भारत को जल्द ही मिल सकते हैं अपाचे चॉपर विमान, 15 महीनों की हुई देरी

भारत को अमेरिका से जल्द ही अपाचे हेलीकॉप्टर विमान मिलने वाले हैं। ऑपरेशन सिंदूर के बाद ये विमान मिलने से भारत इन्हें पश्चिमी सीमा पर तैनात करेगा।

india may soon get apache chopper aircraft delayed by 15 months due to technical issues from america

अपाचे चॉपर विमान Photograph: (आईएएनएस)

नई दिल्लीः ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारतीय सेना पश्चिमी सीमा पर लड़ाकू क्षमताओं को बढ़ाने पर जोर दे रही है। इसी बीच भारत को अमेरिका से जल्द ही अपाचे लड़ाकू विमान मिलने वाले हैं। करीब 15 महीने बाद ये अपाचे हमलावर हेलीकॉप्टरों की डिलीवरी जल्द ही हो सकती है। भारत इन विमानों की तैनाती पश्चिमी सीमा पर करेगा।

आर्मी एविएशन कोर ने साल 2024 के मार्च में राजस्थान के जोधपुर में पहला अपाचे स्क्वाड्रन का गठन किया था। हालांकि, करीब 15 महीने तक इस स्क्वाड्रन के पास हमलावर हेलीकॉप्टर नहीं हैं।

इससे पहले अपाचे AH-64E हमलावर विमानों की कई बार डेडलाइन पूरी हो चुकी है। ये जहाज अमेरिका से आ रहे हैं। भारत और अमेरिका के बीच इसके लिए साल 2020 में 600 मिलियन डॉलर (लगभग 51 अरब रुपये) की डील हुई थी। भारतीय सेना को इस डील के तहत छह अपाचे हेलीकॉप्टर मई-जून 2024 तक मिलने वाले थे। हालांकि, यह टाइमलाइन आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान के चलते दिसंबर 2024 तक बढ़ा दी गई थी। 

इंडिया टुडे ने सूत्रों के हवाले से लिखा कि ये हेलीकॉप्टर इसी महीने भारतीय सेना के एविएशन कोर को मिल सकते हैं। 

शुरुआत में भारत में 6 हेलीकॉप्टर आने थे। ये तीन-तीन के बैच में आते और इसका पहला बैच मई-जून 2024 तक पहुंचने की संभावना थी। 

क्या रही देरी की वजह? 

रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने इस देरी की वजह तकनीकी खामियों को बताया गया है। अपाचे लड़ाकू विमानों का पहला बैच अगले कुछ हफ्तों में भारत को मिल सकता है। वहीं, इसका दूसरा बैच इस साल के अंत तक आने की संभावना है।

अपाचे AH-64E लड़ाकू विमान पश्चिमी सीमा पर भारतीय सेना को मजबूत प्रदान करने के लिए बनाए गए हैं। ये उन्नत चॉपर विमान अपनी चपलता, मारक क्षमता और उन्नत लक्ष्यीकरण विमानों प्रणालियों के लिए जाने जाते हैं। 

भारतीय वायु सेना ने पहले ही अपने बेड़े में 22 अपाचे हेलीकॉप्टर शामिल कर लिए हैं। इसके लिए साल 2015 में एक डील हुई थी। वहीं, अब भारतीय सेना इन्हें अपने बेड़े में शामिल कर अपनी क्षमताओं को बढ़ाने के लिए इंतजार कर रही है।

भारतीय सेना की एविएशन कोर सेना की परिचालन क्षमताओं का एक महत्वपूर्ण घटक है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सेना पश्चिमी सीमा पर अपनी क्षमता को बढ़ाने पर जोर दे रही है। ऐसे में सेना में इन विमानों के शामिल होने से मजबूती मिलेगी।

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