नई दिल्लीः भारत ने तुर्की को सख्त संदेश देते हुए कहा है कि वह पाकिस्तान से सीमा पार आतंकवाद का समर्थन बंद करने को कहे। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि "हम उम्मीद करते हैं कि तुर्की पाकिस्तान से सीमा पार आतंकवाद को अपना समर्थन बंद करने और दशकों से उसके द्वारा पोषित आतंकी पारिस्थितिकी तंत्र के खिलाफ विश्वसनीय और सत्यापन योग्य कार्रवाई करने का पुरजोर विरोध करेगा।"
संवेदनशीलता के आधार पर बनाए जाते हैं संबंध
उन्होंने आगे कहा कि "संबंध एक-दूसरे की चिंताओं के प्रति संवेदनशीलता के आधार पर बनाए जाते हैं।"
वहीं, नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो द्वारा तुर्की द्वारा स्थापित सेलेबी एविएशन प्राइवेट लिमिटेड जो नौ हवाई अड्डों पर जमीनी सेवाएं प्रदान करती है, की सुरक्षा मंजूरी रदद् करने के बारे में सवाल पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि भारत में तुर्की दूतावास से इस बारे में चर्चा की गई है।
#WATCH | Delhi: On Turkey, MEA spokesperson Randhir Jaiswal says, "We expect Turkey to strongly urge Pakistan to end its support to cross-border terrorism and take credible and verifiable actions against the terror ecosystem it has harboured for decades. Relations are built on… pic.twitter.com/yD1dtEtG77
— ANI (@ANI) May 22, 2025
रणधीर जायसवाल की यह टिप्पणी भारत और तुर्की के बीच जारी तनाव के बीच आई है। हाल ही में पाकिस्तान के साथ हुए संघर्ष के दौरान तुर्की ने खुलकर पाकिस्तान का समर्थन किया था और पड़ोसी देश में आतंकी शिविरों पर भारत के हमलों की निंदा की थी। इसके साथ ही तुर्की ने पाकिस्तान को बड़े पैमाने पर तुर्की के ड्रोन उपलब्ध कराए थे।
ऑपरेशन सिंदूर
गौरतलब है कि भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान बढ़ गया था। दरअसल भारत ने पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में इस ऑपरेशन को अंजाम दिया था। भारत ने इस अभियान में पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) के आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया था। भारत द्वारा की गई कार्रवाई के जवाब में करीब 1भा00 आतंकी मारे गए थे।
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों को निशाना बनाते हुए आतंकियों ने हमला कर दिया था। यह हमला 22 अप्रैल को हुआ था। इसमें 26 लोग मारे गए थे। इस हमले की जिम्मेदारी द रेजिस्टेंट फ्रंट नामक संगठन ने ली थी जो प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा संगठन है।