नई दिल्लीः अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भारत समेत कई देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ की रोक के बाद भारत जल्द ही व्यापारिक डील करने पर विचार कर रहा है। इस बारे में समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने सरकार के अधिकारी के हवाले से यह जानकारी दी है।
फरवरी में भारत और अमेरिका ने व्यापारिक समझौते के पहले चरण पर काम करने के लिए समझौता किया है। इस व्यापारिक डील का पहला चरण इस साल के अंत तक पूरा करना है। नई दिल्ली और वाशिंगटन के बीच साल 2030 तक 43 अरब रुपये (500 मिलियन डॉलर) की व्यापारिक डील पूरी करनी है।
भारत है पहला देश
एजेंसी ने रॉयटर्स के हवाले से लिखा कि भारत पहला देश है जिसने अमेरिका के साथ समझौते पर बातचीत शुरू की है। इसके लिए भारत ने समयसीमा पर भी संयुक्त रूप से सहमति जताई है।
केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि भारत और अमेरिका के विनिर्माता वर्षों से चीन की अनुचित व्यापार प्रथाओं से परेशान हैं। अधिकारी के मुताबिक, भारत चीन सहित अन्य देशों से आने वाले सामानों की संभावित डंपिंग का पता लगाने के लिए आयात पर जांच बढ़ाएगा।
इससे पहले बुधवार को डोनाल्ड ट्रंप ने अपने व्यापारिक सहयोगियों के साथ टैरिफ अस्थायी रूप से घटाने का ऐलान किया था। इन देशों में भारत भी शामिल है। अमेरिका द्वारा भारत पर रेसिप्रोकल टैरिफ 10 प्रतिशत है।
बाजार में दर्ज की गई भारी गिरावट
ट्रंप के टैरिफ ऐलान के बाद बाजार में भारी गिरावट दर्ज की गई। यह गिरावट कोरोना महामारी के बाद सर्वाधिक गिरावट दर्ज की गई। अमेरिका ने चीन पर 125 प्रतिशत का सर्वाधिक रेसिप्रोकल टैरिफ लगाया है।
अधिकारी ने कहा है कि टैरिफ पर रोक विशेष रूप से भारतीय झींगा निर्यातकों के लिए राहत भरी बात है। भारत के इस उद्योग को इक्वाडोर जैसी प्रतिस्पर्धियों की तुलना में टैरिफ के मामले में नुकसान का सामना करना पड़ा था।
इसके साथ ही करीब 14 खरब डॉलर के इलेक्ट्रानिक उत्पादों और नौ खरब डॉलर के रत्न और आभूषणों के व्यापार पर भी अमेरिकी टैरिफ का असर पड़ा था।