बिहार में महागठबंधन की सरकार में आवंटित 826 करोड़ के 300 से ज्यादा ठेके रद्द, बांका जिले में सबसे अधिक 106 कॉन्ट्रैक्ट हुए कैंसिल

बिहार के बांका जिले में सबसे ज्यादा और आरा जिले में सबसे कम ठेकें रद्द किए गए हैं।

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In Bihar more than 300 contracts worth Rs 826 crore allotted in Grand Alliance government were cancelled maximum 73 contracts canceled in Banka district

नीतीश कुमार (फोटो- IANS)

पटना: बिहार में एनडीए सरकार ने पिछली राजद के नेतृत्व वाली 'महागठबंधन' सरकार के दौरान दिए 350 ठेकों को रद्द कर दिया है। पीएचईडी मंत्री नीरज कुमार सिंह ने कहा कि लोक स्वास्थ्य इंजीनियरिंग विभाग की जांच के बाद यह फैसला लिया गया है।

बता दें कि बिहार में जब महागठबंधन की सरकार थी तब 17 महीनों में 4,600 करोड़ रुपए के 1,160 ठेकें दिए गए थे। पीएचईडी मंत्री सिंह ने कहा है कि इन 1160 में से 350 ठेकों को रद्द किया गया है और बाकी की समीक्षा की जा रही है।

पीएचईडी मंत्री के अनुसार, नियमों को ताक पर रखकर ये ठेकें दिए गए थे। उन्होंने कहा है कि जांच में पता चला कि ठेकें देने में उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया, ऐसे में इन्हें रद्द किया गया है।

गौरतलब है कि बिहार के ग्रामीण इलाकों में हैंडपंप और पानी की आपूर्ति के लिए मिनी जल सिस्टम को लगाने के लिए ये ठेकें दिए गए थे। पीएचईडी मंत्री ने कहा है कि ठेकों के दिए जाने में नियनों के उलंघन करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।

दोषियों के खिलाफ होगी सख्त कार्रवाई

नीरज कुमार सिंह ने कहा है कि इस मामले में गहन जांच के बाद इसकी शुरुआती रिपोर्ट संबंधित विभाग को भेजा गया है। उन्होंने कहा है कि अगर इसमें कोई भी दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

बिहार में जब महागठबंधन की सरकार थी उस समय राजद नेता ललित यादव पीएचईडी मंत्री थे। हालांकि सिंह ने ठेकों को दिए जाने में हुई कथित गड़बड़ी को लेकर कुछ और नहीं कहा है और न ही उन्होंने इस मामले से जुड़ी कोई और जानकारी भी दी है।

इन जिलों के इतने ठेकें हुए हैं रद्द

पीटीआई द्वारा उपलब्ध दस्तावेजों के मुताबिक, बिहार के बांका जिले में सबसे ज्यादा ठेकें रद्द किए गए हैं। यहां पर 106 कंट्रैक्स को कैंसिल किया गया है। इसके बाद जमुई में 73 , लखीसराय में 20, औरंगाबाद में 18 और आरा में 11 ठेकों को रद्द किया गया है।

मामले में राजद ने क्या कहा है

महागठबंधन की सरकार के दौरान दिए गए कई ठेकों में से 350 ठेकों को रद्द करने पर बोलते हुए राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी कहा है कि बिहार में एनडीए की सरकार डरी हुई है।

तिवारी ने दावा किया है कि उनके नेता तेजस्वी यादव के प्रभाव और पिछली सरकार द्वारा की गई कल्याणकारी पहल से यह सरकार डरी हुई है और इस कारण ऐसे कदम उठाए जा रहे हैं।

मामले में जांच चलने पर बोलते हुए तिवारी ने कहा है कि राजद किसी भी जांच से नहीं डरता है। उन्होंने कहा है कि एनडीए सरकार अपनी जांच आगे बढ़ा सकती है।

नीतीश कुमार के एनडीए में शामिल के बाद शुरू हुई थी समीक्षा

बता दें कि जनवरी में बिहार के सीएम नीतीश कुमार महागठबंधन से अलग हो गए थे और एनडीए में शामिल हो गए थे। उनके एनडीए में शामिल होने के बाद पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और राजद मंत्रियों के नेतृत्व वाले विभागों द्वारा लिए गए सभी फैसलों की समीक्षा करने का आदेश दिया गया था।

महागठबंधन की सरकार में पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और तत्कालीन आरजेडी के दो मंत्रियों ललित यादव और रामानंद यादव के विभागों द्वारा लिए गए सभी फैसलों की समीक्षा के आदेश दिए गए थे।

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