नई दिल्ली: भारत ने शनिवार को संयुक्त राष्ट्र में सिंधु जल संधि को लेकर पाकिस्तान द्वारा फैलाई जा रही भ्रामक जानकारी पर कड़ा पलटवार किया। भारत के संयुक्त राष्ट्र में स्थायी प्रतिनिधि पार्वथानेनी हरीश ने साफ शब्दों में कहा कि पाकिस्तान जब तक सीमा पार आतंकवाद का समर्थन नहीं रोकता, तब तक 65 साल पुरानी सिंधु जल संधि निलंबित रहेगी। दरअसल पाकिस्तान के प्रतिनिधि ने यूएन में इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि पानी जीवन है, युद्ध का हथियार नहीं। भारत ने इस पर तीखा जवाब दिया।

भारत ने 22 अप्रैल को पहुलगाम आतंकी हमले के एक दिन बाद सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया था। इस हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई थी और जांच में पाकिस्तान से आतंकियों के संबंध सामने आए थे।

मित्रता की भावना के कारण हुआ था सिंधु जल संधि

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि पार्वथानेनी हरीश ने पाकिस्तान के रवैये की कड़ी आलोचना करते हुए चार प्रमुख बिंदुओं में उसकी नीति और व्यवहार को उजागर किया। उन्होंने कहा कि भारत ने 65 साल पहले सिंधु जल संधि को सद्भाव और मित्रता की भावना से स्वीकार किया था, लेकिन पाकिस्तान ने तीन युद्ध थोपे और हजारों आतंकी हमलों के ज़रिये इस संधि की मूल भावना को लगातार तोड़ा है। हरीश ने बताया कि पिछले चार दशकों में भारत में 20,000 से अधिक नागरिक आतंकवाद की भेंट चढ़ चुके हैं, इसके बावजूद भारत ने संयम और धैर्य बनाए रखा।

दूसरे बिंदु में उन्होंने बताया कि जलवायु परिवर्तन, स्वच्छ ऊर्जा की बढ़ती ज़रूरतों, जनसंख्या वृद्धि और सीमा पार सुरक्षा खतरों को देखते हुए बांधों और जल संरचनाओं में तकनीकी सुधार जरूरी हो गया है। लेकिन पाकिस्तान हर बार ऐसे सुधारों में बाधा डालता रहा है। उन्होंने 2012 में जम्मू-कश्मीर की तुलबुल परियोजना पर हुए आतंकी हमले की भी याद दिलाई।

संधि में संशोधन की बात पर हर बार टालमटोल करता रहा पाकिस्तान

तीसरे बिंदु में हरीश ने कहा कि भारत ने बीते दो वर्षों में कई बार पाकिस्तान को संधि में संशोधन पर चर्चा के लिए बुलाया, लेकिन पाकिस्तान ने हर बार टालमटोल की नीति अपनाई और बातचीत से बचता रहा।

अंतिम बिंदु में उन्होंने स्पष्ट किया कि अब भारत ने यह निर्णय लिया है कि जब तक पाकिस्तान, जो वैश्विक आतंकवाद का केंद्र बन चुका है, सीमा पार आतंकवाद को विश्वसनीय और स्थायी रूप से बंद नहीं करता, तब तक सिंधु जल संधि स्थगित रहेगी।

'आतंक और वार्ता साथ नहीं चल सकते'

संयुक्त राष्ट्र में भारत ने दो टूक कहा कि "पाकिस्तान खुद सिंधु जल संधि का उल्लंघन करता रहा है और अब उसे अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने झूठ फैलाने से पहले अपने गिरेबान में झांकना चाहिए। भारत आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति पर कायम है।"

पहुलगाम हमले में सीमा पार आतंकवाद की पुष्टि के बाद भारत ने 7 मई को 'ऑपरेशन सिंदूर' किया और पाकिस्तान के साथ-साथ पीओके में आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए। जवाब में पाकिस्तान ने मिसाइल और ड्रोन से हमले किए जिन्हें भारत ने नाकाम कर दिया। इसके बाद भारत ने भी पाकिस्तानी हवाई अड्डों पर सटीक जवाबी कार्रवाई की। भारत ने पाकिस्तान के कई एयरबेसों को नुकसान पहुंचाया। युद्ध की तरफ बढ़ते दोनों देशों के बीच 10 मई को संघर्ष विराम पर सहमति बनी।