नई दिल्लीः अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दो अप्रैल से दुनियाभर के देशों पर पारस्परिक टैरिफ (रेसिप्रोकल टैरिफ) लागू कर दिए हैं। ट्रंप के इस फैसले से दुनियाभर की अर्थव्यवस्थाएं नए विकल्पों की तलाश कर रही हैं। इस बीच भारत ने भी कहा है कि वह अमेरिका द्वारा 26 प्रतिशत टैरिफ लगाए जाने के बाद नए अवसरों की तलाश कर रहा है। 

इस संबंध में समाचार एजेंसी एएनआई ने वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के हवाले से लिखा "हम अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा किए गए विभिन्न उपायों के निहितार्थों का परीक्षण कर रहे हैं। विकसित भारत के सपने को ध्यान में रखते हुए विभाग भारतीय उद्योंगों और निर्यातकों समेत सभी हितधारकों के साथ संपर्क में है, टैरिफ के बारे में उनके आकलन पर फीडबैक ले रहा है और स्थिति का आकलन कर रहा है।"

मंत्रालय ने क्या कहा?

मंत्रालय ने आगे कहा "विभाग अमेरिकी व्यापार नीति में इस नए विकास के कारण उत्पन्न होने वाले अवसरों की भी तलाश कर रहा है।"

मंत्रालय ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने रेसिप्रोकल टैरिफ के बारे में एक कार्यकारी अध्यादेश जारी किया है जिसमें सभी व्यापारिक साझेदारों पर 10 प्रतिशत से लेकर 50 प्रतिशत तक का अतिरिक्त शुल्क लगाया जा रहा है। 

मंत्रालय द्वारा जारी बयान के मुताबिक, भारत पर लागू किए गए टैरिफ का 10 प्रतिशत पांच अप्रैल से लागू होगा और बचा हुआ नौ अप्रैल से प्रभावी होगा। मंत्रालय द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि कार्यकारी आदेश के अनुलग्नक-1 के मुताबिक भारत पर अतिरिक्त शुल्क 27 प्रतिशत लगाया गया है।  

अन्य देशों पर कितना लगाया गया टैरिफ

ट्रंप द्वारा जिन अन्य देशों पर भी टैरिफ का ऐलान किया गया है जिसमें जापान पर 24 प्रतिशत, दक्षिण कोरिया पर 25 प्रतिशत, यूनाइटेड किंगडम पर 10 प्रतिशत, आस्ट्रेलिया पर 10 प्रतिशत, पाकिस्तान पर 29 प्रतिशत, चीन पर 34 प्रतिशत टैरिफ लगाया गया है। 

भारत पर 26 प्रतिशत टैरिफ का ऐलान करते हुए ट्रंप ने कहा कि पीएम मोदी मेरे अच्छे मित्र हैं और वह अभी यहां से गए हैं। इसके साथ ही ट्रंप ने यह भी कहा कि मैंने उनसे कहा था कि वो मेरे अच्छे दोस्त हैं लेकिन हमारे साथ अच्छा व्यवहार नहीं कर रहे हैं। ट्रंप ने यह भी कहा कि भारत हम पर 52 प्रतिशत टैरिफ लगाता है। 

अब भारत पर टैरिफ लगाए जाने के बाद अधिकारियों पर वाशिंगटन के साथ व्यापारिक समझौतों के लिए दबाव बढ़ सकता है।