बेंगलुरु: कर्नाटक में कांग्रेस द्वारा मतदान में धांधली के कई आरोपों के बीच अब राज्य से भाजपा के राज्यसभा सांसद लहर सिंह सिरोया ने बड़ा आरोप राज्य के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया पर लगाया है। उन्होंने इस संबंध में चुनाव आयोग को पत्र भी लिखा है। भाजपा राज्य सभा सांसद की ओर से लिखे गए इस पत्र में 2018 के विधानसभा चुनावों के दौरान बागलकोट जिले के बादामी निर्वाचन क्षेत्र में चुनावी कानूनों के उल्लंघन का आरोप लगाया है। सिद्धारमैया उस चुनाव में जीत गए थे और बाद में मुख्यमंत्री बने थे।

12 अगस्त को लिखे अपने पत्र में सिरोया ने दावा किया कि पूर्व केंद्रीय मंत्री और सिद्धारमैया के करीबी सहयोगी सी एम इब्राहिम ने हाल ही में एक सार्वजनिक भाषण में इसका खुलासा किया था।

भाजपा सांसद ने पत्र में कहा है, 'उनके भाषण की रिकॉर्डिंग में 2018 के कर्नाटक विधानसभा चुनावों में बादामी निर्वाचन क्षेत्र में वोटों की खरीद-फरोख्त के संबंध में एक दावा है, जिसमें वरिष्ठ राजनीतिक हस्तियों की संलिप्तता का सीधा संदर्भ है। अगर ये आरोप सही हैं, तो ये चुनावी कानूनों के गंभीर उल्लंघन और तत्काल सार्वजनिक महत्व का मामला है।' पत्र में भाजपा सांसद ने चुनाव आयोग से 'इन खुलासों पर ध्यान देने और मामले को कानूनी रूप से उचित तरीके से आगे बढ़ाने' का आग्रह किया है।

इससे पहले शनिवार को इब्राहिम की टिप्पणी को लेकर जवाब देते हुए सिद्धारमैया ने कहा था कि उन्होंने 2018 के विधानसभा चुनावों के दौरान केवल दो बार बादामी का दौरा किया था, और उन्हें जमीनी स्तर पर मामलों की 'जानकारी नहीं' थी।

2018 के कर्नाटक विधानसभा चुनाव में क्या हुआ था?

कर्नाटक में 2018 के विधानसभा चुनाव में सिद्धारमैया ने दो सीटों - मैसूर जिले की चामुंडेश्वरी और बादामी - से चुनाव लड़ा था। उन्होंने अपनी पारंपरिक सीट वरुणा को अपने बेटे के लिए छोड़ दिया था। सिद्धारमैया 2008 में वरुणा सीट के गठन के बाद से ही इसका प्रतिनिधित्व करते आ रहे थे।

चामुंडेश्वरी के अलावा, बादामी से भी चुनाव लड़ने के सिद्धारमैया के फैसले को एक विकल्प के रूप में देखा गया। ऐसा इसलिए क्योंकि चामुंडेश्वरी को एक कठिन सीट माना जा रहा था।

भाजपा ने बादामी में सिद्धारमैया के खिलाफ पूर्व मंत्री और राजनीतिक रूप से कद्दावर नेता बी. श्रीरामुलु को मैदान में उतारा। इस निर्वाचन क्षेत्र में जोरदार प्रचार हुआ, जिसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जैसे नेताओं ने रैलियों में हिस्सा लिया।

चुनाव पूर्व सर्वेक्षणों में बादामी में कड़े मुकाबले की भविष्यवाणी की गई थी। आखिरकार सिद्धारमैया 1,696 मतों के मामूली अंतर जीत हासिल करने में कामयाब रहे थे।

राहुल गांधी के वोट चोरी के आरोपों के बीच भाजपा का आरोप

सिरोया का ताजा पत्र विपक्ष के नेता राहुल गांधी द्वारा 'वोट चोरी' के आरोपों के बीच आया है। राहुल गांधी ने दावा किया है कि 2024 के लोकसभा चुनावों में बैंगलोर सेंट्रल सीट के महादेवपुरा क्षेत्र में भाजपा के पक्ष में 1 लाख से ज्यादा वोट 'चुराए' गए।

सिरोया ने मंगलवार को एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि इब्राहिम ने एक 'चौंकाने वाला खुलासा' किया है। सांसद ने लिखा, 'उन्होंने कहा है कि उन्होंने वरिष्ठ कांग्रेस नेता बी बी चिमनकट्टी के साथ मिलकर 2018 में 3000 वोट खरीदने में मदद की थी, ताकि सिद्धारमैया बादामी सीट से विधानसभा चुनाव जीत सकें।'

सांसद ने कहा, 'अंतिम गिनती में बादामी में सिद्धारमैया की जीत का अंतर मात्र 1696 वोट था। यह एक अपमानजनक अंतर था...नोटा के वोट 2007 थे, जो उनकी जीत के अंतर से ज्यादा थे। इब्राहिम 2018 में एक प्रमुख कांग्रेसी नेता थे, और सभी संदर्भों और दावों के अनुसार, अपने दोस्त के चुनाव के प्रभारी थे।'

सिरोया ने इब्राहिम से पूछा है कि वह वोट कैसे खरीद पाए, इसका खुलासा करें। सांसद ने आगे कहा, 'उन्होंने यह भी कहा है कि सिद्धारमैया ने इस खरीद के लिए भुगतान किया था, लेकिन भुगतान करने में छह महीने लग गए। चुनाव आयोग को एक ऐसे व्यक्ति के घोर चुनावी भ्रष्टाचार के दावे पर ध्यान देना चाहिए जो खुद एक विधायक और केंद्रीय मंत्री रह चुका है, और इसकी जाँच का आदेश देना चाहिए।'