नई दिल्ली: भारत ने अपनी नवनिर्मित परमाणु-संचालित पनडुब्बी आईएनएस अरिघात से परमाणु-सक्षम के-4 पनडुब्बी-लॉन्च बैलिस्टिक मिसाइल (SLBM) का सफल परीक्षण किया।
यह परीक्षण बुधवार सुबह विशाखापत्तनम के तट पर बंगाल की खाड़ी में हुआ, जो भारत की रणनीतिक रक्षा क्षमताओं में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। परीक्षण को लेकर अभी तक आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है।
के-4 बैलिस्टिक मिसाइल की मारक क्षमता 3500 किलोमीटर है जिसे छह हजार टन की क्षमता वाली आईएनएस अरिघात से लॉन्च किया गया। पनडुब्बी आईएनएस अरिघात एक बार में 12 के-15, चार के-4 और 30 टॉरपीडो ले जा सकती है।
यह पहली बार है जब के-4 मिसाइल का परीक्षण एक पूरी तरह से संचालित पनडुब्बी से किया गया है। इससे पहले इसके परीक्षण सबमर्सिबल पोंटून के जरिए किए गए थे।
Indian Navy yesterday carried out the test firing of the 3,500 Km K-4 ballistic missile from the newly-inducted nuclear submarine INS Arighaat. The test results are being analysed. The boat is operated by the Strategic Forces Command: Defence Sources pic.twitter.com/QzAMzMXm7V
— ANI (@ANI) November 28, 2024
मिसाइल परीक्षण के लिए पहले ही जारी की गई थी चेतावनी
सूत्रों ने मीडिया को बताया की कि मिसाइल के प्रदर्शन की बारीकी से विश्लेषण किया जाएगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि यह सभी इच्छित मापदंडों पर खरा उतरता है कि नहीं।
27 से 30 नवंबर के बीच होने वाले इस मध्यवर्ती दूरी के मिसाइल परीक्षण के लिए एक सार्वजनिक क्षेत्र चेतावनी और एयरमेन को नोटिस (एनओटीएएम) जारी किया गया था।
29 अगस्त को कमीशन किया गया आईएनएस अरिघात, भारत की दूसरी परमाणु-संचालित पनडुब्बी है जो परमाणु-युक्त बैलिस्टिक मिसाइलों या एसएसबीएन (शिप सबमर्सिबल बैलिस्टिक न्यूक्लियर) ले जाने में सक्षम है।
इस परीक्षण के साथ भारत पनडुब्बी के जरिए परमाणु हथियारों से हमला करने वाला एशिया का दूसरा देश बन गया है। पहले स्थान पर चीन है।
अगले साल आईएनएस अरिदमन को नौसेना में शामिल करने की संभावना
भारत की पहली परमाणु पनडुब्बी आईएनएस अरिहंत भी के-15 बैलिस्टिक मिसाइल ले जा सकती है जिसकी मारक क्षमता केवल 750 किलोमीटर ही है। इसके विपरीत आईएनएस अरिघात अधिक उन्नत के-4 मिसाइलों से लैस है और उसकी मारक क्षमता आईएनएस अरिहंत से बहुत अधिक है।
अगले साल भारतीय नौसेना में परमाणु पनडुब्बी आईएनएस अरिदमन को भी शामिल करने की संभावना है। यह के-4 और के-5 बैलिस्टिक मिसाइलों को ले जाने का क्षमता रखता है जिसकी रेंज पांच हजार किलोमीटर तक होगी।