भारतीय सेना ने महिला कमांडिंग अफसरों के प्रदर्शन पर लीक हुई चिट्ठी के मामले की जांच के आदेश दिए

सेना में महिलाओं की हिस्सेदारी पर कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल राजीव पुरी ने एक चिट्ठी लिखी था। इस चिट्ठी में महिला कमांडिंग अफसरों के प्रदर्शन पर टिप्पणी थी, जो लीक हो गई थी।

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New Delhi: Army Chief General Upendra Dwivedi addresses the annual press conference at the Manekshaw Centre in New Delhi on Monday, January 13, 2025. (Photo: IANS)

Army Chief General Upendra Dwivedi (Photo- IANS)

नई दिल्ली: सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने सोमवार को कहा कि सेना ने 'एक चिट्ठी के लीक' होने के मामले की कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी का आदेश दिया है। इस चिट्ठी में कुछ महिला अधिकारियों के प्रदर्शन को लेकर बातें कही गई थी। सेना प्रमुख ने कहा कि इस तरह की इंटरनल कम्यूनिकेशन वाली चिट्ठियों को लीक नहीं होना चाहिए थे।

जनरल द्विवेदी ने साथ ही कहा कि महिला अधिकारी बहुत अच्छा काम कर रही हैं और भविष्य में इनकी भर्ती की संख्या और बढ़ाने की कोशिश है। सेना प्रमुख ने कहा, 'पत्र लीक नहीं होना चाहिए था और इसकी कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी का आदेश दिया गया है। यह एक आंतरिक संचार का विषय था।'

क्या है सेना की लीक चिट्ठी का विवाद

दरअसल, कुछ दिन पहले आर्मी में महिलाओं की हिस्सेदारी पर कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल राजीव पुरी ने एक चिट्ठी लिखी था। पांच पन्नों की यह चिट्ठी पूर्वी सेना कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल राम चंद्र तिवारी को लिखी गई थी, जिसमें पूर्वी सेक्टर में महिला अधिकारियों की कमान वाली सेना इकाइयों को प्रभावित करने वाली कई समस्याओं की बात का जिक्र किया गया था।

चिट्ठी में कर्नल रैंक की महिला अफसरों में समझदारी, व्यवहार कुशलता की कमी की बात कही गई थी। साथ ही चिट्ठी में 'अहंकार संबंधी मुद्दे', अधिकार की कथित रूप से गलत समझ, 'शिकायतें करने की अत्यधिक प्रवृत्ति और 'सहानुभूति की कमी' आदि का भी जिक्र किया है। यह चिट्ठी हालांकि लीक हो गई थी, और विवाद में बदल गई।

सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने क्या कहा?

महिला अधिकारियों के कामकाज की सराहना करते हुए जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि सेना ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद महिला कमांडिंग ऑफिसर की नियुक्ति की है। उन्होंने ये भी बताया कि कैसे कोर्ट के आदेश के बाद तेजी में इस ओर कदम बढ़ाए गए।

सेना प्रमुख ने कहा, 'यह पहल सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर आधारित था, और पूरी प्रक्रिया तेज कर दी गई थी। जब हम सीओ (कमांडिग अफसर) की नियुक्ति करते हैं, तो हम उन्हें विभिन्न क्षेत्रों में अनुभव देते हैं। हम उन्हें विभिन्न कोर्स करवाते हैं। इन महिला सीओ को जूनियर कमांड कोर्स न कराकर छोटा कोर्स कराया गया। सैनिकों के साथ संपर्क और जुड़ाव कम था।'

सेना प्रमुख ने आगे कहा, 'बहुत सारे अपवाद उनकी (महिलाओं की सीओ पद के लिए) नियुक्ति के लिए बनाए गए। जब आपके पास ये स्थितियाँ होंगी, तो आपको आश्चर्य हो सकता है।'

उन्होंने कहा निश्चित तौर पर सेना में महिला कमांडिंग ऑफिसरों की संख्या लगातार बढ़ रही है। जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा, 'कुल मिलाकर अगर आप देखें, तो हमारे पास 115 महिला सीओ हैं, और 18 अन्य स्वीकृत हैं और भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं। आपको सबसे ज्यादा महिला सीओ उत्तरी कमान में मिलेंगी जहां मेरा उनके साथ प्रत्यक्ष अनुभव रहा है। आपको हमेशा हर तरह के अधिकारी मिलेंगे, लेकिन जहां भी मैंने देखा है...महिला अधिकारी बहुत परिपक्व, बहुत विचारशील और बहुत दयालु रही हैं।'

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