नई दिल्ली: भारत ने पाकिस्तान के उस आरोप को सख्ती से खारिज कर दिया है जिसमें कहा गया था नई दिल्ली पड़ोसी देश में 'आतंकवाद को प्रायोजित' कर रहा है। भारत सरकार ने कहा है कि पाकिस्तान को दूसरों पर आरोप लगाने के बजाय अपने अंदर झांकना चाहिए। भारत का ताजा बयान बलूचिस्तान में एक ट्रेन के बलूच विद्रोहियों द्वारा हाइजैक करने को लेकर पाकिस्तान के आरोपों के बाद आया है।

भारत ने अपने पिछले रुख को दोहराते हुए कहा है कि इस्लामाबाद आतंकवाद का अड्डा है। विदेश मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है, 'हम पाकिस्तान द्वारा लगाए गए निराधार आरोपों को दृढ़ता से खारिज करते हैं। पूरी दुनिया जानती है कि वैश्विक आतंकवाद का केंद्र कहां है। पाकिस्तान को अपनी आंतरिक समस्याओं और विफलताओं के लिए दूसरों पर उंगली उठाने और दोष मढ़ने के बजाय अपने अंदर झांकना चाहिए।'

पाकिस्तान के सीनियर अधिकारी ने लगाया था आरोप

भारत सरकार की यह प्रतिक्रिया एक वरिष्ठ पाकिस्तानी अधिकारी द्वारा भारत पर 'आतंकवाद को प्रायोजित करने' का आरोप लगाए जाने के बाद आई है। पाकिस्तान के विदेश कार्यालय के प्रवक्ता शफकत अली खान ने कहा था कि ट्रेन पर हमला विदेश से प्रायोजित था।

खान ने कहा कि विद्रोही ट्रेन की घेराबंदी के दौरान अफगानिस्तान में स्थित अपने आकाओं के संपर्क में थे। जब उनसे पूछा गया कि क्या पाकिस्तान ने बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) गतिविधि के लिए अतीत में भारत को दोषी ठहराने की अपनी नीति बदल दी है, तो प्रवक्ता ने इनकार किया और कहा कि भारत के खिलाफ उनके आरोप आज भी लागू हैं।

पाकिस्तान अधिकारी ने पत्रकारों से कहा, 'हमारी नीति में कोई बदलाव नहीं हुआ है। और फिर, तथ्य नहीं बदले हैं। भारत पाकिस्तान के खिलाफ आतंकवाद को प्रायोजित करने में शामिल है। मैं जिस बात का जिक्र कर रहा था, वह यह थी कि इस विशेष घटना में, हमारे पास अफगानिस्तान से कॉल किए जाने के सबूत हैं। यही मैंने कहा।'

अफगानिस्तान ने भी जारी किया बयान

इस बीच, अफगानिस्तान के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर पाकिस्तान के दावों को खारिज किया है। अफगानिस्तान ने पाकिस्तान को बेबुनियाद आरोप लगाने के बजाय अपनी आंतरिक सुरक्षा को ठीक करने की नसीहत दी है। बता दें कि 11 मार्च को पाकिस्तान में जाफर एक्सप्रेस को बीएलए ने बंधक बना लिया था। क्वेटा से पेशावर जा रही ट्रेन में तब 400 से ज्यादा यात्री सवार थे।

करीब दो दिनों तक पाकिस्तानी सुरक्षाबलों ने ट्रेन को छुड़ाने के लिए ऑपरेशन चलाया जिसमें 58 लोगों की मौत हो गई। पाकिस्तान के अनुसार इनमें 21 यात्री, चार सैनिक और अलगाववादी संगठन बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) के 33 आतंकवादी शामिल थे। पाकिस्तान ने दावा किया कि उसने ऑपरेशन खत्म कर लिया है। हालांकि, बीएलए ने गुरुवार को एक बयान में कहा कि अभी भी कई बंधक उसके कब्जे में हैं।

बहरहाल, पाकिस्तान लगातार भारत पर बलूचिस्तान में अशांति पैदा करने के लिए बीएलए जैसे समूहों का समर्थन करने का आरोप लगाता रहा है। गरीबी और राजनीतिक हाशिए पर होने की वजह से बलूचिस्तान दशकों से विद्रोह झेल रहा है, जबकि पाकिस्तान ऐसी वजहों को मानन से इनकार करता है। दूसरी ओर भारत-पाकिस्तान संबंध 2019 के पुलवामा हमले के बाद बेहद बिगड़ गए थे और अब भी स्थिति सामान्य नहीं है।