पाकिस्तानी आतंकवादियों को पकड़ने के लिए भारत-नेपाल ने चलाया संयुक्त अभियान

India और Nepal ने दोनों देशों की सीमा पर घने जंगलों के बीच संयुक्त अभियान चलाया। नेपाल में एक मरकज है जहां पर अक्सर पाकिस्तानी लोग आते रहते हैं।

india nepal joint operation in search for pakistan suspected terrorists

भारत-नेपाल ने चलाया संयुक्त अभियान, प्रतीकात्मक तस्वीर Photograph: (आईएएनएस)

नई दिल्लीः भारत और नेपाल ने अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर पेट्रोलिंग करते हुए शुक्रवार को आतंकियों को पकड़ने के लिए एक संयुक्त अभियान चलाया। भारत को यह खुफिया जानकारी मिली थी कि नेपाल में कुछ संदिग्ध आतंकी छिपे हुए हैं। 

भारत की सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) और नेपाल की आर्म्ड फोर्स ने यह संयुक्त अभियान चलाया। यह अभियान दोनों देशों के बीच घने जंगलों में चलाया गया। दोनों देश 1,700 किमी से अधिक सीमा साझा करते हैं। 

SSB कमांडेंट ने क्या बताया?

इस बाबत एसएसबी कमांडेंट गंगा सिंह ने इंडिया टुडे से बातचीत करते हुए कहा "सीमा पर पेट्रोलिंग करते हुए नेपाल के सैनिक आतंकवाद के विरुद्ध लड़ाई में हमारे साथ हैं। हमारे नेपाली सैन्य बलों के साथ अच्छे संबंध हैं। हर महीने दोनों देशों की सीमा बलों के सहयोग को लेकर बैठक होती है। वे अपनी खुफिया जानकारी हमारे साथ साझा करते हैं और हम उनके साथ ताकि संदिग्धों की पहचान हो सके।"

उन्होंने आगे कहा कि नेपालगंज क्षेत्र में एक मरकज था जहां पर विशेष अवसरों पर पाकिस्तानी लोग आते हैं। उन्होंने आगे कहा कि यदि कुछ गड़बड़ होती है तो ये लोग हमें सूचना देते हैं। 

उन्होंने आगे बताया कि एसएसबी नेपाल सीमा पर वाच टॉवर्स से नजर बनाए हुए है और अपनी इंसास तोपों के साथ किसी भी संकट से निपटने के लिए तैयार हैं। 

नेपाल ने भारत के साथ दिखाई एकजुटता 

भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच नेपाल सरकार ने भारत के साथ एकजुटता व्यक्त की है। 

इस संबंध में नेपाल विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा "नेपाल आतंकवाद के विरुद्ध लड़ाई में हमेशा सभी के साथ खड़ा है। अपने सैद्धांतिक रुख के अनुरूप नेपाल किसी भी विरोधी ताकतों को अपने पड़ोसी देशों के खिलाफ अपनी धरती का इस्तेमाल नहीं होने देगा।"

नेपाल सरकार द्वारा यह टिप्पणी सांसदों की ओर से आतंकवाद पर स्पष्ट रुख अपनाने के बाद से आई है। 

गौरतलब है कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव जारी है। इस हमले की जिम्मेदारी द रेजिस्टेंट फ्रंट नामक संगठन ने ली थी जो संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा है। 

इस हमले में 26 लोग मारे गए थे जिसमें एक नेपाल का नागरिक भी था। भारत ने इस हमले के बाद पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) के आतंकी ठिकानों को निशाना बनाते हुए 'ऑपरेशन सिंदूर' चलाया था। 

इसके बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव और बढ़ा और सीमा पर ड्रोन और मिसाइलें देखी गई। हालांकि 10 मई को दोनों देशों के बीच युद्धविराम की बातचीत के बाद से सीमा पर स्थिति सामान्य है। 

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