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नई दिल्लीः ईरान और इजराइल के बीच बढ़ते तनाव और सैन्य टकराव के बीच भारत सरकार ने ईरान में फंसे अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए 'ऑपरेशन सिंधु' की शुरुआत की है। इस विशेष निकासी अभियान का पहला चरण 17 जून को शुरू हुआ जिसके तहत ईरान के उत्तरी हिस्से में फंसे 110 भारतीय छात्रों को सुरक्षित रूप से सड़क मार्ग से आर्मेनिया की राजधानी येरेवान लाया गया।
18 जून की दोपहर 2:55 बजे, ये छात्र ज्वार्टनोट्स अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से विशेष विमान द्वारा भारत रवाना हुए और इनके 19 जून की सुबह नई दिल्ली पहुंचने की उम्मीद है।
विदेश मंत्रालय (MEA) के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने सोशल मीडिया पर जानकारी साझा करते हुए कहा, "ऑपरेशन सिंधु शुरू हो चुका है। भारत ने ईरान से भारतीय नागरिकों को सुरक्षित निकालने के लिए यह अभियान प्रारंभ किया है। हमारी प्राथमिकता विदेशों में रह रहे भारतीयों की सुरक्षा है।"
भारत ने ईरान और आर्मेनिया की सरकारों का आभार जताया
भारत सरकार ने इस जटिल निकासी प्रक्रिया में सहयोग के लिए ईरान और आर्मेनिया की सरकारों का आभार जताया है। मंत्रालय के अनुसार, भारतीय दूतावासों ने आर्मेनिया और ईरान के संबंधित अधिकारियों के साथ मिलकर छात्रों के लिए एक सुरक्षित और सम्मानजनक निकासी प्रक्रिया सुनिश्चित की।
इसके साथ ही, ईरान के संघर्षग्रस्त क्षेत्रों में फंसे अन्य भारतीय नागरिकों को भी अपेक्षाकृत सुरक्षित इलाकों में स्थानांतरित किया जा रहा है, ताकि आगामी चरणों में उनकी भी सुरक्षित निकासी हो सके।
हेल्पलाइन सेवा
भारत सरकार ने आपातकालीन संपर्क जानकारी भी जारी की है, ताकि जरूरतमंद लोग सहायता प्राप्त कर सकें:
भारतीय दूतावास, तेहरान:
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कॉल: +98 9128109115, +98 9128109109
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व्हाट्सऐप: +98 901044557, +98 9015993320, +91 8086871709
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ईमेल: cons.tehran@mea.gov.in
क्षेत्रीय संपर्क:
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बंदर अब्बास: +98 9177699036
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जाहेदान: +98 9396356649
विदेश मंत्रालय 24x7 कंट्रोल रूम, नई दिल्ली:
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टोल-फ्री: 800118797
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लैंडलाइन: +91-11-23012113 / 23014104 / 23017905
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व्हाट्सएप: +91 9968291988
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ईमेल: situationroom@mea.gov.in
सरकार की अपील
भारत सरकार ने ईरान में रह रहे सभी भारतीय नागरिकों से अपील की है कि वे भारतीय दूतावास और विदेश मंत्रालय के आधिकारिक चैनलों के संपर्क में रहें, अपडेट लेते रहें और कोई भी आवश्यकता होने पर तत्काल सहायता प्राप्त करें। सरकार ने यह भी दोहराया कि विदेशों में रहने वाले प्रत्येक भारतीय की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है।