विमान गिरे, ये महत्वपूर्ण नहीं...क्यों गिरे वो जानना जरूरी, पाकिस्तान का 6 जेट गिराने का दावा गलत: सीडीएस अनिल चौहान

सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने कहा कि अच्छी बात यह है कि हम अपनी सामरिक गलती को समझ पाए, उसका समाधान किया, उसे सुधारा और फिर दो दिन बाद लंबी दूरी पर निशाना साधते हुए अपने सभी जेट विमानों को फिर से उड़ाया।

CDS Anil Chauhan

Photograph: (IANS)

भारत की सेना ने पहली बार एक तरह से माना है कि हाल में पाकिस्तान के साथ संघर्ष में उसके लड़ाकू विमान को भी नुकसान पहुंचा है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में यह कहा गया है। हालांकि, किसी तरह के नंबर को लेकर पुष्टि नहीं की गई है। रिपोर्ट के अनुसार भारतीय सशस्त्र बलों के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने ब्लूमबर्ग से कहा कि भारत के लिए यह पता लगाना महत्वपूर्ण है कि जेट विमान क्यों गिरे। 

सिंगापुर में शांगरी-ला डायलॉग के अवसर पर चौहान ने कहा, 'महत्वपूर्ण बात यह नहीं है कि जेट विमान गिरा, बल्कि महत्वपूर्ण यह है कि वे क्यों गिरे। वे क्यों गिरे, क्या गलतियां हुईं। वो बातें ज्यादा महत्वपूर्ण हैं। नंबर जरूरी नहीं है।'

चौहान ने आगे कहा, 'अच्छी बात यह है कि हम अपनी सामरिक गलती को समझ पाए, उसका समाधान किया, उसे सुधारा और फिर दो दिन बाद उसे फिर से लागू किया और लंबी दूरी पर निशाना साधते हुए अपने सभी जेट विमानों को फिर से उड़ाया।'

विमानों की संख्या पर पाकिस्तान का दावा झूठा

भारत के 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान के साथ शुरू हुए संघर्ष के दौरान देश के लड़ाकू विमानों को हुए कथित नुकसान को लेकर किसी सैन्य अधिकारी की यह अब तक की सबसे सीधी टिप्पणी है। साथ ही जनरल चौहान ने पाकिस्तान की ओर से छह भारतीय जेट विमानों को गिराने के किए गए दावे को भी बिल्कुल गलत बताया।

इससे पहले इस महीने की शुरुआत में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा था कि उनके देश ने छह भारतीय लड़ाकू विमानों को मार गिराया। यह एक ऐसा दावा था जिसकी पुष्टि नहीं हुई है। भारत की सरकार इससे पहले अब तक इस बात पर टिप्पणी करने से परहेज करती रही है कि क्या संघर्ष में भारतीय सेना ने अपना भी कोई विमान खोया है। भारतीय सेना यह पुष्टि जरूर की दी थी कि उसके सभी पायलट सुरक्षित हैं।

ट्रंप और संघर्ष के परमाणु युद्ध के करीब पहुंचने जैसे दावों का क्या?

जनरल चौहान ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस दावे पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया कि अमेरिका ने परमाणु युद्ध को टालने में मदद की। हालांकि, साथ ही उन्होंने कहा कि ऐसा कहना "बेतुका" है कि दोनों पक्ष परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करने के करीब हैं। 

जनरल चौहान ने कहा, 'मुझे व्यक्तिगत रूप से लगता है कि पारंपरिक अभियानों के संचालन और परमाणु संघर्ष के बीच बहुत अंतर है।' उन्होंने कहा कि स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पाकिस्तान के साथ संचार के चैनल 'हमेशा खुले' थे। उन्होंने कहा कि तनाव बढ़ने के साथ-साथ और भी सीढ़ियां हैं जिनका उपयोग हमारे मुद्दों को सुलझाने के लिए किया जा सकता है और वो भी बिना परमाणु हथियारों का सहारा लिए हुए।

'पाकिस्तान को चीन और दूसरे देशों मिले हथियार फेल रहे'

जनरल चौहान ने चीन और अन्य देशों मिले कई हथियारों की प्रभावशीलता के बारे में पाकिस्तान के दावों को भी कमतर आंकते हुए कहा कि वे 'काम नहीं आए।' भारत के रक्षा मंत्रालय के तहत एक शोध समूह ने इस महीने कहा कि चीन ने भारत के साथ संघर्ष के दौरान पाकिस्तान को एयर डिफेंस और उपग्रह सहायता प्रदान की थी।

जनरल चौहान ने कहा, 'हम पाकिस्तान के भारी एयर डिफेंस वाले हवाई अड्डों पर 300 किलोमीटर अंदर, एक मीटर की सटीकता के साथ सटीक हमले करने में सक्षम थे।' उन्होंने कहा, 'हमने स्पष्ट लाल रेखा खींच दी हैं।'

भारत ने चलाया था ऑपरेशन सिंदूर

पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर (POJK) में आतंकी ठिकानों पर 6 और 7 मई की रात हमला किया था। इसके बाद जब पाकिस्तान ने मिसाइल और ड्रोन हमले शुरू किए, तो भारत ने पाकिस्तानी सेना पर हमला किया। चार दिनों तक चला संघर्ष 10 मई को पाकिस्तान के युद्ध विराम के अनुरोध के साथ समाप्त हुआ था।

भारत ने हालांकि इस दौरान चार दिनों में पाकिस्तान के एयर डिफेंस सिस्टम, रडार साइटों जैसे अन्य सैन्य स्थलों के अलावा कई पाकिस्तानी एयरबेस पर हमला किया था और कुछ पर भारी नुकसान पहुंचाया है। भारतीय रक्षा सूत्रों के अनुसार, भारतीय वायु सेना (IAF) ने चार हवाई ठिकानों को निशाना बनाया था। इन घटनाक्रमों के बाद इस्लामाबाद को युद्ध विराम की मांग करने पर मजबूर होना पड़ा था।

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