भारत-चीन सीमा पर पीछे हटीं सेनाएं, दिवाली पर एक दूसरे को दीं मिठाइयां

रक्षा सूत्रों ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश में भी इसी तरह की व्यवस्था पर काम किया जा रहा है, जहां यांग्त्से, असाफिला और सुबनसिरी घाटियों में गतिरोध पैदा हो गया था।

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india china armies distributed sweets to each other on Diwali when both Armies retreated on lac in Ladakh

भारत-चीन सीमा पर पीछे हटीं सेनाएं, दिवाली पर एक दूसरे को दीं मिठाइयां (फोटो- IANS)

लद्दाख: भारतीय और चीनी सैनिकों ने गुरुवार को दिवाली के अवसर पर लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर कई सीमा चौकियों पर एक दूसरे को मिठाइयां दी हैं। लद्दाख में चुशुल माल्डो और दौलत बेग ओल्डी, अरुणाचल प्रदेश में बंछा (किबुतु के पास) और बुमला और सिक्किम में नाथुला में दोनों सेनाओं के बीच मिठाइयां बांटी गई है।

समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, दोनों सेनाओं के बीच दिवाली पर मिठाइयों को गिफ्ट करने की प्रक्रिया भारत और चीन द्वारा एलएसी पर टकराव वाले बिंदुओं से पीछे हटने की प्रक्रिया के पूरी होने के एक दिन बाद हुआ है। यह परंपरा गुरुवार को पांच नामित सीमा कार्मिक बैठक (बीपीएम) प्वाइंटों पर देखी गई है।

पूर्वी लद्दाख के डेपसांग मैदानों और डेमचोक क्षेत्रों में फिर से गश्त शुरू करने के लिए वेरिफिकेशन प्रोसेस जारी है जो फिजिकली और मानव रहित हवाई वाहनों (यूएवी) के जरिए किया जा रहा है।

दोनों देशों की सेना न केवल सीमा वाले अपने पोजीशनों से पीछे हट रही है बल्कि वहां लगे अस्थायी संरचनाओं को भी हटा रही हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अरुणाचल प्रदेश में एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि यह प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है।

बता दें कि साढ़े चार साल पहले चीनी घुसपैठ के बाद पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर भारत और चीन के बीच सैन्य गतिरोध पैदा हो गया था। पिछले हफ्ते, भारत ने यह घोषणा करने की थी कि देपसांग मैदान और डेमचोक में पेट्रोलिंग को लेकर चीन के साथ समझौता हुआ है। बाद में बीजिंग ने भी इसकी पुष्टि की थी।

देपसांग के मैदानों में भारतीय सेना अब कर सकेंगी गश्त

सेना के सूत्रों ने बताया कि वेरिफिकेशन प्रोसेस पूरी होने के बाद अगले दो दिनों में समन्वित गश्त शुरू हो जाएगी। दोनों पक्षों की ओर से पहले से सूचना दे दी जाएगी ताकि टकराव की स्थिति पैदा न हो।

देपसांग के मैदानों में अब भारतीय सैनिक ‘अड़चन’ वाले क्षेत्र से आगे गश्त कर सकेंगे। पहले चीनी सेना भारतीय सैनिकों को पेट्रोलिंग प्वाइंटों तक पहुंचने से रोक रही थी।

हाल ही में सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने सीमा से सैनिकों के पीछे हटने पर बोलते हुए कहा था कि हम अपने चीनी समकक्ष के बीच "विश्वास बहाल करने की कोशिश" कर रहे हैं।

द्विवेदी ने यह भी कहा है कि यह विश्वास तब बनेगा जब हमलोग मिलेंगे और उन्हें समझाने के साथ उन्हें आश्वस्त भी करेंगे कि हम बफर जोन का सम्मान करते हैं।

अरुणाचल प्रदेश में भी गतिरोध खत्म करने पर चल रहा है काम

डेमचोक में अब भारतीय सैनिक ट्रैक जंक्शन और चार्डिंग नाला पर पेट्रोलिंग प्वाइंटों तक पहुंच सकेंगे। हालांकि साल 2020 में गतिरोध के बाद लद्दाख में बड़ी संख्या में भारतीय सैनिकों की तैनाती तब तक जारी रहेगी, जब तक कि चीन के साथ सीमा पर पेट्रोलिंग तंत्र पर व्यापक सहमति नहीं बन जाती।

रक्षा सूत्रों ने कहा, "जब तक आपसी विश्वास का माहौल स्थापित नहीं हो जाता, तब तक निकट भविष्य में लद्दाख से किसी भी सैनिक को वापस बुलाने की कोई योजना नहीं है।" सूत्रों ने आगे कहा कि अरुणाचल प्रदेश में भी इसी तरह की व्यवस्था पर काम किया जा रहा है, जहां यांग्त्से, असाफिला और सुबनसिरी घाटियों में गतिरोध पैदा हो गया था।

समाचार एजेंसी आईएएनएस के इनपुट के साथ

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