'ये दुष्ट देश', ख्वाजा आसिफ के टीवी इंटरव्यू का UN में जिक्र करते हुए भारत ने खोली पाकिस्तान की पोल

भारत ने यूएन में कहा कि पूरी दुनिया ने ख्वाजा आसिफ को हाल ही में एक टेलीविजन इंटरव्यू में आतंकवादी संगठनों को समर्थन, प्रशिक्षण और धन मुहैया कराने के पाकिस्तान के इतिहास को स्वीकार करते हुए सुना है।

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Photograph: (X)

न्यूयॉर्क: संयुक्त राष्ट्र (यूएन) में भारत ने एक बार फिर पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद को समर्थन देते रहने की नीतियों को लेकर उसकी कलई खोली है। यूएन में भारत की उप स्थायी प्रतिनिधि योजना पटेल ने मंगलवार (29 अप्रैल) को वैश्विक आतंकवाद को बढ़ावा देने और क्षेत्र को अस्थिर करने के लिए पड़ोसी देश की जमकर आलोचना की। पटेल ने यूएन में पाकिस्तान को एक 'दुष्ट देश' बताते हुए पड़ोसी देश के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ के हालिया टीवी इंटरव्यू का भी जिक्र किया।

इस टीवी इंटरव्यू में पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ये कबूल करते नजर आते हैं कि उनका देश वर्षों से आतंकवादी संगठनों का समर्थन करता रहा है। भारतीय प्रतिनिधि ने पाकिस्तान पर दुष्प्रचार फैलाने और भारत के खिलाफ निराधार आरोप लगाने के लिए अंतरराष्ट्रीय मंचों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया। योजना पटेल की यह टिप्पणी जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के करीब एक सप्ताह बाद आई है जिसमें 26 लोग मारे गए और कई घायल हुए थे।

'दुनिया अब आंखें मूंद कर नहीं रख सकती'

पटेल ने पाकिस्तान का नाम लिए बगैर कहा, 'यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक विशेष प्रतिनिधिमंडल ने इस मंच का दुरुपयोग करके दुष्प्रचार करने और भारत के खिलाफ निराधार आरोप लगाने का विकल्प चुना है। पूरी दुनिया ने पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ को हाल ही में एक टेलीविजन इंटरव्यू में आतंकवादी संगठनों को समर्थन, प्रशिक्षण और धन मुहैया कराने के पाकिस्तान के इतिहास को स्वीकार करते हुए सुना है। इस खुले कबूलनामे से किसी को आश्चर्य नहीं हुआ और यह पाकिस्तान को एक दुष्ट देश के रूप में उजागर करता है जो वैश्विक आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है और क्षेत्र को अस्थिर कर रहा है। दुनिया अब और आंखें मूंदकर नहीं रह सकती।'

पहलगाम आतंकी हमले का जिक्र करते हुए पटेल ने कहा, 'पहलगाम आतंकी हमला 2008 में हुए 26/11 के भयावह मुंबई हमलों के बाद से नागरिकों को मारे जाने की सबसे बड़ी घटना को दर्शाता है।' पटेल ने घटना के बाद दुनिया भर के नेताओं और सरकारों द्वारा दिए गए मजबूत और स्पष्ट समर्थन और एकजुटता के लिए भारत की ओर से आभार भी व्यक्त किया। उन्होंने इस समर्थन को 'आतंकवाद के प्रति अंतरराष्ट्रीय समुदाय की जीरो टॉलरेंस का प्रमाण' बताया।

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