भारत को 2027 तक मिलेंगे सभी S-400 सिस्टम, Su-30MKI जेट्स के अपग्रेड भी रूस से आएंगे

रक्षा वार्ता के दौरान दोनों पक्षों ने रणनीतिक सहयोग को और बढ़ाने की प्रतिबद्धता जताई। भारत की ओर से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और रूस की ओर से उनके समकक्ष आंद्रे बेलौसोव ने शिरकत की।

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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीन में एससीओ रक्षा मंत्रियों की बैठक के दौरान रूसी रक्षा मंत्री आंद्रे बेलौसोव से मुलाकात की। Photograph: (Ians/एक्स/@राजनाथसिंह)

नई दिल्लीः भारत और रूस के बीच द्विपक्षीय रक्षा वार्ता के दौरान रूस ने भरोसा दिलाया है कि एस-400 (S-400) ट्रायम्फ एयर डिफेंस सिस्टम की बची दो स्क्वॉड्रन 2027 तक भारत को सौंप दी जाएंगी। यह बातचीत शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की रक्षा मंत्रियों की बैठक के दौरान हुई। 

इस अहम चर्चा में Su-30MKI लड़ाकू विमानों के आधुनिकीकरण, संयुक्त रक्षा उत्पादन, एयर-टू-एयर मिसाइल सिस्टम और अत्याधुनिक रक्षा तकनीकों के साझा विकास पर भी मंथन हुआ। भारत सरकार की ओर से शुक्रवार (27 जून) को इस बातचीत की जानकारी दी गई।

रक्षा वार्ता के दौरान दोनों पक्षों ने रणनीतिक सहयोग को और बढ़ाने की प्रतिबद्धता जताई। भारत की ओर से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और रूस की ओर से उनके समकक्ष आंद्रे बेलौसोव ने शिरकत की। दोनों देशों ने रक्षा प्लेटफॉर्मों के आधुनिकीकरण, संयुक्त निर्माण और तकनीकी हस्तांतरण जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर सहमति जताई।

आतंकी हमले पर रूस ने दिखाई भारत के प्रति एकजुटता

पहल्गाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में 25 भारतीय नागरिकों की मौत को लेकर रूस ने भारत के प्रति गहरी संवेदना प्रकट की। राजनाथ सिंह और बेलौसोव ने सीमापार आतंकवाद पर भी गंभीर चर्चा की और इस वैश्विक चुनौती से निपटने के लिए आपसी सहयोग मजबूत करने का संकल्प लिया। भारत सरकार के मुताबिक, ऑपरेशन सिंदूर के परिप्रेक्ष्य में यह बातचीत बेहद अहम रही, जिसने भारत की सामरिक प्रतिक्रिया और रक्षा क्षमता को वैश्विक पटल पर फिर स्थापित किया।

भारत और रूस ने दोहराया कि उनकी रक्षा साझेदारी दशकों पुरानी, भरोसेमंद और क्षेत्रीय स्थिरता की रीढ़ है। भू-राजनीतिक परिदृश्य, हथियार प्रणालियों का सहयोगी निर्माण और रणनीतिक आत्मनिर्भरता जैसे मुद्दों पर दोनों देशों की सोच काफी हद तक समान रही।

ऑपरेशन सिंदूर में एस-400 ने दिखाया था दम

रूस से मिलने वाला एस-400 ट्रायम्फ एयर डिफेंस सिस्टम भारत की सबसे उन्नत वायु रक्षा तकनीकों में से एक है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान 'एस-400' प्रणाली का इस्तेमाल किया गया और ब्रह्मोस मिसाइलों का उपयोग किया गया। इन हथियारों का प्रदर्शन अनुकरणीय था। भारत अब तक तीन स्क्वॉड्रनों को विभिन्न रणनीतिक सेक्टरों में तैनात कर चुका है।

रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते शेष दो स्क्वॉड्रन की आपूर्ति में देरी हुई थी, लेकिन अब रूस ने आश्वासन दिया है कि चौथी स्क्वॉड्रन 2026 में और पांचवीं 2027 में भारत को सौंप दी जाएगी। पाकिस्तान ने दावा किया था कि उसने एक एस-400 बैटरी को नष्ट कर दिया, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं उस सिस्टम के सामने खड़े होकर इस दावे को झूठा साबित किया, जब उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के बाद आदमपुर एयरबेस का दौरा किया।

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