नई दिल्ली: भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में पाकिस्तान द्वारा जम्मू-कश्मीर का उल्लेख किए जाने पर एक बार फिर कड़ी आपत्ति जताई है। भारत ने इस बात पर जोर दिया कि पाकिस्तान के इस तरह के बयान उनके क्षेत्रीय दावों को पुष्ट नहीं करते।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत पी हरीश ने शुक्रवार को इस्लामोफोबिया से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय दिवस मनाने के लिए आयोजित महासभा की बैठक के दौरान कहा, 'जैसा कि उनकी आदत है, पाकिस्तान के पूर्व विदेश सचिव ने आज भारतीय केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर का अनुचित संदर्भ दिया है।'
हरीश ने आगे कहा कि पाकिस्तान द्वारा बार-बार उल्लेख किए जाने से 'न तो उनके दावे को वैधता मिलेगी और न ही सीमा पार आतंकवाद के उनके अभ्यास को सही ठहराया जा सकेगा।'
'पाकिस्तान की कट्टर मानसिकता से सभी वाकिफ'
पी हरीश ने कहा, 'इस देश की कट्टर मानसिकता जगजाहिर है, साथ ही कट्टरता का उसका रिकॉर्ड भी। इस तरह के प्रयास इस वास्तविकता को नहीं बदलेंगे कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग था, है और हमेशा रहेगा।'
#WATCH | Permanent Representative of India to the United Nations, New York, Parvathaneni Harish, says, "As it is their habit, the former Foreign Secretary of Pakistan today has made an unjustified reference to the Indian Union territory of Jammu and Kashmir. Frequent references… https://t.co/ecbCQhPH0E pic.twitter.com/ZGVHe3LhAD
— ANI (@ANI) March 15, 2025
भारत की ओर से यह तीखी प्रतिक्रिया पाकिस्तान की पूर्व विदेश सचिव तहमीना जंजुआ द्वारा इस्लामोफोबिया से निपटने के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस मनाने के लिए आयोजित अनौपचारिक सभा में जम्मू और कश्मीर का जिक्र करने के बाद आई है।
बहरहाल, इस्लामोफोबिया के बारे में बात करते हुए हरीश ने अपने बयान में कहा, 'मुसलमानों के खिलाफ धार्मिक असहिष्णुता की घटनाओं की निंदा करने में भारत संयुक्त राष्ट्र के सदस्यों के साथ एकजुट है।'
उन्होंने कहा, 'यह पहचानना जरूरी है कि धार्मिक भेदभाव एक व्यापक चुनौती है जो सभी धर्मों के अनुयायियों को प्रभावित करती है। आस्था के मुद्दों पर किसी भी विचार-विमर्श का उद्देश्य एकजुट करना होना चाहिए, न कि विभाजन करना।'
ट्रैन हाइजैक मामले पर भारत दे चुका है नसीहत
इससे पहले भारतीय विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान द्वारा बलूचिस्तान में हाल ही में हुई ट्रेन अपहरण के मामले में भारत पर आरोप मढ़ने पर तीखा जवाब दिया था। भारतीय विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर आरोपों को निराधार बताते हुए खारिज किया था। साथ ही भारत ने पड़ोसी देश को खुद के अंदर झांकने की भी नसीहत दी थी।
विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा था, 'हम पाकिस्तान द्वारा लगाए गए निराधार आरोपों को दृढ़ता से खारिज करते हैं। पूरी दुनिया जानती है कि वैश्विक आतंकवाद का केंद्र कहां है। पाकिस्तान को अपनी आंतरिक समस्याओं और विफलताओं के लिए दूसरों पर उंगली उठाने और दोष मढ़ने के बजाय अंदर की ओर देखना चाहिए।'
गौरतलब है कि 11 मार्च को पाकिस्तान के जाफर एक्सप्रेस पर हमला हुआ था। ट्रेन 450 से अधिक यात्रियों के साथ क्वेटा से पेशावर जा रही थी, इसी दौरान बलूच लिबरेशन आर्मी के लड़ाकों ने इसे बंधक बना लिया था। घटना में 58 लोग मारे गए, जिनमें 21 यात्री, चार सैनिक और बलूच लिबरेशन आर्मी के 33 लड़ाके शामिल थे।