि इन विशेषज्ञों को शामिल करने का उद्देश्य सेना को पुनर्गठित करना और उसे आधुनिक युग के लिए तैयार करना है।

इस तरह के विशेषज्ञों की भर्ती पहले प्रादेशिक सेना (टीए) के जरिए की जा रही थी, लेकिन अब इस प्रक्रिया को नियमित भर्ती प्रणाली में भी शामिल किया जाएगा।

भारतीय सेना रूस-यूक्रेन युद्ध, हमास और इजराइल के संघर्षों को नजदीकी से देख रही है और युद्ध में उपयोग होने वाली उन्नत तकनीकों का अध्ययन कर रही है।

लेफ्टिनेंट जनरल कपूर ने कहा कि हालिया वैश्विक संघर्षों को ध्यान में रखते हुए, सेना की संरचना और रणनीतियों को विकसित करने की दिशा में काम किया जा रहा है। जनरल कपूर का कहना था कि डोमेन विशेषज्ञों को इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर, नॉन-कॉन्टैक्टिंग वारफेयर, कम्युनिकेशन वारफेयर और हाइब्रिड वारफेयर जैसे क्षेत्रों में नियुक्त किया जाएगा।

सेना में डोमेन विशेषज्ञों की भर्ती प्रक्रिया

डोमेन विशेषज्ञों की भर्ती के पहले चरण में 17 विशिष्ट प्रविष्टियां शामिल की जाएंगी, जिनमें रणनीतिक भाषाई विशेषज्ञों के लिए पांच प्रविष्टियां होंगी। अधिकारियों की भर्ती स्नातकोत्तर स्तर पर की जाएगी, जबकि सिपाहियों की भर्ती स्नातक स्तर पर की जाएगी।

यह भर्ती प्रक्रिया पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए खुली होगी। इन नई प्रविष्टियों के लिए जल्द ही विज्ञापन जारी किए जाने की संभावना है, और चयन प्रक्रिया सेवा चयन बोर्ड (एसएसबी) के इंटरव्यू के जरिए की जाएगी।

सेना के प्रौद्योगिकी समूहों पर ध्यान केंद्रित

भारतीय सेना 16 प्रमुख टेक्नोलॉजी क्लस्टर पर काम कर रही है, जो अत्याधुनिक प्रगति पर फोकस है। इनमें यह प्रमुख क्षेत्र में शामिल हैं।

- साइबर सुरक्षा और क्वांटम कंप्यूटिंग
- 5जी/6जी नेटवर्क और इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT)
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग और डीप लर्निंग
- निर्देशित ऊर्जा हथियार और रोबोटिक्स
- आरपीए (रिमोटली पायलटेड एयरक्राफ्ट), काउंटर-यूएएस, और लोइटरिंग म्यूनिशन
- ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी और 3डी प्रिंटिंग

इन प्रौद्योगिकियों के माध्यम से भारतीय सेना अपनी युद्ध क्षमता को और अधिक प्रभावी और उन्नत बनाने के लिए तैयार है।

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