रूस-यूक्रेन युद्ध का असर! भारतीय सेना ने 300 किमी रेंज वाले रॉकेट तैयार करने की बनाई योजना

देश की रक्षा और सीमा को सुरक्षित करने के लिए सेना पिनाका के आलावा कई और तरह के हथियारों की विकसित करने और खरीदने पर ध्यान दे रही है।

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Indian Army plans to develop 300 km range rocket by learning from Russia-Ukraine war pinaka Multi-Barrel Rocket Launch (MRLS) systems

प्रतीकात्मक तस्वीर (फोटो- IANS)

नई दिल्ली: उन्नत रॉकेट सिस्टम को विकसित कर भारतीय सेना अपनी लंबी दूरी की मारक क्षमताओं को बढ़ाने पर जोर दे रही है। इसी कड़ी में सेना द्वारा 300 किलोमीटर से भी अधिक दूरी वाले लक्ष्य को निशाना बनाने वाले रॉकेट सिस्टम पर काम किया जा रहा है।

इस जरूरत को पूरा करने के लिए स्वदेशी पिनाका रॉकेट प्रणाली को उन्नत किया जा रहा है। शुक्रवार को आर्टिलरी के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल अदोश कुमार ने कहा है कि पिनाका की मारक क्षमता को उसकी वर्तमान क्षमता से चार गुना तक बढ़ाने की योजना है।

पिनाका को विश्व स्तर पर सबसे उन्नत रॉकेट प्रणालियों में से एक बनाने का लक्ष्य है। आदोश कुमार ने भारत के आत्मनिर्भरता प्रयासों को लेकर पिनाका के महत्व पर जोर दिया है। उन्होंने कहा है कि इसके लड़ने की क्षमता को देखते हुए इसे अधिक रेजिमेंटों में शामिल किया जा रहा है।

भारतीय सेना पिनाका के आलावा कई और हथियारों को भी विकसित या फिर खरीदने पर काम कर रही है।

रूस यूक्रेन युद्ध का असर

रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध में लंबी दूरी वाले रॉकेटों ने अहम रोल अदा किया है। इन रॉकेटों ने यह साबित किया है कि कैसे लंबी दूरी के रॉकेट युद्ध के परिणाम को बदल सकते हैं। इन रॉकेटों ने कम लागत में दुश्मनों के खास ठिकानों को निशाना बनाने में काफी महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है।

इस युद्ध में इस तरह के रॉकेटों की सफलता को देखते हुए भारत ने भी पिनाका मल्टी-बैरल रॉकेट लॉन्च सिस्टम (एमआरएलएस) को विकसित करने का विचार किया है। सेना इस रॉकेटों को अपग्रेड कर उन्हें और भी शक्तिशाली बनाने पर काम कर रही है।

पिनाका को अपग्रेड कर उसकी रेंज बढ़ाने की योजना

मौजूदा दौरा में पिनाका मार्क-I रॉकेट 30 से 40 किलोमीटर वाले लक्ष्य को निशाना बना सकता है। वहीं इसकी निर्देशित विस्तारित संस्करण (मार्क-II) की रेंज 75 से 80 किलोमीटर है।

सेना अब इन रॉकेटों की रेंज को 120 किमी, 180 किमी और यहां तक ​​कि 300 किमी तक के लक्ष्य को टारगेट करने पर काम कर रही है। पिनाका के इस अपग्रेड से भारत की लंबी दूरी की मारक क्षमता और दूर से खतरों को रोकने की क्षमता में सुधार होगा।

भारतीय सेना द्वारा पहले ही 180 लॉन्चर इकाइयों के साथ पिनाका सिस्टम की 10 रेजीमेंट को सेवा में शामिल किया गया है। इसके और अधिक रेजीमेंटों का ऑर्डर दिया गया है और साल 2024 तक छह और रेजीमेंटों के शामिल होने की उम्मीद है।

सेना और क्या-क्या कर रही है

देश की रक्षा और सीमा को सुरक्षित करने के लिए सेना पिनाका के आलावा कई और तरह के हथियारों की विकसित करने और खरीदने पर फोकस कर रही है। सेना अपनी मारक क्षमता बढ़ाने के लिए लंबी दूरी तक मार करने वाले हथियार या आत्मघाती ड्रोन हासिल करने पर भी विचार कर रही है।

भारतीय सेना हाइपरसोनिक मिसाइलों को हासिल करने पर काम कर रही है। इसके आलावा सेना द्वारा सटीक हमला करने वाले क्षेत्र में अपनी क्षमताओं को और अधिक बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है। इसमें मध्यम दूरी के युद्ध हथियार, एडवांस ड्रोन और बिना रनवे वाली हवाई प्रणालियों की खरीद भी शामिल है।

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