स्वतंत्रता दिवस पर स्वदेशी हथियारों से दी जाएगी 21 तोपों की सलामी, ऑपरेशन सिंदूर के दौरान किया गया था इस्तेमाल

स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर ऑपरेशन सिंदूर के दौरान इस्तेमाल हुई स्वदेशी हथियारों से 21 तोपों की सलामी दी जाएगी। ये तोपें ब्रिटिश पाउंडर गन की जगह लेंगी जिनका इस्तेमाल इससे पहले किया जाता था।

INDEPENDENCE DAY 21 GUN SALUTE WITH INDIGENOUS GUNS USED IN OPERATION SINDOOR

स्वतंत्रता दिवस पर स्वदेशी हथियारों से दी जाएगी सलामी Photograph: (आईएएनएस)

नई दिल्लीः स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर इस साल 21 तोपों की सलामी देने के लिए स्वदेशी तोपों का इस्तेमाल किया जाएगा। हाल में पाकिस्तान के खिलाफ 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान इन तोपों का इस्तेमाल किया गया था। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर 21 तोपों की सलामी देने की परंपरा है,  सैनिकों को सम्मान देने के लिए तोपों की सलामी दी जाती है। 

इस साल स्वतंत्रता दिवस समारोह में इन स्वदेशी 105 मिमी लाइट फील्ड गन का प्रदर्शन होगा। इन स्वदेशी हथियारों ने ब्रिटिश पाउंडर गन की जगह ले ली है, जिनका इस्तेमाल स्वतंत्रता दिवस समारोह में इससे पहले किया जाता था। 

लाइट फील्ड गन का होगा इस्तेमाल

15 अगस्त पर आठ लाइट फील्ड गन का इस्तेमाल होगा जो 52 सेकंड में 21 राउंड की फायरिंग करेंगी। इस दौरान पीएम मोदी लाल किले की प्राचीर से झंडा फहराएंगे।

ये पहली ऐसी स्वदेशी गन हैं जिनकी रेंज 17.2 किलोमीटर तक है और यह एक मिनट में छह राउंड फायर करने में सक्षम हैं। इन्हें पहली बार 1982 में ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड द्वारा विकसित किया गया था और तब से देश की सीमा पर इसके कई वर्जन की तैनाती की गई है।

1000 किलोग्राम तक कम है वजन

105 मिमी लाइट फील्ड गन इसके पिछले वर्जन का उन्नत रूप हैं। पूर्व की गन की तुलना में इनका वजन करीब 1000 किलोग्राम तक कम है। 

इस साल का स्वतंत्रता दिवस इस लिहाज से भी खास है कि कि ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के 100 दिन पूरे होंगे जिसमें पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) के आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया था। इसमें भारतीय हथियारों का घातक क्षमता को रेखांकित किया है। इनमें पश्चिमी सीमा पर तैनात भारतीय हथियार भी शामिल हैं।

 ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के करीब 100 आतंकी मारे गए थे। इसके बाद पाकिस्तान की तरफ से भी प्रतिक्रिया आई, जिससे दोनों देशों के बीच संघर्ष बढ़ा। यह संघर्ष 3 दिनों तक जारी रहा और 10 मई को दोनों देशों के बीच संघर्षविराम हुआ।

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